नौशाद अली की रिपोर्ट
बलरामपुर जिले में जिलाधिकारी (डीएम) पवन अग्रवाल के लगातार निरीक्षण से सरकारी विभागों में हड़कंप मचा हुआ है। डीएम द्वारा विभिन्न सरकारी योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन और सरकारी दफ्तरों में अधिकारियों-कर्मचारियों की उपस्थिति की जांच के लिए लगातार दौरे किए जा रहे हैं। इसी क्रम में, लापरवाही पाए जाने पर उन्होंने एक पंचायत सचिव को निलंबित कर दिया और वीडीओ को कारण बताओ नोटिस जारी करने का आदेश दिया है। साथ ही, जल जीवन मिशन के तहत बन रही पानी की टंकी की तकनीकी जांच के आदेश दिए गए हैं।
शनिवार को डीएम पवन अग्रवाल ने श्री दत्तगंज के विकासखंड कार्यालय, पशु चिकित्सालय, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, प्राथमिक विद्यालय, और आंगनवाड़ी केंद्र का निरीक्षण किया। उन्होंने ग्राम पंचायत धमौली में जल जीवन मिशन के तहत निर्माणाधीन पेयजल टंकी और पंचायत भवन में कराए गए विकास कार्यों का भी निरीक्षण किया। कार्यों में गंभीर लापरवाही और दस्तावेजों की अनुपस्थिति के कारण पंचायत सचिव रंजीत कुमार को निलंबित कर दिया गया, जबकि वीडीओ को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया। साथ ही, ग्राम पंचायत में पिछले दो वर्षों में कराए गए विकास कार्यों की जांच के आदेश भी दिए गए।
निरीक्षण के दौरान डीएम को जानकारी मिली कि तीन महीने पहले हुई एक ट्रेनिंग का भुगतान अभी तक नहीं हुआ है। इस पर उन्होंने डीसी एनआरएलएम को निर्देश दिया कि 20 सितंबर तक भुगतान कर इस बारे में उन्हें अवगत कराया जाए। ग्रामीण आजीविका मिशन के निरीक्षण के दौरान ब्लॉक मिशन मैनेजर मिशन से संबंधित कोई जानकारी नहीं दे सके, जिसके बाद डीएम ने उनकी सेवा समाप्त करने के लिए नोटिस जारी करने का आदेश दिया। इसके अलावा, ब्लॉक परिसर में जलभराव की समस्या को दूर करने के लिए नाली और सोकपिट बनवाने के निर्देश बीडीओ को दिए गए हैं।
डीएम ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) का निरीक्षण करते हुए वहां की स्वास्थ्य सेवाओं की भी समीक्षा की। अस्पताल में 190 दवाओं के सापेक्ष केवल 183 दवाएं मिलीं, जिस पर डीएम ने सीएचसी अधीक्षक को दवाओं की मांग समय पर न करने पर कड़ी फटकार लगाई। उन्होंने मरीजों से बातचीत कर स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता का भी जायजा लिया।
इसके बाद डीएम ने धनौली गांव के प्राथमिक विद्यालय का निरीक्षण किया, जहां शिक्षा की गुणवत्ता संतोषजनक नहीं पाई गई। विद्यालय परिसर में गंदगी, टूटा नल, और जर्जर भवन देखकर डीएम ने प्रधानाध्यापक, पंचायत सचिव, और ग्राम प्रधान को कड़ी फटकार लगाई। उन्होंने तत्काल परिसर से अव्यवस्थित सामग्री हटाने और जर्जर भवन को ध्वस्त कर खेल के मैदान बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने यह भी पाया कि 61 पंजीकृत छात्रों के सापेक्ष केवल 31 छात्र ही उपस्थित थे, जिस पर बीएसए को जांच के आदेश दिए गए।
डीएम ने जल जीवन मिशन के तहत निर्माणाधीन पेयजल टंकी का निरीक्षण किया और घटिया गुणवत्ता की ईंटों के इस्तेमाल पर तकनीकी जांच के आदेश दिए। पंचायत भवन परिसर में अधूरे और मानकविहीन शौचालय निर्माण कार्य पर भी उन्होंने नाराजगी जाहिर की और उसकी भी जांच के आदेश दिए।
जिलाधिकारी पवन अग्रवाल ने स्पष्ट किया कि विकास कार्यों में लापरवाही और भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, और यह सुनिश्चित किया जाएगा कि सभी कल्याणकारी योजनाएं पात्र लोगों तक बिना किसी बाधा के पहुंचे।
Author: samachar
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