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11 February 2025 10:53 pm

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तकनीशियन कर्मचारियों की समस्याओं के समाधान की अनदेखी, मजबूरन धरना प्रदर्शन

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चुन्नीलाल प्रधान की रिपोर्ट

लखनऊ, उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड के तकनीशियन कर्मचारियों ने अपनी विभिन्न मांगों के समाधान की उपेक्षा से आक्रोशित होकर आज शांतिपूर्ण धरना प्रदर्शन किया। विद्युत तकनीकी कर्मचारी एकता संघ, उत्तर प्रदेश के नेतृत्व में यह प्रदर्शन अधीक्षण अभियंता कार्यालय, सर्कल-04 पर आयोजित किया गया।

संघ के केन्द्रीय अध्यक्ष विभांशु कुमार सिंह ने धरने को संबोधित करते हुए कहा कि “विभागीय आदेशों की अनदेखी और कर्मचारियों की मूलभूत समस्याओं का समाधान न होना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। श्रीमान निदेशक (कार्मिक एवं प्रशासन) द्वारा जारी आदेशों का पालन नहीं किया जा रहा है, जिससे कर्मचारियों में असंतोष बढ़ रहा है।”

संगठन मंत्री सौरभ कुमार ने भी अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि “बाबू लोग पावर कॉरपोरेशन के नियमों को मानने को तैयार नहीं हैं, जिससे कर्मचारियों का शोषण हो रहा है। समय पर इंक्रीमेंट न मिलना, टाइम स्केल की अनदेखी, स्थायीकरण में देरी और अन्य विभागीय मुद्दों का कोई समाधान नहीं किया जा रहा है।”

धरने में प्रमुख रूप से जिला अध्यक्ष राम सिंह, जिला मंत्री सुनील प्रजापति, कार्यवाहक अध्यक्ष ब्रिजेश कुमार, संदीप श्रीवास्तव, अनिल कुमार, इंदल चौधरी सहित अनेक कर्मचारी उपस्थित रहे। सभी ने एक स्वर में अपनी मांगों को उठाते हुए विभागीय अधिकारियों से तुरंत कार्रवाई करने की अपील की।

संघ के अनुसार, 13 दिसंबर 2024, 13 जनवरी 2025 और 4 फरवरी 2025 को पत्र लिखकर वार्ता के माध्यम से समस्याओं को हल करने का अनुरोध किया गया था। लेकिन अब तक इस पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया, जिससे कर्मचारियों में असंतोष बढ़ता जा रहा है।

धरना प्रदर्शन के दौरान अधीक्षण अभियंता ने प्रतिनिधिमंडल से 11 फरवरी 2025 को वार्ता करने का आश्वासन दिया है। संघ ने स्पष्ट किया है कि यदि वार्ता में कोई ठोस समाधान नहीं निकला तो उन्हें मजबूरन आंदोलन को तेज करना होगा।

जिला मंत्री सुनील प्रजापति ने कहा, “हमारी मांगें पूरी होने तक संघर्ष जारी रहेगा। अगर जल्द समाधान नहीं निकला तो संगठन बड़े आंदोलन की दिशा में बढ़ेगा।”

संघ ने सभी कर्मचारियों से एकजुट रहने और अपने अधिकारों के लिए संघर्ष जारी रखने का आह्वान किया। अब देखना होगा कि 11 फरवरी की वार्ता में प्रशासन क्या रुख अपनाता है और क्या तकनीशियन कर्मचारियों की समस्याओं का समाधान हो पाता है या नहीं।

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