इरफान अली लारी की रिपोर्ट
देवरिया। समाज में इन्द्रासन का इंद्र बनने की आकांक्षा सबकी होती है, मरघट का शिव विरले ही कोई बनता है। सर्वदा समाज के वंचित तबके में अपना कार्यक्षेत्र चुनकर मरघट के नीलकण्ठ शिव से प्रेरणा लेते हुए अपना सम्पूर्ण जीवन समाज एवं शिक्षा के उन्नयन में होम कर देने वाले विभूति थे पण्डित केदारनाथ मणि त्रिपाठी। आज उनके यशस्वी एवं सर्वग्राही व्यक्तित्व का अनुकरण कर हजारों कार्यकर्ता समाज के विभिन्न क्षेत्रों में योगदान दे रहे है।
उक्त बातें देवरिया सदर सांसद डा.रमापतिराम त्रिपाठी ने भाजपा द्बारा बैतालपुर ब्लॉक सभागार में पूर्व जिलाध्यक्ष भाजपा स्व.केदारनाथ मणि त्रिपाठी की सातवीं पुण्यतिथि पर आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुये कहा।
उन्होंने कहा कि केदारनाथ मणि एक व्यक्ति नही व्यक्तित्व थे। उनका पूरा जीवन समाज मे एक अलग आदर्श प्रस्तुत करता है।वे एक कुशल संगठनकर्ता, एक योग्य शिक्षक थे और ओजस्वी वक्ता थे।उनके जैसे संत समाज मे विरले ही पैदा होते है।
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जिलाप्रभारी भाजपा संतराज यादव ने कहा कि हम सभी उनके विचारों और आदर्शों को आत्मसात कर समाज में सकारात्मक योगदान देने का प्रण लेते हुए उनको शत-शत नमन करते हैं। शिक्षक के रूप में अपनी सेवा देते हुए वह शुरू से ही राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से जुड़े रहे। शिक्षा एवं शिक्षण से इतर केदारनाथ मणि ने अपने सामाजिक कार्यों का भी बखूबी निर्वहन किया।
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भाजपा जिलाध्यक्ष भूपेंद्र सिंह ने कहा कि केदारनाथ मणि कार्यकर्ताओं से अभिभावक की भांति व्यवहार करते थे। वह कार्यकर्ताओं के सुख-दुःख में बराबर के भागीदार रहते थे। वह बहुत ही मृदुभाषी एवं मिलनसार व्यक्ति थे।
अतिथियों का उनके पुत्र डॉ.वीरेंद्र मणि त्रिपाठी,जयप्रकाश मणि त्रिपाठी एवं ओमप्रकाश मणि त्रिपाठी ने अंग वस्त्र व स्मृति चिन्ह देकर सम्मान किया।
उनके पौत्र अंशुल मणि त्रिपाठी ने सभी का आभार जताया तथा संचालन धनुषधारी मणि त्रिपाठी ने किया।
इस दौरान विजय कुमार दूबे,मारकंडेय शाही, सरिता पासवान, गिरिजेश मणि, सुरेन्द्र लाल श्रीवास्तव, राजेश कुमार मिश्रा, अम्बिकेश पाण्डेय, चंद्रशेखर पाण्डेय, रामदास मिश्रा, नवीन सिंह, संजय मिश्रा, जितेंद्र सिंह, अभिजीत उपाध्याय, सूर्यकांत पाण्डेय, प्रभात रंजन मणि, आशुतोष नाथ तिवारी, बसंत मणि, अवधेश मणि, प्रदीप मद्धेशिया, अनिल मणि, नीलरतन जायसवाल, राजेश निषाद आदि रहे।
Author: कार्यकारी संपादक, समाचार दर्पण 24
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