आत्माराम त्रिपाठी की रिपोर्ट
अतीक अहमद के करीबी नफीस बिरयानी की हार्ट अटैक से मौत हो गई। वह प्रयागराज के नैनी सेंट्रल जेल में बंद था। रविवार रात उसे दिल का दौरा पड़ने के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां उसकी मौत हो गई। बता दें कि नफीस बिरयानी अतीक अहमद का फाइनेंसर था। वह उमेश पाल हत्याकांड में आरोपी था। दरअसल, नफीस अतीक अहमद के छोटे भाई अशरफ का करीबी दोस्त था। धीरे-धीरे वह अतीक का खास बन गया। वह अतीक के हर काम के लिए पैसे देता था। इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि वह कैसे अतीक का करीबी बना और कैसे उसके नाम में बिरयानी शब्द जुड़ा?
बिरयानी नाम के पीछे यह है कहानी
अतीक के भाई अशरफ से मिलने के पहले नफीस गरीब था। वह अपने परिवार का पेट भरने के लिए प्रयागराज के करेली में बिरयानी का ठेला लगाने लगा। रिपोर्ट के अनुसार, बिरयानी का ठेला लगाने के लिए उसने अपनी बहन के गहने बेच दिए। इसके बाद भी बिरयानी का बिजनेस नहीं चला। लोग कहते हैं कि इसी बीच एक दिन किसी काम से करेली पहुंचे अशरफ ने उसके ठेले से बिरयानी खाई।
अशरफ को नफीस के ठेले की बिरयानी इतनी पसंद आई कि उसने प्रयागराज के पॉश एरिया के सिविल लाइंस में उसकी दुकान खुलवा दी। कहा जाता है कि अशरफ नफीस के ठेले की बिरयानी का मुरीद हो गया था। यहीं से नफीस कि किस्मत बदल गई और वह माफिया अतीक से जुड़ गया।
इसके बाद नफीस की बिरयानी की दुकान फेमस हो गई। उसकी दुकान पर दूर-दूर से लोग बिरायनी खाने आने लगे। बिरयानी के स्वाद के कारण उसकी अशरफ से गहरी दोस्ती हो गई। इसके बाद नफीस का बिजनेस बढ़ने लगा। प्रयागराज में कई जगहों नफीस बरियानी के नाम से कई दुकानें खुल गईं। उसका बिजनेस ग्रो करने लगा। इसके बाद नफीस अशरफ और अतीक अहमद के लिए काम करने लगा। वह उनके हर काम में पैसे देने लगा। इस तरह धीरे-धीरे वह अतीक का फाइनेंसर बन गया।
प्रयागराज में वह बिरयानी के नाम से फेमस हो गया। रिपोर्ट के अनुसार, 24 फरवरी को धूमनगंज में उमेश पाल की गोली मारकर हत्या कर दी गई। इस हत्याकांड में नफीस बिरयानी का नाम सामने आया। रिपोर्ट के अनुसार, उमेश पाल की हत्या करने वाले शूटर नफीस की क्रेटा से आए थे। मामले में पुलिस ने नफीस को गिरफ्तार कर नैनी जेल में बंद कर दिया। जहां दिल का दौरा पड़ने के कारण उसकी मौत हो गई।
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Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."