चुन्नीलाल प्रधान की रिपोर्ट
कानपुर देहात: कानपुर के घाटमपुर थाना क्षेत्र के भदरस गांव में 14 नवंबर 2020 को एक ऐसी घटना घटी थी जिसे सुनकर रुह कांप जाती है। मानवता को शर्मसार करने वाली इस घटना पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने ट्वीट कर कड़ा आक्रोश जताया था। साथ ही आरोपियों पर कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए थे।
दरअसल दीपावली का दिन था मासूम बच्ची पटाखे लेने के लिए गांव की ही दुकान में गई थी। वहीं से गायब हो गई थी दूसरे दिन उसका शव क्षत विक्षत अवस्था में खेत में पड़ा मिला था। पुलिस की छानबीन में जो बात सामने निकल कर आई थी उससे हड़कंप मच गया था।
चाचा-चाची ने अंजाम दी वारदात
बच्ची की पारिवारिक चाचा परशुराम उनकी पत्नी ने संतान-सुख के लिए तांत्रिकों की बातों में आकर बच्ची को मरवा दिया था और बच्ची का कलेजा बनाकर खुद चाचा चाची ने खा लिया था क्योंकि तांत्रिकों ने उन्हें बताया था कि अगर आप बच्ची का कलेजा खाते हैं तो आपको संतान सुख की प्राप्ति हो सकेगी।
जुर्म साबित, सुनाएगी जाएगी सजा
मामले की सुनवाई कानपुर देहात के पाक्सो एक्ट वाकर शमीम रिजवी की कोर्ट में चल रही है। एडीजीसी प्रदीप पांडेय ने बताया कि मामले में दोष सिद्ध हो गया है। 16 दिसंबर 23 को भदरस कांड पर 12:15 पर सजा सुनाई जाएगी। चार लोगों पर दोष सिद्ध हो गया है। न्यायालय से अपील करेंगे कि अपराधियों को मृत्यु दंड की सजा सुनाई जाए।
लीवर, फेफड़े, कलेजा निकाला
घटना की वीभत्सता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उसका प्राइवेट पार्ट बुरी तरह क्षतिग्रस्त था, जिससे साफ है कि उसके साथ दरिंदगी की हदें पार की गईं। वहीं उसका लीवर, फेफड़े, कलेजा निकाल लिया। उसे दंपति को सौंपा जिसे दोनों ने संतान सुख प्राप्ति के लिए खाया।
पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट पढ़कर रोए एडीजी
कोर्ट में इन तथ्यों को रखते हुए एडीजीपी प्रदीप पांडेय के आंखों में आंसू आ गए। कोर्ट के समक्ष रोकर उन्होंने इसे दुर्लभतम श्रेणी का अपराध बताते हुए चारों आरोपियों को मृत्यु दंड दिए जाने की मांग की।
Author: samachar
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