ठाकुर बख्श सिंह की रिपोर्ट
कुशीनगर जिले के पडरौना में मंगलवार को एक महिला अपनी बेटी के साथ पुलिस अधीक्षक (एसपी) कार्यालय पहुंची और हाथ जोड़कर अपनी शिकायत दर्ज कराने की गुहार लगाई। महिला इतनी व्याकुल थी कि उसने एसपी से कहा, “साहब, हमार ट्रेन छूट जाई, पहिले हमार शिकायत सुन लीं!”
महिला पुलिसकर्मियों ने उसे शांत कराने की कोशिश की और बैठने को कहा, लेकिन जब उसने फिर से अपनी फरियाद दोहराई, तो एसपी ने भी भोजपुरी में उसे आश्वस्त किया, “तोहार ट्रेन ना छूटी, चुपचुप बैठअ, हम गाड़ी से पहुंचवा देईब।” एसपी के इस जवाब के बाद महिला थोड़ी शांत हुई और अपनी समस्या बताने लगी।
क्या थी महिला की शिकायत?
महिला का आरोप था कि उसकी बेटी के साथ एक युवक ने पहले छेड़खानी की थी। इस मामले में पुलिस ने केस दर्ज कर आरोपी को जेल भेज दिया था, लेकिन जमानत पर छूटने के बाद वह फिर से धमकी दे रहा है। इससे मां-बेटी दोनों डरी हुई थीं और न्याय की गुहार लेकर एसपी के पास आई थीं।
एसपी ने दिए तत्काल कार्रवाई के निर्देश
एसपी ने पूरे मामले को गंभीरता से लिया और सेवरही थानाध्यक्ष को तत्काल कार्रवाई करने का निर्देश दिया। इसके बाद, ठंड को देखते हुए पुलिस ने डायल 112 की गाड़ी से मां-बेटी को सुरक्षित उनके घर तक पहुंचवा दिया।
न्याय की उम्मीद लेकर आई पीड़िता
इस घटना ने एक बार फिर दिखाया कि अपराधियों के जेल से छूटने के बाद भी पीड़ितों को सुरक्षा की चिंता सताती रहती है। हालांकि, एसपी के त्वरित हस्तक्षेप से महिला को थोड़ी राहत मिली और उसे भरोसा हुआ कि पुलिस उसकी सुरक्षा सुनिश्चित करेगी।