चुन्नीलाल प्रधान की रिपोर्ट
प्रभु राम की अयोध्या वापसी होने में अब केवल कुछ ही घंटे बचे हैं। इससे पहले राज्य पुलिस ने रविवार को बताया कि शहर के चारों ओर भारी सुरक्षा घेरा बना दिया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्राण प्रतिष्ठा समारोह के आसपास अनुष्ठान करेंगे, जिसे सोमवार को चुनिंदा संतों द्वारा संचालित किया जाना है।
22 जनवरी के समारोह से पहले लता मंगेशकर चौक पर रैपिड एक्शन फोर्स (आरपीएफ) के जवानों को तैनात किया गया था। अधिकारियों ने बताया कि पुलिस बीच-बीच में सरयू नदी पर नाव से गश्त कर रही है। अयोध्या के महर्षि वाल्मिकी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर बम निरोधक दस्ते और डॉग स्क्वायड टीमों को भी तैनात किया गया था, क्योंकि भक्तों और गणमान्य व्यक्तियों का मंदिर शहर में आना शुरू हो गया था।
अधिकारियों ने बताया कि हवाईअड्डे पर पहुंचने और जाने वाले वाहनों की गहन जांच की जा रही है और किसी को भी बिना पास के हवाईअड्डे में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जा रही है। अधिकारियों के अनुसार, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) ने आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए अयोध्या में मंदिर के पास एक शिविर स्थापित किया है।
एनडीआरएफ के पुलिस उपमहानिरीक्षक मनोज कुमार शर्मा ने एएनआई को बताया, “22 जनवरी को ‘प्राण प्रतिष्ठा’ समारोह से पहले एनडीआरएफ की तीन टीमों को यहां तैनात किया गया है। यह तैनाती स्थानीय प्रशासन और पुलिस के समन्वय से की गई है।”
उन्होंने कहा, “हमारी एक टीम घाटों पर तैनात की गई है। हम सभी प्रकार की आकस्मिकताओं से निपटने के लिए तैयार हैं।” अयोध्या के आईजी प्रवीण कुमार ने कहा कि शहर में कड़ी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए संबंधित एजेंसियों के समन्वय से आवश्यक तैयारी पहले ही कर ली गई है।
अयोध्या आईजी ने कहा, “दर्शकों ने ‘प्राण प्रतिष्ठा’ के लिए आना शुरू कर दिया है। हम ड्रोन कैमरों और मानव खुफिया के माध्यम से कड़ी निगरानी सुनिश्चित कर रहे हैं। सभी सुरक्षा खामियों की पहचान की जा रही है और प्राथमिकता के आधार पर उन्हें संबोधित किया जा रहा है। हमें विश्वास है कि 22 जनवरी को होने वाला मेगा इवेंट बिना किसी रोक-टोक के संपन्न होगा।”
प्राण प्रतिष्ठा तक जाने वाली औपचारिक यात्रा 16 जनवरी, 2024, मंगलवार को शुरू हुई। इससे पहले, गुरुवार, 19 जनवरी को प्रसिद्ध मैसूर मूर्तिकार अरुण योगीराज द्वारा बनाई गई श्री राम लल्ला की मूर्ति को मंदिर के गर्भगृह के अंदर रखा गया था। घूंघट से ढकी हुई मूर्ति की पहली तस्वीर गुरुवार को गर्भगृह में स्थापना समारोह के दौरान सामने आई थी।
इस भव्य अवसर में गणमान्य व्यक्तियों और जीवन के सभी क्षेत्रों के लोगों की भागीदारी देखी जाएगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 22 जनवरी को भव्य मंदिर में रामलला की मूर्ति की स्थापना में शामिल होने के लिए तैयार हैं। प्राण प्रतिष्ठा के मुख्य अनुष्ठान करने वाले पुजारियों की टीम का नेतृत्व वाराणसी के पुजारी लक्ष्मीकांत दीक्षित करेंगे।
Author: samachar
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