हिमांशु नौरियाल की रिपोर्ट
उधम सिंह नगर: उत्तराखंड में एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है। मृत घोषित कर दिया गया एक व्यक्ति अंत्येष्टि के तीन दिन बाद जीवित पाया गया। नवीन भट्ट (42) को उसके परिवार ने मृत घोषित कर दिया था और जब उसकी मृत्यु के बाद के अनुष्ठान किए जा रहे थे तो वह जीवित पाया गया। शराब पीने का आदी नवीन पिछले नौ साल से लापता था। नवीन की शराब पीने की आदत से परेशान होकर उसकी पत्नी रेखा भी उसे छोड़कर अपने दोनों बच्चों के साथ उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में रहने लगी थी।
श्रीपुर बिछवा गांव के पूर्व ग्राम प्रधान रमेश महार ने बताया कि उसके पिता धर्मानंद भट्ट को 25 नवंबर को पुलिस से फोन आया कि उन्हें हल्द्वानी में एक लावारिस शव मिला है और उनकी जेब से एक पर्ची मिली है, जिसमें लिखा है कि उसका नाम नवीन भट्ट है। उन्होंने बताया कि नवीन के परिजनों ने हल्द्वानी जाकर उसके शव की पहचान की। 26 नवंबर को परिवार के सदस्य शव को उधम सिंह नगर जिले के खटीमा के निकट अपने पैतृक गांव ले आए और उसका दाह संस्कार कर दिया।
वीडियो कॉल आने पर पता चला जिंदा है
उन्होंने बताया कि जब नवीन की मृत्यु के बाद की रस्में गांव में आयोजित की जा रही थीं तो उसके छोटे भाई के एक दोस्त ने उसे यह जानने के लिए फोन किया कि रुद्रपुर में उसका होटल क्यों बंद है। महार ने बताया कि नवीन के छोटे भाई के.डी. भट्ट ने उन्हें बताया कि होटल इसलिए बंद है, क्योंकि उनके बड़े भाई की मृत्यु हो गई है और उनकी मृत्यु के बाद के अनुष्ठान चल रहे हैं। उन्होंने बताया कि यह सुनकर हैरान होकर उसके दोस्त ने उससे कहा कि यह असंभव है, क्योंकि वह कुछ मिनट पहले ही उसके बड़े भाई नवीन से मिला था। उन्होंने नवीन की उसके परिवार के साथ वीडियो कॉल पर बात कराई।
रुद्रपुर में मिला जीवित
उन्होंने बताया कि नवीन के रिश्तेदार रुद्रपुर पहुंचे और उसे जीवित पाया। इसके बाद उनके गांव में मृत्यु के बाद किए जाने वाले अनुष्ठान रद्द कर दिए गए। मामले की जांच करने वाले हल्द्वानी के एक पुलिस अधिकारी प्रवीण सिंह तेवतिया ने बताया कि एक लावारिस शव नवीन के परिवार को सौंपा गया था और उन्होंने उसकी पहचान नवीन के रूप में की थी। महार ने कहा कि परिवार ने गलती से किसी और के शव को नवीन का शव समझ लिया और यह सोचकर उसका अंतिम संस्कार कर दिया कि उसकी मौत हो गई है। उन्होंने कहा कि नवीन ने अब शराब नहीं पीने और अपने परिवार की देखभाल करने का वादा किया है। नवीन का परिवार मूल रूप से पिथौरागढ़ जिले के बेलटारी गांव का रहने वाला है, लेकिन अब वे उधमसिंह नगर जिले के श्रीपुर बिछवा गांव में बस गए हैं।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."