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19 January 2025 8:52 am

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पति, पत्नी और वो के त्रिकोण में फंसी मौत का खुलासा जब हुआ तो सब रह गए दंग…बेरहमी की इंतहा

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चुन्नीलाल प्रधान की रिपोर्ट

कानपुर देहात: सिकंदरा में चाट विक्रेता की तीन दिन पहले हथौड़े से वार करके की गई हत्या की गुत्थी रविवार को सुलझ गई। 

घटना के बाद परिजन कह रहे थे कि उनकी किसी से रंजिश नहीं है इससे पुलिस और उलझ गई थी। हालांकि पुलिस की छानबीन में एक सुराग मिला की मृतक की पत्नी फोन पर किसी से लंबी बात करती है। यहीं से पुलिस उसके प्रेमी तक पहुंच गई। दोनों को गिरफ्तार कर पुलिस घटना का खुलासा कर दिया।

सिकंदरा रसधान के दीपक (30) का शव 19 जनवरी की सुबह गांव के पास मदनपुर मार्ग किनारे खेत में रक्तरंजित हालत में पड़ा मिला था। दीपक की हत्या पर परिजन कुछ समझ नहीं पा रहे थे। 

दरअसल गरीबी में गुजर बसर कर रहे इस परिवार की किसी से कोई रंजिश नहीं है। परिजनों को ये अंदाजा नहीं था कि बेटे की हत्या की साजिश घर में रची गई है। पुलिस हत्या की वजह ढूंढने में लगी थी तभी पता चला कि दीपक की पत्नी की किसी से फोन पर लंबी बात होती है। इस दिशा में जांच आगे बढ़ते ही घटना की कड़ी से कड़ी जुड़ती चली गई।

पुलिस ने दौलतपुर फफूंद औरैया के रवि को गिरफ्तार किया उससे कड़ाई से पूछताछ हुई तो उसने बताया कि दीपक की पत्नी कामिनी से उसके शादी से पहले प्रेम संबंध है। उसकी शादी होने के बाद भी रोज बात होती थी। ये बात दीपक को पता चल गई। उसने विरोध करना शुरु कर दिया। इस पर उसे रास्ते से हटाने की योजना बना कर घटना को अंजाम दे डाला। 

एएसपी राजेश पांडेय ने बताया कि मृतक की पत्नी और उसके प्रेमी को गिरफ्तार कर आला कत्ल हथौड़ा और एक 315 बोर का तमंचा व दो कारतूस बरामद किए गए हैं।

चाट का ठेला लेकर लगाता था गांवों में फेरी

दीपक के पिता दयाशंकर गुप्ता दिव्यांग हैं। उन्होंने बताया कि दीपक एकलौत बेटा था। वह चाट का ठेला लेकर आसपास के गांवों में फेरी लगाकर बिक्री करता था। चाट और पानी पूरी बिक्री से जो आमदनी होती थी उससे घर का खर्च चलता था। 

उसकी हत्या के बाद परिवार के भरण पोषण का संकट खड़ा हो गया। साथ ही पांच साल का पौत्र है उसके पालन पोषण की जिम्मेदारी और बढ़ गई।

खुलासा होने पर हैरत में है दीपक का परिवार

दीपक की शादी सात साल पहले कामिनी के साथ हुई थी। दोनों के पांच साल का बेटा नैतिक है। दीपक के मां की कई साल पहले मौत हो गई थी। घर में दीपक के पिता दयाशंकर हैं। वह दिव्यांग है इससे ज्यादा चल नहीं पाते हैं।

बेटे की हत्या की साजिश बहू ने रची थी ये जानकारी होते ही उनके पैरों तले जमीन खिसक गई। दयाशंकर ने बताया कि घर में बहू अकेली रहती थी दीपक ठेला लेकर फेरी के लिए निकल जाता था देर शाम वह घर लौटता था। 18 जनवरी को गया लेकिन नहीं लौटा। उसके पास फोन भी नहीं रहता था इससे कोई जानकारी नहीं हो सकी। 19 की सुबह उसका शव पड़ा मिला।

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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