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24 February 2025 12:24 am

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सरकारी विद्यालयों में दलित छात्रों के साथ हो रहे भेदभाव को लेकर ज़िला बेसिक शिक्षा अधिकारी को सौंपा ज्ञापन

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संजय सिंह राणा की रिपोर्ट

चित्रकूट। अखिल भारतीय नारीवादी मंच के सार्वजनिक उद्घाटन 3 जनवरी 2024 को सावित्रीबाई फुले की जयंती के उपलक्ष्य में चित्रकूट कलेक्टिव ऑफिस में दोपहर 1 से 3 बजे तक पब्लिक बैठक आयोजित की गई l अखिल भारतीय नारीवादी मंच (एन.ए.पी.एम.) का आरंभ (एन.ए.पी.एम.)के भीतर और बाहर कई वर्षों और कई महीनों की प्रक्रियाओं का नतीजा है अखिल भारतीय स्तर पर विविध स्वतायत आंदोलनों,श्रमिक वर्ग और अन्य हासिये के संदर्भों में स्थित नारीवादियों का एक संगठित और लोकतांत्रिक देशव्यापी ढांचा खड़ा करना, इन प्रक्रियाओं का एक प्रमुख उद्देश्य था हम 2024 की शुरुआत देश के विभिन्न जगहों पर अखिल भारतीय नारीवादी मंच के औपचारिक उद्घाटन के साथ करना चाहेंगे इस मंच के माध्यम से हम सावित्रीबाई फुले,फातिमा शेख फुलो मुर्मू , झानो मुर्मू जैसे अग्रणी नारीवादियों की विरासत को आगे बढ़ाने का प्रयास करेंगे साथ में अलग-अलग पीढ़ियों के उन सब नारीवादी प्रणेताओं और संघर्षों से भी ताकत लेते हुए हम आगे बढ़ेंगे जिन्होंने पितृ सत्ता को खत्म करने और सार्थक सामाजिक राजनीतिक परिवर्तन लाने के लिए बहादुरी से लड़े थे और आज भी लड़ रहे हैं l

हम नारीवादी समूहों और एन. ए.पी.एम. के सदस्यों से 3 जनवरी( सावित्रीबाई फुले जयंती )से 9 जनवरी (फातिमा शेख जयंती) तक अखिल भारतीय नारीवादी मंच के उद्घाटन सप्ताह के रूप में मनाने का आग्रह करते हैं l

इस पब्लिक मीटिंग के जरिए हम चित्रकूट के सरकारी स्कूलों में खुलेआम चल रहे जातिगत भेदभाव का पर्दाफाश कर रहे हैं चित्रकूट कलेक्टिव की जांच पड़ताल में पिछले साल ऐसे कई गंभीर मामले सामने आए हैं जिसमें दलित छात्रों पर शारीरिक और मानसिक हिंसा हो रही है l

दलित छात्रों पर स्कूल की सफाई, घास की कटाई ,मिड डे मील बनवाने का काम जैसे काम थोपे जा रहे हैं दलित छात्रों को आज भी शिक्षा से वंचित किया जा रहा है उनकी कॉपी चेक नहीं हो रही है ना उनको पढ़ाई करने के लिए गाइड बुक दिए जा रहे हैं अन्य कास्ट के शिक्षक सरेआम जातिवादी अपशब्दों का इस्तेमाल कर रहे हैं इन शिक्षकों की वजह से सरकारी स्कूल शिक्षा के मंदिर नहीं बल्कि समाज में जातिवाद को बनाए रखने के कारखाने बना रहे हैं इस पर हमारी रिपोर्ट द वायर नामक राष्ट्रीय मीडिया में छपी थी l

चित्रकूट कलेक्टिव की संपादक मीरा जाटव द्वारा बताया गया कि हमारी जांच में 2023 में सोनेपुर के सरकारी स्कूल में दलित छात्रों को बुरी तरह से मारा पीटा गया था व उनके साथ लगातार जातिगत भेदभाव हो रहा है इसकी शिकायत करने पर भी शिक्षा विभाग कोई एक्शन नहीं ले रहा है इसी तरह तरांव गांव के सरकारी स्कूल में भी दलित छात्रा को मारा पीटा गया था व इस स्कूल में शिक्षिका की लापरवाही हर जगह दिख रही है यह शिक्षिका न ही क्लास में पढ़ाने जाती हैं और ना ही बच्चों को खासकर दलित बच्चों की शिकायत सुन रही है l

बच्चों को पढ़ाने के लिए अन्य छात्रों को क्लास में भेजती हैं और ख़ुद स्कूल के परिसर में अपने परिवार के सदस्यों को बिठाया जा रहा है जिनका वहां कोई काम नहीं है शिक्षा विभाग की तरफ से क्या एक्शन लिया गया है यह किसी को मालूम नहीं है l

सावित्री मां के जन्मदिन पर हम सब इस मुद्दे को सामने ला रहे हैं चित्रकूट के सरकारी स्कूल में जातिगत भेदभाव के लिए कोई जगह नहीं होनी चाहिए ऐसा क्यों हो पा रहा है इन स्कूलों में दलित छात्र ही नहीं दलित शिक्षक भी डर के माहौल में जी रहे हैं l

सरकारी स्कूलों की दुर्दशा को देखकर चित्रकूट कलेक्टिव और अन्य क्षेत्रीय संस्थाएं जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को ज्ञापन सौंपकर निम्नलिखित मांगे रखी हैं …

1.सोनेपुर के सरकारी स्कूल में हुए हादसे की रिपोर्ट पब्लिक को साझा करें स्कूल की प्रधानाध्यापिका के खिलाफ क्या एक्शन लिया गया है l
2.तरांव गांव के सरकारी कंपोजिट स्कूल के केस में जांच पड़ताल का नतीजा पब्लिक से साझा किया जाए स्कूल की शिक्षिका के खिलाफ क्या एक्शन लिया गया है l

3.चित्रकूट जिले के सरकारी स्कूलों में बीएसए द्वारा बढ़ते जातिवाद भेदभाव पर सर्वे होना चाहिए जिसके फाइंडिंग पब्लिक को साझा करना चाहिए l

4.दलित शिक्षकों पर हो रही जातिवादी हिंसा पर क्या एक्शन लिया जा रहा है ?

5.स्कूलों में दलित छात्रों से सफाई ,कटाई और मिड डे मील बनवाने का काम बंद किया जाना चाहिए अगर सफाई की जिम्मेदारी सब की है तो शिक्षकों समेत सब छात्र को इस अभियान में भाग लेना चाहिए l

6.जातिवादी भाषा और अपशब्द इस्तेमाल करने वाले शिक्षकों को काम से सस्पेंड किया जाना चाहिए l

7.दलित छात्रों को अपनी समस्याएं बेझिझक रखने के लिए शिक्षा विभाग को स्पेशल सेल गठित करना चाहिए दलित छात्र ही नहीं बल्कि दलित शिक्षकों को भी ऐसे सेफ स्पेस की जरूरत है ज़िला बेसिक शिक्षा अधिकारी को सौंपे गए ज्ञापन में चित्रकूट कलेक्टिव व अन्य संगठनों द्वारा यह मांग की गई है l

चित्रकूट कलेक्टिव की संस्थापक मीरा जाटव ने बताया कि जब भी हम सरकारी स्कूलों की समस्याओं को लेकर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय पहुंचते हैं तो अक्सर ऑफिस बंद मिलता है जब शिकायती पत्र किसी अन्य माध्यम से भेजा जाता है तो जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी महोदय द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की जाती है l

आज़ दिनांक 3जनवरी 2024को जब चित्रकूट कलेक्टिव की संस्थापक मीरा जाटव अपने सहयोगी संगठनों के पदाधिकारियों सहित जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय पहुंची तो वहां पर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी नहीं मिले जब यह कहा गया कि ज्ञापन कौन लेगा तो कई तरह के जवाब मिले लेकिन बाद में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी की स्टेनो द्वारा ज्ञापन लिया गया और डाक में रिसीव कराया गया है l

अब देखना यह है कि ज़िला बेसिक शिक्षा अधिकारी महोदय द्वारा सौंपे गए ज्ञापन में कोई कार्यवाही की जायेगी या फिर यह शिकायती पत्र जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय के फाइलों में दबकर धूल फांकता रहेगा l

जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को ज्ञापन सौंपते समय चित्रकूट कलेक्टिव मोनिका ,पहल ट्रस्ट की संस्थापक कलावती, उम्मीद फाउंडेशन से संतोष गुप्ता, आगाज फाउंडेशन से सूरज कली,प्रगति माध्यम समिति से शहरोज फातिमा,वनांगना संस्था से राधेश्याम, चित्रकूट कलेक्टिव से शांति और शिवकली, बुंदेली प्रकाश संस्थान से सहोद्रा व वरिष्ठ पत्रकार/सामाजिक कार्यकर्ता संजय सिंह राणा आदि लोग मौजूद रहे l

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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