इरफान अली लारी की रिपोर्ट
कुशीनगर: उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिले में एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। अपनी ही सरकार में अधिकारियों से पीड़ित भाजपा युवा मोर्चा के उपाध्यक्ष प्रियेश गोंड ने कुछ ऐसा किया, जो चर्चा का विषय बन गया। शोले फिल्म जैसा सीन कसया तहसील कार्यालय में उत्पन्न हो गया। शोले में जिस प्रकार शादी की बात मनवाने के लिए वीरू पानी की टंकी पर चढ़ता है, कुछ इसी तर्ज पर प्रियेश भी पेड़ पर चढ़ गए। वह भी माइक लेकर। पेड़ से लोगों को संबोधित करने लगे। तहसील प्रशासन से न्याय न मिलने का गंभीर आरोप लगाने लगे।
मामले की जानकारी मिलते ही तहसील प्रशासन के अधिकारी और पुलिस मौके पर पहुंच गई। भाजपा नेता को समझाया- बुझाया गया। इसके बाद वह पेड़ से नीचे उतरा। इस मामले में पुलिस ने भाजपा नेता को शांति भंग करने के आरोप में चालान कर दिया।
मामला कुशीनगर जिले के कसया तहसील परिसर का है। वहां अपने ही सरकार में अधिकारियों से त्रस्त भाजपा युवा मोर्चा के उपाध्यक्ष प्रियेश गोंड ने अजीबोगरीब कदम उठा लिया। इसे सुन और देखकर जिले के सभी अधिकारी और बीजेपी के नेताओं का होश उड़ गए।
कुशीनगर नगरपालिका परिषद के बुद्धनगरी वार्ड निवासी प्रियेश गोंड ने अपनी बहनों का जाति प्रमाण पत्र बनवाने के लिए तहसील में आवेदन किया था। उसको निरस्त कर दिया गया। इसके बाद प्रियेश गोंड ने तहसील परिसर में धरना देना शुरू कर दिया। इसी बीच तहसील की ओर से उनके बहनों प्रियंका, प्रीति और संध्या का जाति प्रमाण पत्र बनाकर दिया गया। भाजपा जिलाध्यक्ष के हाथों देकर धरना समाप्त कराया गया।
प्रशासन पर लगाए गंभीर आरोप
भाजपा युवा मोर्चा के उपाध्यक्ष प्रियेश गोंड ने फिर कुछ दिनों बाद धरना देना शुरू कर दिया। वे आरोप लगाने लगे कि तहसील की ओर से जारी किया गया जाति प्रमाण पत्र फर्जी है। इसके लिए किसी ने आवेदन ही नहीं किया है। अगर किसी ने किया है तो उसमें लगने वाला शपथ पत्र और आवेदन की हार्ड कॉपी उपलब्ध कराई जाए।
शनिवार को इसी क्रम में प्रियेश गोंड तहसील परिसर में पेड़ पर चढ़ गया। माइक से तहसील प्रशासन की ओर से न्याय नही मिलने का आरोप लगाने लगा। प्रियेश ने कहा कि मैं अनुसूचित जनजाति का हूं। इसलिए प्रशासन मुझे संवैधानिक अधिकार नहीं दे रहा है।
अधिकारियों ने किया समझाने का प्रयास
नायब तहसीलदार शैलेश सिंह और कसया एसएचओ गिरीजेश उपाध्याय ने मौके पर पहुंच कर प्रियेश को समझाने का काफी प्रयास किया। घंटों की मशक्कत के बाद वह पेड़ से उतरा। तहसील दिवस में एसडीएम और सीओ के समक्ष अपनी बात रखी। इसके बाद प्रियेश को लेकर एसएचओ थाने आए। शाम को शांति भंग करने के आरोप में उसका चालान कर दिया।
इस संबंध में एसडीएम कसया योगेश्वर सिंह ने कहा कि उनकी मांग पर ही जाति प्रमाण पत्र तहसील की ओर से जारी किया गया है। अब वह उसको वह फर्जी बता रहे हैं। दूसरा आवेदन भी नहीं कर रहे हैं। वे केवल प्रशासन को गुमराह कर रहे है। इस पर शांति भंग की कार्रवाई की गई है।
Author: कार्यकारी संपादक, समाचार दर्पण 24
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