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28 December 2024 1:53 pm

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मुगलों के सामने नहीं झुकने दी खालसा की शान – दामोदर

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इरफान अली लारी की रिपोर्ट

देवरिया : धर्म और संस्कृति के लिये अपना सर्वस्व समर्पित करने वाले गुरु गोविन्द सिंह के साहिबजादों जोरावर सिंह और फतेह सिंह की शहादत को समर्पित वीर बाल दिवस पर भाजपा द्वारा सरस्वती विद्या मन्दिर में आयोजित संगोष्ठी को बतौर मुख्य वक्ता सम्बोधित करते हुये न्यू कालोनी गुरुद्वारा के ग्रंथी दामोदर सिंह ने कहा कि आज का दिन 26 दिसम्बर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल के बाद से वीर बाल दिवस के तौर पर मनाया जाता है। इसके लिये मैं प्रधानमंत्री मोदी का सम्पूर्ण सिक्ख समाज की तरफ से आभार व्यक्त करता हूँ।

य​ह दिन समर्पित है गुरु गोविंद सिंह के साहिबजादों जोरावर सिंह और फतेह सिंह को। जिन्होंने धर्म के लिए खुद को बलिदान कर दिया, लेकिन बर्बर मुगलों के सामने घुटने नहीं टेके। मासूम से बच्चों फतेह सिंह और जोरावर सिंह को मुगलिया फौज के सेनापति वजीर खान ने दीवार में जिंदा चुनवा दिया था, लेकिन उनके मुँह से उफ तक नहीं निकली।उन्होंने अपनी शहादत देनी कबूल की लेकिन मुगलों के सामने खालसा की शान नही झुकने दी।

कार्यक्रम संयोजक डॉ.राधेश्याम शुक्ला ने कहा कि गुरु गोविंद सिंह ने अपने बच्चों जोरावर और फतेह समेत अपने परिवार का बलिदान दे दिया, लेकिन मुगलों के सामने नहीं झुके।

विद्यालय के उप प्रधानाचार्य जगदीश नारायण ने सभी का अंगवस्त्र और स्मृति चिन्ह देकर स्वागत किया।

इस दौरान अम्बिकेश पाण्डेय, सर्वेश नाथ त्रिपाठी, अमित सिंह, अमरेंद्र उपाध्याय, अनिल यादव, कन्हैयालाल, अरविन्द मोहन, अछैवर पति आदि समेत छात्र उपस्थित रहे।
*मोदी ने सिक्ख समाज को दिया सम्मान-सुनील*
वीर बाल दिवस पर राजकीय इंटर कालेज में आयोजित संगोष्ठी को सम्बोधित करते हुये भाजपा के क्षेत्रीय महामंत्री सुनील गुप्ता ने कहा कि 1705 में गुरु गोविंद सिंह के दो बेटों साहिबजादा जोरावर सिंह और साहिबजादा फतेह सिंह ने महज नौ साल और छह साल की उम्र में सिख धर्म के सम्मान में सर्वोच्च बलिदान दिया था। बीते साल 9 जनवरी को गुरु गोविंद सिंह के प्रकाश पर्व के अवसर पर पीएम मोदी ने 26 दिसंबर को साहिबजादों की शहादत के सम्मान में वीर बाल दिवस के रूप में मनाने का एलान किया था।इसके अलावा सिक्ख समाज के लंगर को भी जीएसटी से बाहर कर समाज को सम्मान देने का काम किया।
इस दौरान प्रधानाचार्य पी.के.शर्मा,संजय पाण्डेय,राधेश्याम शुक्ला,अम्बिकेश पाण्डेय,अमित कुमार दूबे,वीरेन्द्र सिंह,अजित भारती,राजेन्द्र विक्रम सिंह,हंसनाथ यादव,अजित मिश्रा,मन्ना सिंह,अमित सिंह,दिनेश शुक्ला आदि रहे।

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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