चुन्नीलाल प्रधान और मिश्रीलाल कोरी की रिपोर्ट
नेपाल में भूस्खलन के कारण दो बसें त्रिशूली नदी में गिरकर बह गई हैं, जिसमें कई लोगों के बह जाने की आशंका है। यह हादसा नारायणगढ़-मुग्लिन सड़क मार्ग पर हुआ है।
चितवन के मुख्य जिला अधिकारी इंद्रदेव यादव के अनुसार, शुक्रवार तड़के 3:30 बजे बीरगंज से काठमांडू और काठमांडू से गौर जा रही बसें नदी में गिर गईं। बीरगंज से काठमांडू जा रही बस में कम से कम 21 लोग और काठमांडू से गौर जा रही बस में 41 यात्री सवार थे।
सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार, एक बस नदी में मिल गई है लेकिन लापता यात्रियों का अभी तक पता नहीं चल पाया है। इस हादसे में सात भारतीयों समेत कम से कम 65 यात्री लापता बताए जा रहे हैं।
नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ने ट्वीट किया, “नारायणगढ़-मुग्लिन सड़क खंड पर भूस्खलन में बस के बह जाने से लगभग पांच दर्जन यात्रियों के लापता होने की रिपोर्ट और देश के विभिन्न हिस्सों में बाढ़ और भूस्खलन के कारण संपत्तियों के नुकसान से मैं बहुत दुखी हूं। मैं गृह प्रशासन सहित सरकार की सभी एजेंसियों को यात्रियों की खोज और प्रभावी बचाव के निर्देश देता हूं।”
समाचार पोर्टल ‘माईरिपब्लिका’ के अनुसार, दो बसें चितवन जिले के सिमलताल इलाके में भूस्खलन की चपेट में आने के बाद त्रिशूली नदी में बह गईं। चितवन के मुख्य जिला अधिकारी इंद्र देव यादव ने इस हादसे की पुष्टि की और बताया कि बचावकर्मियों ने भूस्खलन के मलबे को हटाने का काम शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा कि हादसे के संबंध में अधिक जानकारी की प्रतीक्षा की जा रही है।
प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहाल ‘प्रचंड’ ने इस दुर्घटना पर दुख जताते हुए युद्धस्तर पर तलाश और बचाव अभियान के निर्देश जारी किए हैं।
अधिकारियों का कहना है कि त्रिशूली नदी का बहाव तेज़ होने के कारण राहत और बचाव कार्य में बाधा आ रही है। प्रधानमंत्री ने फेसबुक पोस्ट में लिखा, “लापता लोगों को तलाश करने और बचाव कार्य के लिए मैंने गृह मंत्रालय समेत सभी सरकारी एजेंसियों को निर्देश दिए हैं।”
स्थानीय अधिकारियों के मुताबिक, इस हादसे में कम से कम तीन लोग जीवित बचे हैं। चितवन के सिमलताल में हुई बस दुर्घटना में बचने वालों में जोगेश्वर राय और नंदन दास शामिल हैं।
जोगेश्वर राय ने बीबीसी नेपाली सेवा को बताया कि वह काठमांडू में इलाज के बाद घर लौट रहे थे जब यह हादसा हुआ। उनके अनुसार, बस अचानक हिली और चार बार पलटी खाकर नदी में गिर गई।
उन्होंने बताया, “मैं किसी तरह वहाँ से निकला और तैरकर किनारे पर आ गया।” राय के अनुसार, उनके साथ बस में उनके बेटे, बेटी, पोता और पोती भी सवार थे, लेकिन उनमें से केवल वही बच पाए।
हादसे से बचने वाले एक अन्य व्यक्ति रौतहट के नंदन दास हैं। उनके मुताबिक़, मुगलिन में खाना खाने के बाद बस आगे बढ़ी और डेढ़ घंटे बाद यह हादसा हुआ। उन्होंने बताया कि ऊपर से भूस्खलन हुआ और बस पलटकर नदी में पहुंच गई। नदी में वे बस की खिड़की से बाहर निकले और तैरकर किनारे पर आ गए।
नंदन दास ने बताया, “मैं तैर रहा था क्योंकि भगवान ने मुझे बचा लिया। लेकिन मैं रात को कहाँ तैर रहा था, अंधेरे में मुझे यह भी नहीं पता चल रहा था कि मैं अंदर जा रहा हूँ या बाहर आ रहा हूँ। लेकिन मैं किनारे पर पहुँच गया।” तैरते समय उन्हें एक चट्टान और फिर एक झाड़ी मिली। उन्होंने जंगली घास पकड़ ली और बाहर निकल गए।
नंदन ने इसके बाद पहाड़ी पर चढ़ना शुरू किया और चलते-चलते सड़क पर पहुँच गए। वहाँ से उन्हें पुलिस ने दूसरी बस से नारायणगढ़ भेजा। नंदन के मुताबिक़, उन्हें लगा कि बस पलटने से वे मरने वाले हैं। दास ने बताया कि दो लोग एक साथ बाहर आए थे। दूसरा शख़्स उन्हें कुछ देर बाद नदी के बाहर मिला।
नंदन ने बताया कि हालांकि उन्होंने दूसरी बस नहीं देखी, लेकिन जीवित बचे अन्य दोस्त ने उन्हें बताया कि एक और बस भी नदी में गिरी है।
नेपाल में इन दोनों बसों में सवार 60 से अधिक लोगों की तलाश में सुरक्षा एजेंसियों और गोताखोरों को तैनात किया गया है। (इनपुट बीबीसी नेपाली से साभार)
Author: samachar
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