हरीश चन्द्र गुप्ता की रिपोर्ट
छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बस्तर क्षेत्र में स्वतंत्रता के बाद पहली बार 14 स्थानों पर गणतंत्र दिवस के मौके पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाएगा। यह आयोजन रविवार, 26 जनवरी 2025 को होगा। इन स्थानों में बीजापुर, नारायणपुर और सुकमा जिले शामिल हैं, जहां सुरक्षाबलों के नए शिविरों की स्थापना के बाद विकास कार्यों की गति बढ़ी है। अधिकारियों के अनुसार, यह कदम नक्सलियों की गतिविधियों में कमी आने के बाद उठाया गया है।
बीजापुर, नारायणपुर और सुकमा जिलों के 13 गांवों में सुरक्षाबलों के 14 नए शिविर स्थापित किए गए हैं। इनमें बीजापुर के कोंडापल्ली, जिदपल्ली, वटेवागु, कर्रेगट्टा, नारायणपुर के होराडी, गरपा कच्चापाल, कोडलियार, और सुकमा के तुमालपड़, रायगुडेम, गोलाकुंडा, गोमगुड़ा, और मेट्टागुड़ा गांव शामिल हैं। जिदपल्ली गांव में विशेष स्थिति को ध्यान में रखते हुए दो अलग-अलग शिविर बनाए गए हैं। इन शिविरों में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ), सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) और भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) तैनात हैं।
नक्सलियों के पीछे हटने के कारण इन क्षेत्रों में सुरक्षा स्थिति बेहतर हुई है और अब इन गांवों में सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ आदिवासी समुदाय तक पहुंचने लगा है। “नियाद नेल्लनार” योजना के तहत इन शिविरों के माध्यम से विकास कार्यों को गति मिली है, और गांवों में बुनियादी सुविधाओं को सुनिश्चित किया जा रहा है। यह योजना सुरक्षा शिविरों के माध्यम से आंतरिक गांवों तक सरकारी योजनाओं को पहुंचाने में मदद कर रही है।
इसके अलावा, राज्य सरकार ने राजधानी रायपुर और अन्य जिलों में गणतंत्र दिवस की तैयारियां पूरी कर ली हैं। राज्यपाल रमेन डेका रायपुर के पुलिस परेड मैदान में राष्ट्रीय ध्वज फहराएंगे और सुरक्षा बलों की विभिन्न इकाइयों द्वारा गार्ड ऑफ ऑनर प्राप्त करेंगे। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय भी सरगुजा जिले के अंबिकापुर में तिरंगा फहराएंगे।
यह कदम बस्तर क्षेत्र में विकास और सुरक्षा की दिशा में महत्वपूर्ण साबित हो सकता है, जिससे न केवल आदिवासी समुदाय का जीवन स्तर सुधरेगा बल्कि पूरे क्षेत्र में शांति और समृद्धि की उम्मीदें भी बढ़ेंगी।