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November 2, 2024 5:06 am

हार की मार झेल रही कांग्रेस ने अपने प्रभारी को हटाया, जानिए क्या है पार्टी की जननीति

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रघु यादव मस्तूरी की रिपोर्ट

छत्‍तीसगढ़ में 15 साल वनवास के बाद 2018 में सत्ता में लौटी कांग्रेस पांच साल बाद ही फिर से विपक्ष में आ गई। विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार के बाद पार्टी की प्रदेश प्रभारी रही कुमारी शैलजा की भूमिका पर सवाल उठाए जा रहे थे। कांग्रेस के कई पूर्व विधायक और संगठन के बड़े नेता उन पर आरोप लगा रहे थे। पूर्व विधायक बृहस्‍पत सिंह ने सीधे तौर पर कुमारी शैलजा को हार के लिए जिम्मेदार ठहराया था।

2023 में कांग्रेस की करारी हार के ठीक 20 दिन बाद आज पार्टी की प्रभारी कुमारी शैलजा की छुट्टी हो गई। प्रदेश में पार्टी की हार के बाद से चर्चा थी कि प्रदेश प्रभारी बदले जा सकते हैं। जिसके बाद पर्टी ने बड़ा फैसला लिया है। राजस्‍थान के पूर्व डिप्‍टी सीएम और वहां के प्रदेश अध्यक्ष रहे सचिन पायलट को छत्तीसगढ़ कांग्रेस का नया प्रभारी बनाया गया है।

पार्टी के संगठन महामंत्री चंद्रशेखर शुक्‍ला ने भी राज्य में इस हार के लिए दिल्‍ली के नेताओं को जिम्‍मेदार बताया था। विधानसभा में 70 सीटों से घटकर 35 सीटों पर आई कांग्रेस ने हार की वजह जानने के लिए रायपुर से लेकर दिल्ली तक बैठक की। इन बैठकों में कई ऐसी बातें उजागर हुईं, जिससे आलाकमान के कान खड़े हो गए। कुमारी शैलजा के आने के बाद से पार्टी में गुटबाजी बढ़ती गई।

संगठन और सरकार में शामिल कई बड़े नेताओं के साथ विवादों की वजह से कुमारी शैलजा चर्चा में रहीं। यही वजह है कि पिछले साल 5 दिसंबर 2022 को जिस कुमारी शैलजा को छत्‍तीसगढ़ का प्रभारी बनाया गया था, उन्हें आज हटा दिया गया। कुमारी शैलजा की जगह राजस्थान के डिप्टी सीएम रहे कांग्रेस नेता सचिन पायलट को ये जिम्मेदारी दी गई है। 

samachar
Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."