संजय सिंह राणा की रिपोर्ट
चित्रकूट। सरकार द्वारा अन्ना गौवंशो को आश्रय देने के लिए लगभग हर ग्राम पंचायतों में गौशाला का निर्माण कराया गया है और इन गौवंशो के भरण पोषण के लिए सरकार द्वारा बड़ी मात्रा में धनराशि दी जा रही है इसके बावजूद इन गौवंशो की दुर्दशा देखते ही बन रही है अब हालात तो यह देखने को मिल रहे हैं कि जीवित गौवंशो को नदियों में प्रवाहित किया जाने लगा है l
ऐसा ही कुछ भयावह मंजर देखने को मिला है रामनगर ब्लाक के गांव सुहेल में…
रामनगर ब्लाक के गांव सुहेल में अरविंद यादव ग्राम प्रधान हैं वहीं परिवर्तन प्रताप सिंह सचिव के पद पर तैनात हैं ग्राम पंचायत में संचालित गौशाला में गौवंशो की दुर्दशा देखते ही बन रही है जहां पर गौवंशो को पीने के लिए पानी नहीं मिल पा रहा है और न ही खाने को चारे भूसे का कोई इंतज़ाम किया जा रहा है जिसके कारण ज्यादातर गौवंश भूख और प्यास से तड़प तड़प कर जान दे रहे हैं l
ग्राम पंचायत में ज्यादातर गौवंश खुला घूम रहे हैं जो किसानों की फसलें चट कर रहे हैं इन गौवंशो ने किसानों का जीना मुहाल किया हुआ है लेकिन ग्रामीण किसान करें भी तो क्या करें… ग्राम प्रधान इतना रसूखदार है कि शिकायत करने के बावजूद कार्यवाही नहीं हो पाती है l
ग्राम पंचायत सुहेल में गौवंशो की दुर्दशा देखते ही बन रही है जिसमें ग्राम प्रधान द्वारा इन गौवंशो को जीवित ही यमुना नदी में प्रवाहित करवाया जा रहा है जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है व सुर्खियां बटोर रहा है l
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सबसे बड़ी सोंचने वाली बात यह है कि एक तरफ जहां मुख्यमंत्री योगी गौवंश के प्रति लापरवाही बरतने वाले के विरूद्ध आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिए हुए हैं वहीं दूसरी ओर ज़िम्मेदार अधिकारियों द्वारा शासन के निर्देशों को दर किनार करते हुए कार्य किया जा रहा है जिसके कारण ग्राम प्रधान व सचिव अपनी मनमानी करते हुए नज़र आते हैं l
अब देखना यह है कि ज़िला प्रशासन कब मामले को संज्ञान में लेते हुए बेजुबान गौवंशो को जीवित ही यमुना नदी में प्रवाहित करवाने वाले ग्राम प्रधान व सचिव के विरुद्ध पशु क्रूरता अधिनियम के तहत मुकदमा पंजीकृत करवाकर आवश्यक कार्यवाही करने का काम करेगा यह एक बड़ा सवाल है l
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."