चुन्नीलाल प्रधान की रिपोर्ट
हरिद्वार में हैरान करने वाला एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। दिल्ली का एक परिवार 5 साल के बच्चे को लेकर हर की पौड़ी पहुंचा था। यहां बच्चे की मौत हो गई।
मौके पर मौजूद लोगों का आरोप है कि बच्चे को डुबाकर मार दिया गया और ऐसा करने वाली उसकी मां खुद है। सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस बच्चे को जिला अस्पताल ले गई जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
प्रथम दृष्टया जो बात सामने आई है और हैरान करने वाली है। छानबीन में पता चला है कि बच्चे को ब्लड कैंसर था। उसका इलाज दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में चल रहा था। बच्चे के मां-बाप को ऐसी उम्मीद थी कि गंगा में डुबकी लगाने पर चमत्कार होगा और वो ठीक हो जाएगा।
मंत्रों का करते रहे जाप, चीखता रहा बच्चा
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि बच्चे के अभिभावक हर की पौड़ी के किनारे मंत्रों का जाप करते रहे, जबकि बच्चे की मां और चाची ने उसकी तेज चीख को नजरअंदाज करते हुए उसे बार-बार गंगा में डुबकी लगवाई, जिससे दम घुटने से उसकी मौत हो गई।
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पुलिस अधिकारियों ने बताया कि आसपास खड़े लोगों ने महिला को रोकने की कोशिश की लेकिन उसने उनकी बात मानने से इनकार कर दिया।
क्या कहना है पुलिस का
हर की पौड़ी पुलिस थाने की प्रभारी भावना कैंथोला ने बताया कि प्रत्यक्षदर्शियों ने पुलिस को घटना की सूचना दी। थाना प्रभारी ने बताया कि बच्चे के माता-पिता और चाची को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है। उन्होंने बताया कि बच्चा ब्लड कैंसर से पीड़ित था और अपने माता-पिता के साथ दिल्ली में रहता था। उन्होंने बताया कि डूबने से बच्चे की मौत हो गई। उन्होंने कहा कि मामले में आगे पूछताछ की जा रही है।
टैक्सी ड्राइवर ने सुनाई पूरी कहानी
ड्राइवर कुलदीप कुमार ने बताया कि वह सुबह करीब नौ बजे परिवार को दिल्ली से अपनी टैक्सी में लेकर हरिद्वार पहुंचा था। ड्राइवर का कहना है कि जब वे लोग बालक को लेकर उसकी गाड़ी में बैठे थे, तभी से बालक बीमार दिखाई दे रहा था। उसे कंबल में लपेटा हुआ था। हरिद्वार तक उसकी तबीयत ज्यादा खराब होती दिखाई पड़ रही थी। उसके अनुसार, परिजन बालक की तबीयत ज्यादा खराब होने और गंगा स्नान कराने की और मेडिकल ट्रीटमेंट की बात टैक्सी में कर रहे थे।
अंधविश्वास में गई बच्चे की जान
पुलिस ने बताया कि बच्चे को ब्लड कैंसर होने की बात सामने आई है। बताया जा रहा है कि डॉक्टरों ने उसे जवाब दे दिया था। लिहाजा, परिवार बच्चे को यहां लेकर आया था। उनको विश्वास था कि ऐसा कराने से बच्चा ठीक हो जाएगा। महिला भी बच्चे के शव को घाट पर लेकर बैठ गई थी। वह कभी हंस रही थी, तो कभी वहां मौजूद लोगों को भगा रही थी। वह यह दावा भी कर रही थी कि बच्चा अभी जिंदा होकर खड़ा हो जाएगा। मगर, ऐसा नहीं हुआ. फिलहाल, पुलिस गंगाराम अस्पताल की रिपोर्ट को दिखवा रही है।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."