चुन्नीलाल प्रधान की रिपोर्ट
उत्तर प्रदेश में पावर कारपोरेशन ने बिजली उपभोक्ताओं पर अतिरिक्त वित्तीय भार डालने की योजना बनाई है। इस योजना के तहत बिजली उपभोक्ताओं से विभिन्न सेवाओं के लिए शुल्क वसूलने का प्रस्ताव है। हालांकि, इस प्रस्ताव का राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद द्वारा विरोध किया जा रहा है।
राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने पावर कारपोरेशन के इस प्रस्ताव का कड़ा विरोध किया है। उन्होंने कहा कि जिन सेवाओं पर शुल्क वसूलने का प्रस्ताव है, वे दोनों ही सेवाएं सिस्टम जनरेटेड हैं, इसलिए इसके लिए शुल्क वसूलना अनुचित है।
बिजली विभाग ने स्मार्ट प्रीपेड मीटर उपभोक्ताओं के लिए मैसेज अलर्ट और डिस्कनेक्शन-रीकनेक्शन पर शुल्क लगाने की योजना बनाई है। प्रस्ताव के अनुसार, स्मार्ट प्रीपेड मीटर कनेक्शन जोड़ने और काटने पर 50 रुपये का शुल्क लिया जाएगा और रिचार्ज खत्म होने पर बिजली काटने का मैसेज भेजने के एवज में 10 रुपये का शुल्क वसूला जाएगा। अभी तक इन सेवाओं पर किसी भी प्रकार का शुल्क नहीं लिया जा रहा है।
अवधेश वर्मा ने कहा कि पूरे देश में कहीं भी एसएमएस अलर्ट के लिए 10 रुपये का शुल्क नहीं लिया जाता है। रीकनेक्शन और डिस्कनेक्शन पर फीस इसलिए ली जाती है क्योंकि इसमें मैनपावर की जरूरत होती है। लेकिन स्मार्ट प्रीपेड मीटर में रीकनेक्शन और डिस्कनेक्शन ऑनलाइन होता है, जिसमें मैनपावर की आवश्यकता नहीं होती। उन्होंने यह भी कहा कि बकाए की स्थिति में कनेक्शन काटने से पहले उपभोक्ता को 15 दिन का लिखित नोटिस देना जरूरी होता है।
उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष ने कहा कि जिन सेवाओं पर पावर कारपोरेशन शुल्क लगाने की योजना बना रहा है, वे पूरी तरह से सिस्टम जनरेटेड हैं और इसलिए इसके लिए शुल्क वसूलना अनुचित है। उन्होंने बिजली विभाग की इस नई योजना का लगातार विरोध जारी रखा है।
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Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."