अंजनी कुमार त्रिपाठी की रिपोर्ट
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र के सबसे महत्वपूर्ण संस्थान काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में करीब 400 करोड़ रुपए की लागत से निर्मित सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक पर उद्घाटन के दो साल बीतने के बाद भी हृदय रोगियों को बिस्तर नहीं दिये जाने के खिलाफ आमरण अनशन पर बैठे विभागाध्यक्ष डॉ. ओम शंकर ने लोकसभा चुनाव के बीच प्रधानमंत्री को खुला पत्र लिखकर उनसे हस्तक्षेप की मांग की है।
डॉ शंकर सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक के उद्घाटन के करीब दो वर्षों के बाद भी यहां हृदय रोग विभाग के लिए निर्धारित 90 बिस्तर नहीं देने और उसे मरीजों के आवंटित करने पर ‘डिजीटल ताला’ के जरिए रोक लगाने के खिलाफ आमरण अनशन पर बैठे हैं। डॉ. शंकर ने रविवार को प्रधानमंत्री के नाम एक खुला पत्र लिखकर उनसे तत्काल हस्तक्षेप करने की गुहार लगाई। बीएचयू हृदय रोग विभागाध्यक्ष डॉ. शंकर का आरोप है कि विश्वविद्यालय के चिकित्सा विज्ञान संस्थान (आईएमएस) के आदेश की सर सुंदर लाल अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक प्रो के. के. गुप्ता ने अनदेखी की, जिसकी वजह से हृदय रोग पीड़ितों को पर्याप्त बिस्तर नहीं मिल पा रहा है। उनका कहना है कि यदि आवंटित किए गए सभी 90 बिस्तर सुपर स्पेशलिटी ब्लॉक में उपलब्ध करा दिए जाए तो लगातार बढ़ रही मरीजों में से बहुतों की जान बचाई जा सकती है।
43 बिस्तर बढ़ने से बड़ी संख्या में बचाई जा सकेगी मरीजों की जान
उन्होंने बताया कि फिलहाल विश्वविद्यालय में चिकित्सा की पढ़ाई के लिए निर्धारित सर सुंदर लाल अस्पताल के पुराने भवन में 47 बिस्तरों की व्यवस्था है, जहां पर्याप्त जगह नहीं होने के कारण मरीजों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। डॉ. शंकर ने बताया कि सुपर स्पेशलिटी ब्लॉक में 90 बिस्तरों तैयार हैं, लेकिन आवंटित नहीं किया जा रहा। उन्होंने बताया कि 90 बिस्तर मिलने के बाद पुराने भवन में पहले से उपलब्ध 47 बिस्तर दूसरे विभाग को सौंपने की योजना है। इस तरह 43 बिस्तर बढ़ने से बड़ी संख्या में मरीजों की जान बचाई जा सकती है। उन्होंने बताया कि इस संदर्भ में एक कमेटी गठित की गई थी, जिसने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि सुपर स्पेशलिटी ब्लॉक में 90 बिस्तर तत्काल उपलब्ध कराया जाए लेकिन अस्पताल प्रशासन ने इस पर अमल नहीं किया।
महीने बीतने के बाद भी अभी तक अमल नहीं किया गया
डॉ शंकर ने बताया कि विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से उन्हें मार्च में ही आश्वासन दिया गया था कि हृदय रोग विभाग को अतिरिक्त बिस्तर शीघ्र उपलब्ध करा दिए जाएंगे, लेकिन कई महीने बीतने के बाद भी अभी तक अमल नहीं किया गया। इसके बाद उन्हें मजबूर होकर आमरण अनशन पर बैठना पड़ा। इससे पहले मार्च में उन्होंने विश्वविद्यालय प्रशासन के आश्वासन पर अपना आमरण अनशन आन्दोलन टाल दिया था। उन्होंने बताया कि आईएमएस के तत्कालीन निदेशक के आदेश पर अगस्त 2023 में इस संबंध में एक जांच समित गठित की गई थी, जिसमें सर सुंदरलाल लाल अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक के प्रतिनिधि भी शामिल थे। दो महीने तक जांच करने के बाद इस समिति ने चिकित्सा अधीक्षक के प्रतिनिधि द्वारा दी गई दलीलों को खारिज करते हुए बहुमत से सुपर स्पेशलिटी ब्लॉक के संपूर्ण चौथे तल्ले और आधा पांचवे तल्ले को हृदय विभाग को आवंटित करने की अक्टूबर 2023 में अनुसंशा की थी। इस आधार पर आदेश भी जारी कर दिया गया था।
जाने-माने हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ शंकर ने प्रधानमंत्री को लिखे अपने पत्र में उनसे अनुरोध करते हुए कहा,“एक सांसद के तौर पर विगत दस सालों में आपने भी काशी के विकास को प्राथमिकता देने की कोशिश की। स्वास्थ और शिक्षा के मौलिक अधिकारों की हमारी लड़ाई को आपने गंभीरता से लिया, जिसके लिए आप धन्यवाद के पात्र हैं। आपके सकारात्मक सहयोग से एक ओर जहां आईएमएस को एम्स जैसा दर्जा मिला, वहीं काशी हिन्दू विश्वविद्यालय को ‘इंस्टीट्यूट ऑफ एमिनेंस’ के तौर पर विकसित करने के लिए बजट/धनराशि भी।” डॉ. शंकर विश्वविद्यालय प्रशासन के समक्ष धरना देना चाहते हैं, लेकिन अनुमति नहीं मिलने के बाद वह शनिवार से अपने विभाग में ही आमरण अनशन पर बैठे हैं। वहीं पर वह मरीज को भी देखते और उन्हें दवाएं लिखते हैं
Author: samachar
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