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November 22, 2024 3:08 am

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प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शंकराचार्य के शामिल नहीं होने पर योगी जी के मंत्री ने पढिए क्या कहा? 

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जगदंबा उपाध्याय की रिपोर्ट

बलिया : अयोध्या के भव्य राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर पूरे देश में जश्न का माहौल है। जहां विपक्ष के नेताओं के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल होने पर सियासत गरमाई हुई है। वहीं, कार्यक्रम में शंकराचार्यों के शामिल नहीं होने का मुद्दा भी चल रहा है। इसी को लेकर UP सरकार के मंत्री दयाशंकर मिश्र दयालु का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि शंकराचार्य बहुत ही महत्वपूर्ण पद है, पीठ है। धर्म के वो सर्वोच्च गुरु हैं। ऐसे में उनका वहां न पहुंचना उनका अपना निर्णय है।

दरअसल, रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर पुरी के गोवर्धन पीठ के शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने कहा था कि राम मंदिर उद्घाटन में शास्त्रीय विधि का पालन नहीं किया जा रहा है। स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने कहा था कि, ‘रामजी शास्त्रीय विधा से प्रतिष्ठित नहीं हो रहे हैं इसलिए राम मंदिर उद्घाटन में मेरा जाना उचित नहीं है। इसी को लेकर UP सरकार के मंत्री दयाशंकर मिश्र दयालु का ने कहा कि शंकराचार्य धर्म के वो सर्वोच्च गुरु हैं। ऐसे में उनका वहां न पहुंचना उनका अपना निर्णय है। वहीं, प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम शास्त्रों के अनुसार न होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि उनका ऐसा कहना आश्चर्य प्रकट करता है।

वहीं, मायावती के इंडिया गठबंधन में जाने के सवाल पर दयाशंकर मिश्र दयालु ने कहा कि यह विपक्ष का गठबंधन है। जो भारतीय जनता पार्टी को सत्ता में आने से रोकने का गठबंधन है। वह नहीं चाहते हैं कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीसरी बार प्रधानमंत्री बने, लेकिन उनके सपने कभी सरकार नहीं होंगे। आप देख रहे है कि कैसे देश भारतीय जनता पार्टी के साथ खड़ा है। उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी जी की गारंटी के साथ खड़ा है। उनके गारंटी का जो रथ निकला था, पूरे देश में जिस तरीके से जन मानस ने अपना सहयोग दिया। जिस तरीके से देश नरेंद्र मोदी जी के हर फैसले पर प्रधानमंत्री को ही अपना गारंटी मानता है।

उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी जी के पास खड़ा होने के हैसियत में विपक्ष का कोई नेता नहीं है। सारे लोग एक दूसरे के ऊपर खड़े हो जाएंगे। तो  भी शायद नरेंद्र मोदी जी के लंबाई को छुपाना उनके बस की बात नहीं है। यह गठबंधन की उम्र आप जान लीजिए, 5 राज्यों के चुनाव में यह गठबंधन टूटता प्रतीत हुआ। आपस में गाली गलौज तक की नौबत आ गई। गठबंधन नहीं बन सका 24 अभी दूर है और 24 के पहले यह गठबंधन कितना कामयाब होगा यह एका बना रहेगा कि नहीं रहेगा,इसी पर बहुत बड़ा प्रश्न चिन्ह है। वहीं, अखिलेश यादव कह रहे हैं कि निमंत्रण नहीं मिला है के सवाल पर प्रभारी मंत्री ने कहा कि मुझको नहीं लग रहा है कि विपक्ष के किसी नेता को ऐसा कहने का अधिकार है। क्योंकि सबको निमंत्रण पत्र भेजे गए हैं। 

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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