इरफान अली लारी की रिपोर्ट
फतेहपुर: मां-बाप बच्चों का ख्याल रखने के साथ अपने बच्चों की हर जरूरतों को पूरा करते हैं। मां-बाप बच्चों को पाल पोस कर उन्हें लायकदार बना देते हैं, लेकिन बच्चे जब बड़े हो जाते हैं तो उन्हीं मां बाप को बच्चे बुढ़ापे में बोझ समझने लगते हैं। मां-बाप की सेवा और इज्जत करना तो दूर इस दौर में अधिकांश बच्चे तो ढंग से अपने मां-बाप से बात भी नहीं करते। उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले में कुछ इसी तरह का मामला देखने को मिला है। यहां बेटों ने अपने दिव्यांग बुजुर्ग पिता को बेघर कर दिया। न्याय की आस में दिव्यांग बुजुर्ग पुलिस से लेकर अधिकारियों की चौखट के चक्कर लगा रहा है।
हथगाम थाना क्षेत्र के इटैली गांव निवासी 70 वर्षीय दिव्यांग महावीर प्रसाद सुबह करीब 11 बजे व्हीलचेयर से कलेक्ट्रेट परिसर पहुंचकर डीएम को एक शिकायती पत्र दिया। बताया कि वह दोनों पैरों से विकलांग है, उनके तीन बेटे हैं। पत्नी की कोरोना काल के दौरान मौत हो चुकी है। इसके बाद बेटों ने उन्हें अलग कर दिया। घर के थोड़े से हिस्से में किसी तरह वह अपना गुजर-बसर करते हैं।
थकहार कर पहुंचे डीएम की चौखट
आरोप है कि उनके बेटे अजय कुमार और मनीष कुमार उन्हें जबरन घर से निकाल कर मकान के बचे हुए हिस्से में निर्माण कार्य करा रहे हैं। विरोध करने पर पिता महावीर के साथ मारपीट भी की। इसकी शिकायत बुजुर्ग दिव्यांग थाना पुलिस और संपूर्ण समाधान दिवस खागा में की। साथ ही अधिकारियों की चौखट में भी न्याय की गुहार लगाई। लेकिन बुजुर्ग दिव्यांग को अब तक कहीं से न्याय नहीं मिला। ऐसे में दिव्यांग दर-दर की ठोकरे खाने को मजबूर है।
मामले में दिए जांच के आदेश
बेटों की प्रताड़ना से परेशान बुजुर्ग बुधवार को कलेक्ट्रेट पहुंच कर मामले का डीएम को शिकायती पत्र देकर न्याय की गुहार लगाई है। डीएम ने संज्ञान लेते हुए मामले की जांच के आदेश दिए हैं।
Author: samachar
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