जीशान मेंहदी की रिपोर्ट
कानपुर शहर के बीचों-बीच एक ऐसा घना इलाका है, जो आज से 40 साल पहले तक हिंदू बाहुल्य हुआ करता था। मौजूदा वक्त में यहां बेहद कम हिंदू परिवार रह गए हैं। 1991 से अब तक 4 बडे़ दंगों की मार झेल चुके इस इलाके में हिंदुओं का अब सिर्फ एक हाता है। नाम है चंद्रेश्वर हाता। इसका नाम सद्भावना चौक भले हो, लेकिन यह कानपुर का दंगा पॉइंट भी है। कहा तो यह भी जाता है कि गणेश शंकर विद्यार्थी की हत्या भी यहीं की गई थी।
कानपुर में जब-जब दंगे हुए चंद्रेश्वर हाता सुर्खियो में रहा है। वजह हाते के अंदर हिंदू हैं, जबकि बाहर चारों तरफ मुस्लिम समुदाय। शुक्रवार को बेकनगंज में भड़की हिंसा में भी इसी हाते को निशाना बनाया गया।
पीएफआई के साथ संबंधों को तलाशने कानपुर पहुंचे एडीजी
कानपुर हिंसा की जांच की कमान एटीएस ने संभाल ली है। एटीएस के एडीजी ने रविवार को बवाल प्रभावित क्षेत्रों का जायजा लिया। माना जा रहा है कि गिरफ्तार किए गए जौहर फैंस एसोसिएशन के अध्यक्ष जफर हयात हाशमी के पीपुल्स फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) से कनेक्शन हैं, इसलिए एटीएस टीम को लगाया गया है। साजिश का खुलासा करने के लिए दो एसआईटी भी गठित की गई हैं। उधर, हिंसा के मुख्य आरोपित जफर हयात समेत चारों आरोपितों को रविवार को कड़ी चौकसी के बीच कोर्ट में पेश करने के बाद जेल भेज दिया गया। सात और लोगों की गिरफ्तारी की गई है। अब तक 22 को जेल भेजा गया है। पुलिस ने 90 लोगों की पहचान कर 54 और को चिह्नित किया है।
भाजपा नेत्री नूपुर शर्मा द्वारा पैगम्बर मोहम्मद साहब पर टिप्पणी के विरोध में शुक्रवार को कुछ मुस्लिम संगठनों ने बंदी का आह्वान किया था। सुनियोजित साजिश के तहत नई सड़क इलाके में उपद्रवियों ने पथराव और बमबाजी कर बवाल किया। जांच के दौरान हाशमी के असोम, पश्चिम बंगाल व मणिपुर में पीएफआई के कनेक्शन होने की आशंका हुई तो एटीएस भी चौकन्ना हो गई। एटीएस के एडीजी नवीन अरोड़ा ने रविवार को परेड स्थित सद्भावना चौकी पहुंचकर ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर आनंद प्रकाश तिवारी से मुलाकात कर बवाल के बारे में जानकारी ली।
उन्होंने नई सड़क, यतीमखाना, बेकनगंज, दादामियां चौराहा, कर्नलगंज, पेंचबाग समेत कई मोहल्लों का निरीक्षण किया। चंद्रेश्वर हाते के लोगों से भी पूछताछ की। उधर, डीसीपी साउथ रवीना त्यागी, एडीसीपी पूर्वी राहुल मिठास के नेतृत्व में दो एसआईटी की टीमें गठित की गई हैं। इन्हें अलग-अलग जिम्मेदारियां दी गई हैं।
लखनऊ से गिरफ्तार मुख्य आरोपित जफर हयात हाशमी को साथी जावेद अहमद, मोहम्मद राहिल अब्दुल व मोहम्मद को दोपहर 2:30 बजे के बाद सीएमएम कोर्ट में पेश किया गया। इस दौरान कचहरी के चारों ओर भारी फोर्स तैनात रही। पेशी के बाद चारों को पुलिस अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया। जौहर फैंस एसोसिएशन ने पांच जून को जेल भरो आंदोलन का आह्वान किया था। जेल भरो आंदोलन के आह्वान के चलते नई सड़क और बवाल वाले क्षेत्र में भारी फोर्स तैनात की गई थी। कानपुर पुलिस कमिश्नर विजय सिंह मीणा ने बताया, बवाल में गिरफ्तार मुख्य आरोपित समेत चार को जेल भेज दिया गया है। एसआईटी गठित की गई है। उपद्रवियों की गिरफ्तारी की जा रही है। अभी अन्य की पहचान हो रही है।
लखनऊ के छह नंबरों से बंदी के लिए किए गए थे 16 हजार मैसेज
बंदी को लेकर कानपुर के साथ लखनऊ के नंबरों से भी खूब मैसेज वायरल किए गए। तीन दिन में करीब 16 हजार से ज्यादा मैसेज लखनऊ के मोबाइल नंबरों से किए गए। अब इन मोबाइल धारकों की तलाश हो रही है। कल्याणपुर के आठ मोबाइल मालिकों से पुलिस ने पूछताछ की है। हालांकि अभी तक किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है। इसके अलावा सोशल मीडिया पर भी नजर रखी जा रही है।
नई सड़क पर बवाल के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने मैसेज वायरल करने और पोस्टर छापने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के आदेश दिए थे। पहले 28 और फिर लखनऊ के छह नंबरों से मैसेज होने की बात सामने आई है। लखनऊ के छह नंबरों से इतनी बड़ी संख्या में मैसेज वायरल होने की जानकारी मिलते ही अफसरों के होश उड़ गए हैं। एडीएम सिटी अतुल कुमार ने बताया कि बवाल भड़काने के लिए सबसे ज्यादा सोशल मीडिया का सहारा लिया गया है। टीमें बनाकर काम चल रहा है। सोशल मीडिया पर निगरानी के लिए कमेटी बनाकर पल-पल की जानकारी ली जा रही है।
Author: samachar
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