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November 1, 2024 3:06 pm

अंतिम संस्कार की सब कर रहे थे तैयारी कि मृतक महिला ने उठकर पति से मांगा पानी, लोग रह गए भौचक्के

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ठाकुर बख्श सिंह की रिपोर्ट

हमीरपुर: उत्तर प्रदेश के हमीरपुर में कुदरत का बड़ा करिश्मा देखकर लोग दंग रह गए है। एक महिला की इलाज के दौरान मौत होने के कई घंटे बाद ना सिर्फ उसकी सांसें चलने लगी बल्कि कफन में बंधी महिला अचानक उठकर पति से पानी मांगने लगी। यह दृश्य देख पति की आंखें खुशी से भर आई। महिला अब अपने घर आ गई है। उसके दोबारा जीवित होने पर घर में जश्र का माहौल है।

हमीरपुर जिले के राठ कोतवाली क्षेत्र के सदर गांव के मातादीन रैकवार अपनी पत्नी और बच्चों के साथ गुजर बसर कर रहा है। इसकी पत्नी अनीता (34) काफी समय से कैंसर जैसी बीमारी से पीडि़त है। शुरू में परिजनों को इसकी कैंसर बीमारी की जानकारी नहीं हो सकी। लेकिन पड़ोसी मध्यप्रदेश के भोपाल और छतरपुर में जांच के दौरान गंभीर बीमारी होने की बात बताई गई।

पत्नी के इलाज के लिए मातादीन ने अमृतसर, जालंधर और चंडीगढ़ के बड़े हॉस्पिटल तक दौड़ लगाई। इन हॉस्पिटलों में महिला का इलाज कराया गया। परिजन ने बताया कि शुरू में बुखार और दर्द की शिकायतें होने पर यहां के क्षेत्र के अस्पताल में इलाज कराया गया था लेकिन कोई फायदा नहीं मिला।

इसके बाद महानगरों के हॉस्पिटल जाना पड़ा। जांच में कैंसर बीमारी होने के लक्षण दिखने पर अनीता को जालंधर के बड़े हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। जहां कई दिनों तक डाँक्टरों ने इलाज किया। इलाज कराने में मातादीन आर्थिक स्थिति से और भी कमजोर हो गया। इलाज के दौरान पत्नी की सांसें थम गई। डाँक्टरों ने भी महिला को मृत घोषित करते हुए शव परिजनों को सौंप दिया था लेकिन कई घंटे बाद उसके दोबारा जीवित होने पर परिवार के लोग भौंचक्के रह गए है। गांव के लोग इसे कुदरत का करिश्मा मान रहे है।

डॉक्टरों के मृत घोषित करने के बाद महिला के लौट आए प्राण

मातादीन रैकवार ने बताया कि जालंधर के हास्पिटल में इलाज के दौरान पत्नी की मौत हो गई थी। डाँक्टरोंने भी उसे मृत घोषित कर दिया था। बताया कि अनीता का शव हास्पिटल से मिलने पर उसे एम्बुलेंस जरिए हमीरपुर स्थित गांव लाया जा रहा था तभी नोएडा के पास बीच रास्ते पत्नी की सांसे चलने लगी।

अचानक हाथ उठाते हुए पीने के लिए पानी मांगने लगी तो एम्बुलेंस स्टाफ समेत सभी लोग दंग रह गए। बताया कि पत्नी के जीवित होने पर परिवार और रिश्तेदारों में बड़ी खुशी देखी जा रही है। मरने के कई घंटे बाद अनीता के जीवित होकर उठ बैठने से परिजनों की आंखें भी खुशी से छलक आई है।

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."