चुन्नीलाल प्रधान की रिपोर्ट
यूपी के बांदा जेल में माफिया से नेता बने मुख्तार अंसारी की हार्ट अटैक से मौत हो गई। मुख्तार की मौत के बहाने सोशल मीडिया पर राजनीति और अपराध को लेकर बहस देखने को मिल रही है। देश की राजनीति को अपराध मुक्त करने को लेकर न्यायपालिका से लेकर सरकार, राजनीतिक दलों से लेकर राजनेताओं तक बातें खूब होती हैं।
राजनीति में अपराधियों पर नकेल कसने के लिए कानून भी बने हैं लेकिन राजनीति में प्रवेश को लेकर कोई बैरियर नहीं दिखता है। देश की राजनीति में अपराधिक प्रवृति वाले लोगों का आना जारी है। ये पहले अपराध की दुनिया में सिक्का जमाते हैं फिर पार्षद, विधायक लेकर सांसद तक निर्वाचित हो जाते हैं। ऐसे में सवाल है कि आखिर राजनीति में अपराधियों की हिस्सेदारी कहां तक पहुंच चुकी है।
एडीआर की रिपोर्ट
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) की तरफ से पिछले साल विश्लेषण में दावा किया गया था कि भारत भर में राज्य विधानसभाओं में लगभग 44 प्रतिशत विधायकों ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं।
एडीआर और नेशनल इलेक्शन वॉच (एनईडब्ल्यू) की तरफ से किए गए विश्लेषण में देश भर में राज्य विधानसभाओं और केंद्र शासित प्रदेशों में वर्तमान विधायकों के स्व-शपथ पत्रों की जांच की गई थी।
यह डेटा विधायकों की तरफ से उनके हालिया चुनाव लड़ने से पहले दायर किए गए हलफनामों से निकाला गया था।
विश्लेषण में 28 राज्य विधानसभाओं और 2 केंद्र शासित प्रदेशों में सेवारत 4,033 व्यक्तियों में से कुल 4,001 विधायकों को शामिल किया गया था।
विश्लेषण किए गए विधायकों में से 1,136 या लगभग 28 प्रतिशत ने अपने खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले घोषित किए थे। इनमें हत्या, हत्या का प्रयास, अपहरण और महिलाओं के खिलाफ अपराध, सहित अन्य अपराध शामिल थे।
किस राज्य में सबसे अधिक दागी
केरल में, 135 में से 95 विधायकों, यानी 70 प्रतिशत, ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए थे। इसी तरह बिहार में 242 विधायकों में से 161 (67 फीसदी), दिल्ली में 70 में से 44 विधायक (63 फीसदी), महाराष्ट्र में 284 में से 175 विधायक (62 फीसदी), तेलंगाना में 118 विधायकों में से 72 विधायक (61 प्रतिशत) और तमिलनाडु में 224 विधायकों में से 134 (60 प्रतिशत) ने अपने हलफनामों में स्वयं घोषित आपराधिक मामले दर्ज की जानकारी दी थी।
इसके अलावा, एडीआर ने बताया कि दिल्ली के 70 में से 37 विधायकों (53 प्रतिशत) पर आपराधिक मामले दर्ज हैं। बिहार में 242 में से 122 विधायक (50 प्रतिशत), महाराष्ट्र में 284 में से 114 विधायक (40 प्रतिशत), झारखंड में 79 में से 31 विधायक (39 प्रतिशत), तेलंगाना में 118 में से 46 विधायक (39 प्रतिशत) ) और उत्तर प्रदेश में 403 विधायकों में से 155 (38 प्रतिशत) ने अपने खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले घोषित किए थे।
Author: samachar
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