संजय सिंह राणा की रिपोर्ट
चित्रकूट। बुंदेलखंड के सबसे पिछड़े जिलों में शुमार जनपद चित्रकूट का ज्यादातर क्षेत्र दस्यु प्रभावित रहा है जहां पर दस्युओं के फ़रमान से ही ज्यादातर जनप्रतिनिधि चुने जाते थे सांसद, विधायक, ज़िला पंचायत,क्षेत्र पंचायत प्रमुख व ग्राम प्रधान बनने के लिए दस्युओं का सहारा लेना पड़ता था और उन्हीं दस्युओं के खौफ के दम पर यह जनप्रतिनिधि आम जनता को लूटने का काम करते थे और विकास कार्यों के नाम पर सरकारी धन का जमकर बंदरबाट करते थे लेकिन दस्यु सम्राटों के खात्मे के बाद हालात काफ़ी बदल गए हैं जिसके कारण इन जनप्रतिनिधियों को अपनी सियासत की कुर्सी बचाने के लिए जनता का हितैषी होने का ढोंग रचा जा रहा है लेकिन यह पब्लिक है सब जानती है…
चित्रकूट ज़िले की कर्वी सदर विधानसभा से बहुजन समाज पार्टी से विधायक चुने जाने वाले आर के सिंह पटेल का दस्यु सम्राटों से नाता काफ़ी पुराना रहा है जो दस्युओं के दम पर कालीन बुनाई छोड़कर विधानसभा पहुंचे थे और दस्युओं के संरक्षण में दो बार बसपा से विधायक बने थे और बसपा सरकार में मंत्री भी बने थे बसपा छोड़ने के बाद समाजवादी पार्टी से विधानसभा का चुनाव लडा लेकिन बसपा उम्मीदवार दिनेश प्रसाद मिश्रा से थोड़े ही अंतर से चुनाव में हार मिली लेकिन 2009 के लोकसभा में सपा से सांसद चुने गए लेकिन 2014के चुनाव में भाजपा उम्मीदवार भैरों प्रसाद मिश्रा ने जीत का परचम लहराया l
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2014 के लोकसभा चुनाव के बाद आर के सिंह पटेल ने भारतीय जनता पार्टी का दामन थामा और 2017में मानिकपुर विधान सभा से विधायक बनकर एक बार फिर विधानसभा पहुंचे वहीं 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा उम्मीदवार के रूप में बांदा चित्रकूट संसदीय क्षेत्र 48से चुनाव लडा और सपा बसपा गठबंधन के उम्मीदवार श्यामाचरण गुप्ता को करारी शिकस्त देते हुए संसद पहुंचे l
सत्ताधारी दल का सांसद होने के बाद सांसद पुत्र सुनील सिंह पटेल का दबदबा कुछ अलग ही देखने को मिला जिसने ज़िला प्रशासन के ज़िम्मेदार अधिकारियों पर दबाव बनाकर मनमाने तरीके से अपनी फर्म के नाम पर टेंडर निकलवाए और विकास कार्यों के नाम पर सरकारी धन का जमकर बंदरबाट किया और जिला मुख्यालय सहित अन्य ज़िला मार्गों में सांसद पुत्र सुनील सिंह पटेल के नाम पर चलने वाले ओवर लोड वाहनों की भरमार देखने को मिली जिसकी चर्चाएं जिले के चहुँ ओर हो रही थी l
वहीं लोकनिर्माण विभाग, सिंचाई विभाग व ज़िला पंचायत द्वारा कराए जा रहे विकास कार्यों में ज्यादातर निर्माण कार्य सांसद पुत्र सुनील सिंह पटेल की फर्म के नाम पर ही चलते हैं l
कालीन बुनाई छोड़कर राजनीति में आए आर के सिंह पटेल ने जनप्रतिनिधि बनते ही शिक्षण संस्थानों की आड़ में ग्राम सभा की सरकारी जमीनों पर अवैध रूप से कब्ज़ा करते हुए कालेज व डिग्री कालेज का निर्माण कार्य कराया है l
सूत्रों के अनुसार ग्राम पंचायत रगौली की ग्राम सभा की ज़मीन को अवैध रूप से कब्ज़ा कर छत्रपति शाहूजी महाराज इण्टर कॉलेज रगौली का निर्माण कार्य कराया है और इसी कालेज की बाउंड्री वॉल के अंदर सरकारी तालाब को कब्ज़ा कर रखा है जिसमें गत माह पूर्व जिला पंचायत द्वारा लाखों रुपए की लागत से सुंदरीकरण कराया गया है जिसके वेंडर/ठेकेदार सुनील सिंह पटेल ही थे वहीं ग्राम पंचायत रगौली की चारागाह भूमि पर अवैध रूप से कब्ज़ा कर भगवानदीन महाविद्यालय का निर्माण कार्य कराया गया है l
सत्ता के सिंहासन पर बैठते ही सरकारी जमीनों पर अवैध रूप से कब्ज़ा कर शिक्षण संस्थानों का निर्माण कार्य कराने वाले जनप्रतिनिधि की चल अचल संपत्ति की जांच कराकर शासन प्रशासन कब आवश्यक कार्यवाही करने का काम करेगा…?
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वहीं सांसद द्वारा ज़मीन ख़रीद का मामला व सड़क निर्माण कार्य का मामला ज़िले में चर्चा का विषय बना हुआ है चर्चा है कि सांसद ने पूर्व भाजपा सांसद दिवंगत प्रकाश नारायण त्रिपाठी की ऐलहा बढैया स्थित सैकड़ों बीघे ज़मीन खरीदी है जिसको अपने पुत्र के नाम पर व विद्यालय के नाम पर खरीदी है जिसमें कुछ ज़मीन की रजिस्ट्री कराई गई है व कुछ ज़मीन एग्रीमेंट पर खरीदी गई है वहीं इस जमीन पर कोई बस्ती नहीं होने के बावजूद सांसद पुत्र द्वारा लोकनिर्माण विभाग से सड़क बनाई जा रही है l
विभिन्न राजनैतिक दलों से सत्ता का सिंहासन हासिल करने वाले आर के सिंह पटेल पर दस्यु संरक्षण में कार्यवाही भी हो चुकी है जिसमें थाना मानिकपुर में मुकदमा पंजीकृत हैं जो अभी भी विशेष न्यायाधीश एम पी/एम एल ए कोर्ट प्रयागराज में विचाराधीन है वहीं एक मामले में माननीय न्यायालय द्वारा सजा भी सुनाई गई है l
माननीय हाईकोर्ट ने एम पी/एम एल ए से जुड़े मामलों को जल्द निस्तारित करने के आदेश पारित किए हैं जिससे यह साफ़ प्रतीत होने लगा है कि माननीय न्यायालय द्वारा जल्द ही दस्यु संरक्षण के मामले पर सुनवाई की जायेगी और जल्द ही दस्युओं को संरक्षण देने वाले जनप्रतिनिधि के ऊपर शिंकजा जा सकता है l
ज़िले के सबसे चर्चित जनप्रतिनिधि आर के सिंह पटेल का नाम दलबदलू नेताओं में शुमार किया जाता है इस जनप्रतिनिधि के विषय में हमेशा यह चर्चा होती है कि मौका देखते ही यह दल बदल लेता है और सत्ताधारी दल का नेता बनकर ख़ूब चल अचल संपत्ति अर्जित करता है और इनके पुत्र तो इनसे भी चार कदम आगे नज़र आते हैं जो सत्ता का लाभ उठाकर ज़िम्मेदार अधिकारियों पर दबाव बनाकर निर्माण कार्य कराते हैं व निर्माण कार्यों के नाम पर सरकारी धन का बंदरबाट करते हुए नज़र आते हैं l
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."