इरफान अली लारी की रिपोर्ट
इमरान मसूद नाम तो याद होगा न आपको। हां.. वहीं इमरान मसूद, जिन्होंने पीएम मोदी को ‘बोटी-बोटी’ काटने की धमकी दी थी।
मसूद एक बार फिर से अपने एक बयान को लेकर सुर्खियों में है।
इस बार उन्होंने मुस्लिम समाज को चेताते हुए कहा कि अगर बीजेपी सत्ता में आ गई तो क्या होगा?
उत्तर प्रदेश में सहारनपुर से कांग्रेस प्रत्याशी इमरान मसूद ने एक सभा में कहा कि अगर भाजपा दोबारा आ गई तो सबसे पहले इलाज तुम्हारा और मेरा होना है, याद रखना। इमरान मसूद की इस टिप्पणी की वीडियो जमकर वायरल हो रहा है। बीजेपी ने इमरान मसूद के वीडियो को लेकर चुनाव आयोग से शिकायत की है।
इमरान मसूद का चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इस वीडियो में इमरान मसूद बोलते नजर आ रहे हैं कि मैं सिर्फ इतनी बात कह रहा हूं कि यह चुनाव इमरान को जिताने या हराने का नहीं है, यह चुनाव अपने आप को बचाने का है।
मसूद ने आगे कहा कि अगर भाजपा दोबारा आ गई तो सबसे पहले इलाज तुम्हारा और मेरा होना है, याद रख लेना। जितनी मजबूत आवाजें हैं, सारी खामोश ऐसे ही नहीं की जा रहीं, कोई बोलने वाला न बचे, ऐसी साजिश हो रही है।
इमरान मसूद का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तो भाजपा के लखनऊ मुख्यालय ने इमरान के बयान को लेकर चुनाव आयोग से शिकायत की।
भाजपा ने पत्र में लिखा, ‘सहारनपुर कांग्रेस के प्रत्याशी इमरान मसूद ने अपनी जनसभा में वर्ग विशेष को भड़काया है। इमरान मसूद एक वर्ग विशेष में डर का माहौल पैदा कर उन्हें अन्य वर्ग से लड़वाने के लिए उत्तेजित कर रहे हैं। हिंसा के द्वारा चुनाव को प्रभावित करने का प्रयास कर रहे हैं, जो कि आदर्श आचार संहिता का घोर उल्लंघन है।’
अपने वायरल हुए वीडियो को लेकर इमरान मसूद ने कहा कि अरे भाई डर लगता है यार, अब डरना भी मना हो गया क्या देश के अंदर। इन्होंने मार मार के सबका भुस भर दिया। मुख्यमंत्री को उठाकर यह बंद कर देते हैं तो डरना भी मना हो गया क्या। डर निकाल दो, हम तो चाह रहे भाई कि तुम डर निकाल दो, हमें डर न रहे। हमें डर लग रहा है। भाजपा द्वारा चुनाव आयोग से की गई शिकायत पर इमरान ने कहा कि भाजपा के पास कोई रास्ता नहीं है। उल्टी सीधी हरकतों पर उतर आए हैं।
मसूद ने कहा कि कोई मुझे प्रेम से बुलाएगा तो मैं जाऊंगा और मैं पहली बार थोड़ी न गया हूं। मैं सब जगह जाता हूं। इमरान ने कहा कि हिंदू समाज का मुझे समर्थन मिल रहा है, जब उन्हें पता चल रहा है कि लोग मेरे साथ चल रहे हैं। यह तो राम की कृपा मुझ पर बरस रही है तो उनको क्यों परेशानी हो रही है।
सहारनपुर से इंडिया गठबंधन ने इमरान मसूद को तो भाजपा ने राघवलखन पाल को मैदान में उतारा है। बसपा ने रणनीतिक कदम उठाते हुए अपने मौजूदा सांसद को टिकट नहीं दिया है और मुस्लिम व दलित वोट बैंक को सुरक्षित करने की उम्मीद में एक स्थानीय मुस्लिम चेहरे माजिद अली को चुना है।
बता दें, सहारनपुर सीट पर सबसे पहला लोकसभा चुनाव 1952 में हुआ था और तभी से यह सीट कांग्रेस का गढ़ बन गई। साल 1952 से लेकर 1977 तक इस सीट पर कांग्रेस का कब्जा रहा था। 1977 में इमरजेंसी के बाद हुए चुनाव से लेकर 1996 तक इस सीट पर जनता दल या जनता पार्टी का कब्जा रहा। दो बार की हार के बाद 1984 के चुनाव में कांग्रेस ने एक बार फिर यहां बाजी मारी थी।