संजय सिंह राणा की रिपोर्ट
चित्रकूट। उत्तर प्रदेश की मान्यवर कांशीराम शहरी गरीब आवास योजना आज दम तोड़ती हुई नज़र आ रही है। इस योजना की शुरुआत तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती की बसपा सरकार ने गरीब और असहाय लोगों को छत मुहैया कराने के लिए की थी। लेकिन इस योजना के तहत बनवाए गए आवासों का आज बहुत ही बुरा हाल हो चुका है l
चित्रकूट जिला मुख्यालय से तकरीबन 5 किलोमीटर दूर लोढवारा में बने कांशीराम आवासीय कॉलोनी की हालत बद से बदतर नज़र आ रही है l
मान्यवर कांशीराम शहरी गरीब आवास योजना तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल थी जिसे तैयार कराने के लिए अधिकारियों की फौज ने दिन-रात कड़ी मशक्कत की थी। लेकिन अब यह कॉलोनी बदहाल अवस्था में है।
शहरी गरीब लोगों को जब कॉलोनी में रहने के लिए उन्हें आवास की चाबी मिली थी तो उनके अंधियारे भरे जीवन में उजाले कि लौ जलने लगी थी। सोचे थे कि अब अच्छे से दिन कटेंगे, लेकिन कॉलोनी की बदहाल होती दशा, साफ सफाई की नदारद व्यवस्था समेत अनगिनत समस्याएं उनके सपनों पर पानी फेर रही हैं l
*नगर पालिका परिषद की अनदेखी के चलते स्वच्छ भारत मिशन के दावों की पोल खोलती कांशीराम कालोनी*
नगर पालिका परिषद की अनदेखी के चलते कांशीराम आवासीय योजना की बदहाल व्यवस्था है यहां की स्थिति अत्यंत ही दयनीय हो गई है। साफ-सफाई से लेकर जाम पड़ी नालियां, खुले में खासकर के दरवाजों पर बहता नालियों का गंदा पानी यहां की बदहाली को दूर से ही दर्शाता है आलम यह है कि कॉलोनी के कई हिस्से बद से बदतर नज़र आ रहे हैं आवासों में सीलन के साथ-साथ नालियों के कीड़े-मकोड़ों का भी भय सताता रहता है कांशीराम शहरी गरीब आवासीय कॉलोनी के लोग मच्छरों के कारण फैलने वाली बीमारियों से भी लगातार जूझ रहे हैं लेकिन नगर पालिका परिषद द्वारा इस कालोनी की व्यवस्था पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है वहीं कालोनी में साफ सफ़ाई के लिए तैनात सफ़ाईकर्मी द्वारा सही तरीके से साफ़ सफ़ाई नहीं की जा रही है अगर स्थानीय निवासियों द्वारा साफ़ सफ़ाई कराई जाती है तो उसके एवज में सफाईकर्मी को तीन सौ रुपए से लेकर पांच सौ रुपए देने पड़ते हैं इसके बावजूद सफाईकर्मी अपनी मनमानी करते हुए सफ़ाई करता है l
*बिगड़े पड़े ट्यूब बेल व हैंडपंप खोल रहे पेयजल व्यवस्था की पोल*
कांशीराम कालोनी में बिगड़े ट्यूब बेल व हैंडपंप पेयजल व्यवस्था की पोल खोल रहे हैं इस कालोनी में दो ट्यूब बेल हैं जिनमें से एक चालू है और दूसरा बंद पड़ा हुआ है वहीं दूसरी ओर हैंडपंपों की हालत भी देखते ही बनती है इस कालोनी में लगभग एक दर्जन हैंडपंप हैं जिनमें से लगभग आधा दर्जन हैंडपंप बिगड़े पड़े हैं लेकिन उनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है l
*चरमराई विद्युत व्यवस्था, स्वास्थ्य केन्द्र की भरी पड़ी नींव, नहीं हुआ निर्माण*
इस कालोनी की विद्युत व्यवस्था काफ़ी चरमराई हुई है जहां पर आए दिन बिजली आपूर्ति ठप्प पड़ जाती है जिसके कारण लोगों को काफ़ी परेशानी उठानी पड़ती है वहीं स्वास्थ्य व्यवस्था के नाम पर इस कालोनी में स्वास्थ्य केन्द्र की नींव ही रखी गई थी लेकिन आज़ तक निर्माण कार्य नहीं हो पाया है जिस जगह पर स्वास्थ्य केन्द्र शुरू होना था वहां पर गंदगी का अंबार लगा हुआ है वहां पर स्थनीय लोग लकड़ी रखते हैं और कंडे थपाई करते हैं सत्ता परिवर्तन के बाद यह स्वास्थ्य केन्द्र शुरू नहीं हो पाया है इसकी किसी ने सुध नहीं ली है l
सत्ता परिवर्तन के बाद किसी ने नहीं ली कांशीराम कालोनी की सुध
तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती ने मान्यवर कांशीराम शहरी गरीब आवास योजना के तहत इन आवासों का निर्माण कार्य करवाया था इन आवासों का निर्माण गरीब आवास विहीन लोगों को स्वयं की छत मुहैया कराने के उद्देश्य से किया गया था 9 अक्टूबर 2008 को चित्रकूट ज़िला मुख्यालय के लोढवारा में मान्यवर कांशीराम शहरी गरीब आवास योजना का शिलान्यास किया गया था।
कांशीराम आवास का निर्माण कार्य पूर्ण होने के बाद गरीब लोगों को आवास से लाभान्वित किया गया था बिजली पानी साफ-सफाई जैसी सभी बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराई गई थी l
प्रदेश में जब तक बसपा की सरकार रही तब तक तो सबकुछ ठीकठाक चलता रहा था लेकिन समाजवादी पार्टी के सत्ता में आते ही इन कॉलोनियों की भी दशा बिगड़ने लगी थी जो आज़ की मौजूदा बीजेपी की सरकार में भी बनी हुई है l सत्ता परिवर्तन के साथ ही कालोनियों के रखरखाव की तरफ से भी मुख मोड़ लिया गया था l
समाजवादी पार्टी सरकार के बाद बीजेपी की सरकार आने के बाद लोगों को उम्मीद जगी थी कि अब इसके अच्छे दिन आयेंगे, लेकिन हालात और बिगड़ने लगे l मान्यवर कांशीराम शहरी गरीब आवास योजना से भले ही कई लोग लाभान्वित हुए हों लेकिन अब यह कॉलोनी स्वयं को उपेक्षित महसूस कर रही हैं l
कालोनी में भीषण गंदगी का अंबार, ध्यान नहीं दे रहे ज़िम्मेदार
कांशीराम आवास कॉलोनी, भीषण गंदगी, साफ-सफाई की नदारद हो चुकी व्यवस्था, बदहाली की तस्वीर लिए कई गंभीर समस्याओं से जूझ रही है। जिससे इसकी पहचान न केवल नष्ट हो रही है, बल्कि आवासों के दरकने का डर बना हुआ है l कॉलोनी परिसर में जगह-जगह लगे कूड़े कचरे के ढेर, जाम पड़ी नालियों से उठने वाली दुर्गंध, दूर से ही मकानों की जर्जर दशा, बिजली के उलझे हुए तार कॉलोनी की उपेक्षा और बदहाली की तस्वीर को दिखाते हैं। बनने के बाद इन कॉलोनियों की ना तो रंगाई पुताई हुई है और ना ही साफ-सफाई की जहमत उठाई जा रही है l
आवासों पर मनमाने तरीके से लोग जमाए हैं कब्ज़ा,नहीं हुआ है आवंटन, अवैध कब्जों पर कब होगी कार्यवाही।
मान्यवर कांशीराम शहरी गरीब आवास योजना के तहत लोढवारा में बनी इन कॉलोनियों में रहने वाले कुछ गरीब दबी जुबान में बताते हैं कि जिस उद्देश्य से इस कॉलोनी का निर्माण कराया गया था उस उद्देश्य को चकनाचूर करते हुए रसूखदार लोगों के दबाव में अपात्र लोगों को भी आवास आवंटित किए गए कई आवासों पर ऐसे लोगों ने कब्ज़ा कर रखा है जिनके नाम पर आवासों का आवंटन ही नहीं किया गया है जिससे इस कॉलोनी के निर्माण की मंशा पर पानी फिरता हुआ नजर आ रहा है l
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मान्यवर कांशीराम कालोनी में अवैध रूप से कब्ज़ा जमाए बैठे लोगों की जॉच कराकर नगर पालिका प्रशासन व ज़िला प्रशासन कब आवश्यक कार्यवाही करने का काम करेगा व कब अवैध कब्ज़ा धारकों को हटाने का काम किया जायेगा।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."