चुन्नीलाल प्रधान की रिपोर्ट
श्रावस्ती: यूपी के श्रावस्ती जिले में मजबूती से गौरक्षा का संदेश समाज तक पहुंचाने के लिए एक अनोखी पहल की गई है। दो अलग-अलग जिलों के दो परिवारों ने बछड़ा और बछिया का विवाह तय किया है। बछिया का नाम आयुष्मति नंदनी और बछड़े का नाम चिरंजीव नन्दी रखा गया है जिसका वर छेकाई भी कर दी गई है।
मानव जीवन में पति-पत्नी की शादी तो आप लोगों ने देखा है, लेकिन अब यूपी के श्रावस्ती जिले के इकौना विकास खण्ड अंतर्गत रामपुर कटेल गांव में एक अनोखी शादी होने वाली है। इसमें गाय का बछड़ा और बछिया की शादी होगी। इसकी वरेछा भी शुक्रवार को विधि-विधान से संपन्न हो चुकी है। अब बारात आना बाकी है बारात की तारीख भी निश्चित हो गई है।
देसी नस्ल की बछिया के लिए मिला वर
दरअसल बहराइच जिले के पयागपुर थाना क्षेत्र के निहनिया कुट्टी निवासी संत विश्व भारती भोला बाबा अपने सहयोगी संत मंडली के साथ अपनी देसी नस्ल की बछिया के लिए वर ढूंढा।
दान दक्षिणा, फल-मिठाई देकर स्वागत
इकौना के रामपुर कटेल गांव पहुंचे यहां पर भभूती प्रसाद के घर के लोगों ने कन्या पक्ष के लोगों का स्वागत सत्कार किया। पुरोहित पंडित आशीष मिश्रा की मौजूदगी में बछिया मालिक संत ने देसी नस्ल के बछड़े के पालक भभूति प्रसाद को दान दक्षिणा फल मिठाई अर्पित कर उनके बछड़े को अपनी बछिया के रूप में वरण किया है।
‘बछिया को बेटी की तरह पाला’
बछिया मालिक संत ने बताया कि मैंने अपनी बछिया को बेटी की तरह पाला पोसा है। इसका विवाह बैंड बाजे के साथ धूम धाम से होगा। निमंत्रण पत्र बांटकर आस पास गांव के लोगों को आमंत्रित किया जायेगा।
जानिए कब है विवाह
पुरोहित ने दोनों पक्षों की मौजूदगी में पंचांग देखकर 25 दिसंबर को तिलक व 26 दिसंबर को शुभ विवाह का मुहूर्त तय किया है। यह बारात पुराने रीति रिवाज के अनुसार तीन दिन की होगी पहले दिन विवाह दूसरे दिन शिष्टाचार और तीसरे दिन विदाई का कार्यक्रम होगा।
Author: samachar
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