हीरा मोटवानी की रिपोर्ट
रायगढ़। प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनने के बाद भी पुराने सिस्टम में कोई फर्क नहीं पड़ रहा है। निजी संपत्ति के तोड़फोड़ और जान से मारने की धमकी पर 22 दिनों तक पुलिस द्वारा कोई कार्यवाही नहीं किए जाने और संबंधित पक्ष की रिपोर्ट दर्ज नहीं करने से क्षुब्ध होकर व्यापारी राजेश अग्रवाल ने प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और स्थानीय विधायक एवं मंत्री ओपी चौधरी से गुहार लगाई है। वहीं पुलिस के उच्च अधिकारियों से भी पत्राचार किया है।
घटना की जानकारी देते हुए अपने पत्र में व्यापारी राजेश अग्रवाल ने लिखा है कि उनके एवं उनकी पत्नी की निजी भूमि ग्राम कोड़ातराई में वे अपने खर्चे पर शासकीय ठेकेदार द्वारा बिजली के खंभे लगाते हुए 11 किलोवाट के तार का लाइन शिफ्टिंग का कार्य करवा रहे थे जहां पर 19 दिसंबर को शाम लगभग 5:00 बजे स्थानीय निवासी ओंकार पटेल, दिनेश नायक एवं चार-पांच अन्य लोगों द्वारा जेसीबी मशीन लाकर विद्युत खंभों को तहस-नहस कर दिया गया तथा मना करने पर मौके पर स्थित ठेकेदार सिद्धेश्वर राजपूत के बिजली कर्मचारी रघुनंदन सिंह श्याम ,अजय मरावी एवं संजय ध्रुव को गालियां देते हुए बिजली तार एवं अन्य विद्युत उपकरण जिसकी कीमत लगभग 1 लाख है लूट कर ले गए। जाते वक्त इन लोगों ने पुलिस रिपोर्ट करने पर देख लेने की धमकी दी और कहा कि यदि अब आसपास भी दिखाई दिए तो जान से मार दिए जाओगे।
इस घटना पर मैं डर गया और अपनी जान बचाकर किसी तरह दौड़ते भागते शाम लगभग 7:00 बजे पुलिस थाना जूट मिल में घटना की सूचना दिया और मैंने अपना लिखित आवेदन थाना प्रभारी के समक्ष प्रस्तुत किया जिसमें मैंने लिखा कि मनमानी और गुंडागर्दी कर रहे ओंकार पटेल और दिनेश नायक के कारण अपनी जमीन में पैर भी नहीं रख पा रहा हूं और कोई काम भी नहीं कर पा रहा हूं।
राजेश अग्रवाल ने बताया कि वे यहां पर एक लघु उद्योग स्थापित कर रहे हैं परंतु इस प्रकार के अवांछनीय हस्तक्षेप के कारण वह इस लघु उद्योग को लगाने में न केवल विलंबित हो रहे हैं बल्कि हतोत्साहित भी हो रहे हैं। एक तरफ शासन यह आश्वासन देता है कि प्रदेश में उद्योग धंधों की स्थापना में शासकीय तौर पर सारी मदद की जाएगी।
वहीं दूसरी ओर उद्योग धंधों के स्थापना स्थल पर ही आसपास के स्वयंभू नेता और असामाजिक तत्व वहां जाकर लोगों को न केवल आतंकित करते हैं बल्कि वह तोड़फोड़ और लूट कर रहे हैं।
राजेश अग्रवाल ने बताया कि जब उन्होंने पुलिस जांच अधिकारी से यह पूछा कि उनके आवेदन पर 22 दिन बाद भी कार्यवाही क्यों नहीं हो रही है तो पुलिस अधिकारी ने कहा कि हम सबंधित पक्ष को तलब कर रहे हैं परंतु अभी तक वह उपस्थित नहीं हुआ है। राजेश अग्रवाल ने बताया कि पुलिस की अपनी मजबूरी साफ़ झलक रही है जो लोकतंत्र में प्रशासनिक कसावट के लिए चिंता का विषय है।
उल्लेखनीय है कि विधानसभा रायगढ़ के लोकप्रिय विधायक एवं कैबिनेट मंत्री ओपी चौधरी ने मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के स्वागत समारोह के दौरान मंच से भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी मंशा स्पष्ट रूप से जनता तक पहुंचा दी है और जनता को निष्पक्ष न्याय का आश्वासन दिया है।
दूसरी ओर कुछ स्वयंभू नेता अभी से ही अपनी दबंगई और धाक जमाने के लिए न केवल खुलेआम मनमानी कर रहे हैं बल्कि वह लोकप्रिय नेताओं के नाम का दुरुपयोग करते हुए शासकीय अधिकारियों पर दबाव बनाने से भी बाज नहीं आ रहे हैं। अब देखना यह है कि वह नेताओं के नाम का दुरुपयोग करने में सफल रहते हैं या फिर शासकीय अधिकारी माननीय मुख्यमंत्री और कैबिनेट मंत्री की मंशा अनुरूप आम जनता को सही एवं सच्चा न्याय देने में सफल हो पाते हैं।
क्या कहते हैं राजेश अग्रवाल
घटनास्थल पर सीसीटीवी कैमरा भी उपलब्ध है जिसमें पूरी घटना रिकॉर्ड हो चुकी है परंतु पुलिस द्वारा अभी तक उस पर कोई संज्ञान नहीं लिया गया है। पुलिस इसे भूमि विवाद बता रही है जबकि यह तोड़फोड़ लूट और जान से मारने की धमकी का मामला है।
क्या कहते हैं प्रदेश के व्यापारी नेता आनंद चोपकर
व्यापारी के प्रतिष्ठान के निर्माण में असामाजिक तत्वों द्वारा इस प्रकार की मनमानी और तोड़फोड़ प्रदेश की कानून व्यवस्था पर प्रश्न चिन्ह है। प्रशासन को इस पर संज्ञान लेकर विस्तृत जांच करवानी चाहिए। और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही करनी चाहिए।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."