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November 22, 2024 7:52 pm

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12 वीं फेल 4 बदमाशों ने मिलकर खड़ा कर दिया बदमाश कंपनी और फिर करोड़ों की ठगी, सन्न रह जाएंगे आप

25 पाठकों ने अब तक पढा

आनंद शर्मा की रिपोर्ट

जयपुर: जयपुर में बैठकर विदेशी लोगों से करोड़ों रुपए की साइबर ठगी करने वाले 4 बदमाश पुलिस की रिमांड पर है। पूछताछ के दौरान कई चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। जानकारी मिली है कि ओटीटी प्लेटफार्म पर मूवीज और वेब सीरीज बेचने वाली लगभग सभी देशी विदेशी बड़ी कंपनियों का सर्वर इन बदमाशों ने हैक कर लिए थे। पुलिस की गिरफ्त में आए साइबर ठगों नामी कंपनियों को करोड़ों रुपए का चूना लगा दिया था। सर्वर हैक करके मूवीज और वेब सीरीज डाउनलोड करने के बाद सस्ते दाम में खुद के बनाए ओटीटी प्लेटफार्म से बेच देते थे।

पब्जी खेलकर एक दूसरे के संपर्क में ठग

बिहार के रहने वाले अभिषेक कुमार ने साइबर ठगी के प्रयास शुरू किए थे। कुछ दिनों बाद पब्जी गेम खेलने के दौरान गौत्तम बाबानी से दोस्ती हो गई। 

अभिषेक ने बाबानी से अपने घर बुलाया और साइबर ठगी की प्लानिंग की। पहले साइबर ठगी से जुड़े वीडियो देखे फिर ठगी में महारत हासिल करने के लिए जामताड़ा के ठगों से ट्रेनिंग ली। बिहार और तेलंगाना के सायबर ठगों से भी साइबर ठगी के तरीके सीखे। बाद में अभिषेक और गौत्तम बाबानी ने मिलकर साइबर ठगी का नेटवर्क खड़ा कर दिया।

चार साइबर ठग, चारों 12वीं फेल

डीसीपी नॉर्थ राशि डूडी डोगरा ने बताया कि पहले अभिषेक कुमार और गौत्तम बाबानी ने जयपुर में किराए का मकान लेकर साइबर ठगी के लिए एक कंट्रोल रूम स्थापित किया। वर्क लोड बढा तो बाबानी ने अपने मौसी के बेटे दो भाइयों को भी भीलवाड़ा से जयपुर बुला लिया। 

पैसों के लालच में आकर रोहित और राहुल भी जयपुर आ गए। अभिषेक और बाबानी ने इन दोनों को भी काम सिखा दिया। बाद में चारों मिलकर सुबह से शाम तक ऑनलाइन ठगी करने में ही व्यस्त रहने लगे। हैरानी की बात यह है कि ऑनलाइन करोड़ों रुपए की साइबर ठगी करने वाले ये चारों बदमाश 12वीं फेल है।

विदेशी नागरिकों के डेबिट क्रेडिट कार्ड से क्रिप्टोकरेंसी में निवेश

विद्याधर नगर थाना प्रभारी दिलीप खदाव के मुताबिक 12वीं फेल होने के बावजूद भी ये साइबर ठग कम्प्युटर सिस्टम और इंटरनेट के मास्टर माइंड हैं। उन्हें दुनिया की सभी बड़ी कॉर्पोरेट कंपनियों के बारे में जानकारी है। 

सरकारी वेबसाइट को भी ये लोग कुछ ही मिनट में क्रेक कर लेते हैं। इन बदमाशों के निशाने पर अमूमन विदेशी नागरिक ही रहते थे। विदेशी लोगों के क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड से वर्चुअल क्रिप्टो करेंसी की कंपनियों में निवेश करते थे।

लोकेशन हाइड करने में माहिर

पुलिस के मुताबिक साइबर ठगी का यह खेल पिछले चार साल से चल रहा था। इस दौरान इन्होंने बार बार नया मकान किराए पर लिया। विदेशों के साथ देश के कई राज्यों की बड़ी कंपनियों से भी करोड़ों रुपए की ठगी की। 

कई राज्यों में ठगी के मामले सामने आए लेकिन आरोपियों के बारे में अब तक कोई पता नहीं लगा सका क्योंकि ये बदमाश हाईटेक कंप्यूटर के जरिए अपनी लोकेशन हाइड कर लेते थे। ऐसे में अब तक उन्हें कोई नहीं पकड़ पाया। 

जयपुर पुलिस को भी मुखबिर के जरिए जानकारी मिली थी जिसके बाद यह बड़ा खुलासा संभव हो सका।

samachar
Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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