ठाकुर धर्म सिंह ब्रजवासी की रिपोर्ट
उत्तर प्रदेश में मथुरा जिले के वृंदावन में आतंक का पर्याय बने बंदरों की समस्या से स्थानीय नागरिक और श्रद्धालुओं को निजात मिली नहीं है कि अब चूहे यहां समस्या बनते जा रहे हैं। वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर और उसके आसपास बड़ी संख्या में चूहे हैं जो न केवल खाने पीने का सामान खराब कर रहे हैं बल्कि जमीन भी खोखली कर रहे हैं।
वृंदावन में बंदर हैं बड़ी समस्या
वृंदावन में बंदर बड़ी समस्या बन गए हैं। यहां के बंदरों को चश्मा,मोबाइल और पर्स ले जाने में इस कदर महारत हासिल है कि वह पलक झपकते ही समान को ले जाते हैं। जब तक व्यक्ति समझ पाता है तब तक बंदर उस सामान को लेकर खंभे और छतों पर चढ़ जाते हैं। इतना ही नहीं बंदरों के हमले में हर दिन कोई न कोई घायल भी हो जाता है। इस समस्या के निस्तारण के लिए कई बार मांग उठी लेकिन नतीजा सिफर रहा।
बंदरों के बाद चूहे बन रहे समस्या
वृंदावन में बंदरों की समस्या का निस्तारण हुआ नहीं कि अब यहां चूहे समस्या बन गए। वैसे तो चूहे हर जगह मिल जाते हैं लेकिन इस समय बांके बिहारी मंदिर और उसके आसपास चूहों ने लगता है जैसे अपना साम्राज्य स्थापित कर लिया हो। यहां मंदिर से लेकर आसपास की गलियों में चूहे आसानी से घूमते दिख सकते हैं। यह चूहे इस कदर बड़े हैं कि इनको देखकर इंसान डर जाए।
बांके बिहारी मंदिर में पुजारी नहीं छोड़ते जलता दीपक
चूहों का आतंक बांके बिहारी मंदिर में किस कदर है यह बताया मंदिर के पुजारी ज्ञानेंद्र गोस्वामी ने। मंदिर के गोस्वामी ने बताया कि यहां चूहों की संख्या हजारों में है। मंदिर बंद होने के बाद चूहे घूमते दिख जायेंगे। आलम यह है कि वह गर्भ गृह में जलता दीपक छोड़ कर नहीं जाते।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."