चुन्नीलाल प्रधान की रिपोर्ट
यूपी के चार लाख बिजली उपभोक्ताओं के बिल में बड़ी खामियां सामने आई हैं। सच्चाई जब अधिकारियों तक पहुंची तो वह भी हैरान रह गए।
दरअसल उपभोक्ताओं के बिजली बिल 66 से 100 रुपये तक आ रहे हैं, यानि की इन चार लाख उपभोक्ताओं की बिजली खपत केवल 5 से 10 यूनिट की है।
ऐसा कैसे हो सकता है, खुद बिजली निगम के अधिकारी इस पर यकीन नहीं कर पा रहे हैं।
बिजली विभाग के हाई लेबल अफसरों ने एक बैठक की और 5 से 10 यूनिट के बिल बनने को लेकर मैराथन चर्चा लखनऊ में की।
बिजली विभाग के आईटी विभाग ने 5 से 10 यूनिट बिजली खपत की असलियत जानने के लिए एक मोबाइल एप तैयार किया। इस एप के प्रयोग से बिजली विभाग के अफसरों को पता लग सकेगा कि 5 से 10 यूनिट बिजली की वाकई खपत हो रही है या फिर बिजली चोरी हो रही है। एप बताएगा कि मीटर में कितनी रीडिंग स्टोर है।
एप के जरिए यह भी पता लगेगा कि बिजली की डिमांड कितनी है, कितनी खपत हो रही है। चार लाख उपभोक्ता के 5 से 10 यूनिट बिजली बिल की असलियत से पर्दा मोबाइल एप ही खोलेगा। मोबाइल एप का इस्तेमाल मीटर रीडर के साथ ही जेई, एसडीओ तथा एक्सईएन करेंगे। चेकिंग की निगरानी के लिए एसई की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
कम रीडिंग के बिल में बरेली और हरदोई अव्वल
कम रीडिंग के बिजली बिल बनने के मामले में यूपी का बरेली और हरदोई जिला प्रथम स्थान पर है। दूसरे स्थान पर सीतापुर जिला है। इतना ही नहीं रायबरेली, गोंडा तथा अयोध्या जोन के कई जिलों में हजारों की संख्या में उपभोक्ता हैं, जिनकी बिजली खपत महीने में 5 से 10 यूनिट हो रही है।
मीटर में स्टोर रीडिंग का खेल होगा खत्म
अभी तक मीटर रीडर से जुगाड कर मीटर में रीडिंग स्टोर कर आराम से कम यूनिट का बिल बनवाते थे, लेकिन अब मीटर रीडर को भी स्टोर रीडिंग चेक करने की जिम्मेदारी दी गई है।
शाहजहांपुर अधीक्षण अभियंता जेपी वर्मा ने बताया, मोबाइल ऐप के माध्यम से चेकिंग करने से मीटर में रीडिंग स्टोर का खेल खत्म होगा, साथ ही 10 यूनिट बिल बनने वाले आसानी से पकड़े जाएंगे। चेकिंग कराने के लिए सभी जेई, एसडीओ को निर्देशित कर दिया।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."