राकेश तिवारी की रिपोर्ट
देवरिया। जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह ने आज अपराह्न सलेमपुर ब्लॉक स्थित रामपुर बुजुर्ग ग्राम पंचायत में मनरेगा के तहत निर्माणाधीन युवा खेल मैदान परियोजना के अंतर्गत हो रहे कार्यों का सत्यापन एरिया ऑफिसर्स एप के माध्यम से किया। निरीक्षण के दौरान निर्माण कार्य में प्रथमदृष्टया कई गंभीर अनियमितताएं मिली जिस पर डीएम ने गहरी नाराजगी व्यक्त की और मौके पर मौजूद अधिकारियों को कड़ी फटकार लगाई।
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के अंतर्गत 25 लाख रुपए की लागत से ग्राम पंचायत रामपुर बुजुर्ग में इंटर कॉलेज के पास खेल का मैदान बनाया जा रहा है। डीएम ने सर्वप्रथम मस्टररोल की मांग की, जिसे प्रस्तुत नहीं किया जा सका। इसके पश्चात उन्होंने प्रोजेक्ट के विषय में मौके पर मौजूद अधिकारियों से जानकारी ली। मौके पर मिले सिटीजन इंफॉर्मेशन बोर्ड पर कार्य प्रारंभ होने की तिथि 10 नवंबर 2022 मिली, जबकि, खंड विकास अधिकारी ने बताया कि उन्हें सात दिन पूर्व ही परियोजना को स्वीकृत किये जाने का आदेश मिला। इसके पश्चात डीएम ने मौके पर कार्य कर रहे श्रमिकों के संबन्ध में जानकारी मांगी। रोजगार सेवक द्वारा बताया गया कि 12 मजदूर कार्य कर रहे हैं। इस पर डीएम ने सभी श्रमिकों को बुलाने का निर्देश दिया। मौके पर महज 5 मजदूर प्रस्तुत किये जा सके। जिलाधिकारी ने मनरेगा भुगतान के विषय में श्रमिकों से पूछा तो गम्मा नामक श्रमिक ने बताया कि प्रधान के लड़के उन्हें साप्ताहिक आधार पर नकद भुगतान करते हैं, जिस पर डीएम ने गहरी नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने कहा कि प्रावधानों के अनुसार किसी भी दशा में मनरेगा श्रमिकों को नकद भुगतान नहीं किया जा सकता। ऐसे में किसी निजी व्यक्ति द्वारा नकद भुगतान किया जाना गंभीर अनियमितता की ओर संकेत कर रहा है।
जिलाधिकारी ने निर्माण कार्य में घटिया गुणवत्ता की सामग्री प्रयोग किये जाने पर भी गहरा असंतोष व्यक्त किया।
उन्होंने कहा कि निर्माण परियोजनाओं में पीली ईंट का प्रयोग किसी भी दशा में स्वीकार्य नहीं है। डीएम ने श्रमिकों के मेडिकल किट, पेयजल सुविधा एवं छायादार स्थल के विषय में भी जानकारी ली।
Author: samachar
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