इरफान अली लारी की रिपोर्ट
देवरिया। थाना क्षेत्र रामपुर कारखाना के सामीपट्टी गांव मे स्थित मदरसा अरबिया इस्लामिया दारूल उलूम में मरहूम जनाब हज़रत मौलाना महबूब आलम साहब के याद में शनिवार को बाद नमाज मगरिब अजीमुश्शान जलसा दस्तारबंदी का आयोजन किया गया।
जलसे में मुल्क हिंदुस्तान व राज्य के के दर्जनों उलमा-ए-कराम तशरीफ फरमाए थे। जिनके मुकद्दस हाथों से दारूल उलूम सामीपट्टी से कुरआन पाक मुकम्मल हिफ्ज करने वाले 10 हुफ्फाज ए कराम के सरो पर दस्तार ए हिफ्ज सजाया गया।
जलसे की शुरुआत कारी कालीम आलम साहब के द्वारा प्रस्तुत तिलावते कुरआन पाक से हुआ। इस मौके पर जलसे में मेहमाने खूसूसी के तौर पर तसरीफ फरमा हजरत मौलाना मुहम्मद शिबली साहब नुमानी (लखनऊ) ने कहा कि जो लोग अल्लाह से लौ लगाते है तो कामयाबी उनकी कदम चूमती है। लोगों को सिर्फ अल्लाह पर भरोसा रखना और मुरादे मांगना चाहिए।
उन्होंने बताया कि अल्लाह और उनके रसूल के बताएं तरीके पर चल कर ही इंसान कामयाबी पा सकता है।इस्लाम दुनिया वालों को अमन चैन व भाईचारगी का सन्देश देता है। लोगों को सच्ची पक्की मुसलमान होने की जरूरत है। जलसे का प्रमुख वक्ता मौलाना मुहम्मद जाबिर पालनपुरी कासमी ने कहा इल्म व कुरआन की अहमियत को बताते हुए अपने खिताब में कहा कि कुरान इन्कलाबी किताब है। वही लोगों से कहा ष।कि समाज मे फैली बुराईयों को दूर करने के लिए आगे आए और दहेज, बेपर्दगी, नशापान, जूआ, सुधीनेजाम, जैसे बुराइओं को जड़ से मिटाये और इस्लामी निजाम कायम करें।उन्होंने कहा कि आखिरत में कुरान के हाफिजों का मरतबा बुलंद होने और जन्नत की बसारत बतायी।
मौलाना व मुफ्ती मोहम्मद साजिद साहब ने अपने किताब में कहा कि इल्म के बगैर कोई काम तरक्की नहीं करती। मख्तब व मदरसों की हिफाजत की जिम्मेदारी हम सभी की है। कुरान को अपने जीवन मे उतारने की जरूरत है। वही शायर ए इस्लाम कारी सुहेल अहमद ने अपने सुरेली आवाज से लोगों का मन मोह लिया। जलसे की संचालन मौलाना आज़म कासमी ने किया।
मदरसा अरबिया इस्लामिया दारूल उलूम सामी पट्टी के प्रधानाचार्य मौलाना यहया कासमी ने जलसे में आये सभी का शुक्रिया अदा किया। मोहम्मद मनीरूद्दीन कासमी ने किया।
जलसा को कामयाब बनाने में दारूल उलूम रहमानिया जरीयो के नाजिम मौलाना जमीरउद्दीन कासमी,सदरे मोदरिस हाफिज अबुल कलाम साहब,मोदरिस कारी अब्दुल वाहिद,कारी सलमान अहमद,मास्टर इम्दादुल्लाह व दिगर कमिटि के लोगों का सराहनीय योगदान रहा,इस मुबारक मौके पर काफी संख्या में मर्द औरत व बच्चे मौजूद थे।
इस मौके पर मुफ्ती जकारिया साहब मुफ्ती रियाजुद्दीन मौलाना सलीम कासमी मौलाना मेराज अहमद कासमी इम्तियाजिया महासचिव जमीयत उलेमा देवरिया मौलाना एजाजुल्लाह मौलाना सिकंदर मुफ्ती हुसामुद्दीन मौलाना अब्दुल बारी साहब हजरत कारी अब्दुल वहीद साहब महतमिम मदरसा कासिम उलूम कोलाछापर कातिब नूरुद्दीन साहब मौलाना रियाजुद्दीन साहब मौलाना उबैदुल्लाह साहब मौलाना, मौलाना मतीउल्लाह फुरकानी , अबरार , मौलाना शरफुल्लाह एमआईएम नेता असरफ अली खान मुफ्ती हमीदुल्लाह एवं हजारो के संख्या में लोग मौजूद रहे।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."