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19 January 2025 12:32 am

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‘दुनिया वालों मैं बहुत मजबूर हूं, मुझे और मेरी दीदी को….यकीनन आंखें नम हो जाएंगी, आश्रम की दो बहनों का सुसाइट नोट पढ़कर 

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ठाकुर धर्म सिंह ब्रजवासी की रिपोर्ट 

आगरा: उत्तर प्रदेश के आगरा में शुक्रवार को प्रजापति ब्रह्माकुमारी आश्रम में रहने वाली दो सगी बहनों ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है। फांसी लगाने से पहले दोनों बहनों ने सुसाइड नोट लिखा और ग्रुप में भेज दिया। जानकारी लगते ही बहनों के परिजन आश्रम पहुंचे, लेकिन तब तक दोनों बहनें फांसी पर झूल चुकी थीं। बहनों ने आश्रम के चार लोगों को मौत का जिम्मेदार बताया है। सुसाइड नोट में दोनों बहनों ने यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ से आरोपियों को आसाराम बापू की तरह उम्रकैद की सजा दिलाए जाने की मांग की है। जगनेर स्थित ब्रह्माकुमारी आश्रम में सुसाइड करने वाली बहनों ने चारों आरोपियों पर अनैतिक काम में शामिल होने के साथ पैसे हड़पने के आरोप लगाए हैं।

आत्महत्या करने वाली दोनों बहनों के नाम एकता और शिखा हैं। 15 साल पहले दोनों ने ब्रह्माकुमारी आश्रम से दीक्षा ली थी। सुसाइड नोट में उन्होंने आश्रम से जुड़ी एक महिला समेत 4 कर्मचारियों को जिम्मेदार ठहराया है। इसमें इन चारों पर अनैतिक गतिविधि करने और रुपए हड़पने का आरोप लगाया है। पुलिस ने इनमें से 3 आरोपियों गुड्डन, ताराचंद और पूनम को गिरफ्तार कर लिया है।

सुसाइड नोट में यह भी आरोप लगाया गया है कि आश्रम में कई बहनों ने पहले भी सुसाइड की है, लेकिन ऐसे मामलों को छिपा लिया जाता है। जिस आश्रम में घटना हुई वह आगरा के थाना जगनेर में स्थित है। दोनों बहनों का घर आश्रम से करीब 13 किमी. दूरी पर है। जिस वक्त वारदात हुई, उस वक्त आश्रम में दोनों बहनों के अलावा एक महिला और थी। वह दूसरे कमरे में थी।

ACP खेरागढ़ महेश कुमार ने बताया कि रात 12 बजे पुलिस को सूचना मिली कि ब्रह्माकुमारी में दो बहनों ने सुसाइड कर लिया। मौके पर फोरेंसिक जांच की गई। कमरे से सुसाइड नोट और फोन मिला है। उसे कब्जे में लिया है। उसमें कई जानकारी हासिल हुई है। शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है। कमरे से जो सुसाइड नोट मिला है उसमें 4 लोगों को जिम्मेदार ठहराया है।

नीरज अग्रवाल

ये नीरज अग्रवाल, गुड्‌डन, पूनम और ताराचंद हैं। गुड्‌डन दोनों का मौसा था, जबकि नीरज रिश्तेदार। पूनम ब्रह्माकुमारी आश्रम ग्वालियर से जुड़ी हुई है। आरोप है कि नीरज और पूनम ने आश्रम बनवाने के लिए इनसे 25 लाख रुपए ले लिए थे। पुलिस ने गुड्डन और ताराचंद को गिरफ्तार कर लिया है। बाकी, आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए टीमें गठित कर दी हैं।

ग्वालियर की महिला से बनाता रहा संबंध

एकता ने सुसाइड नोट में लिखा है कि केंद्र में रहने का नीरज ने आश्वासन दिया था, लेकिन केंद्र बनने के बाद वह उससे बात करना बंद कर दिया था। हम दोनों बहनें एक साल तक रोती रही हैं, लेकिन उसने नहीं सुनी। उसका साथ उसके पिता, ग्वालियर में रहने वाली महिला और ताराचंद नाम के शख्स ने दिया। 15 साल साथ रहने के बाद भी वह ग्वालियर की महिला के साथ संबंध बनाता रहा। चारों ने हमारे साथ गद्दारी की है। हमारे पिता ने प्लाट के लिए 7 लाख रुपये आश्रम के जुड़े लोगों को दिए। यही नहीं 18 लाख रुपये गरीब माताओं से भी लिए गए हैं।

8.30 बजे माता-पिता से फोन पर की बात

दोनों बहनों की सुसाइड की सूचना पर मौके पर इनका भाई सोनू पहुंचा। सोनू ने बताया, ‘मेरी बड़ी बहन एकता और छोटी बहन शिखा ने 2008 में ब्रह्माकुमारी आश्रम से दीक्षा ली थी। तब से दोनों परिवार से अलग रह रही थीं। 4 साल पहले उन्होंने जगनेर बसई रोड पर आश्रम बनवाना शुरू किया था। एक साल पहले आश्रम बनकर तैयार हो गया। इसके बाद से दोनों वहीं रह रही थीं।’

‘शुकवार को आश्रम में 7 बजे तक आध्यात्मिक क्लासेज चलीं। इसमें आसपास की महिलाएं आई थीं। इसके बाद एकता और शिखा ने रात करीब साढे़ आठ बजे घर फोन लगाया। मम्मी-पापा से करीब 30-35 मिनट तक बातचीत की। तब तक सब कुछ सामान्य था। बातचीत में वे नॉर्मल लग रहीं थीं। रात 11.05 बजे बहनों का मेरे वॉट्सऐप पर सुसाइड नोट आया। उस वक्त मैं सुसाइड नोट देख नहीं पाया। इसके कुछ ही देर बाद ब्रह्माकुमारी की अन्य महिलाओं के फोन आए। उन्होंने कहा कि तुम्हारी बहन ने वॉट्सऐप पर कुछ डाला है। मैं तुरंत आश्रम पहुंचा तो वहां कुछ और लोग पहुंच चुके थे। दोनों के शव लटके हुए थे।’

 

दोनों बहनों ने सुसाइड नोट में क्या-कुछ लिखा…

शिखा ने लिखा-कई बहनें सुसाइड कर लेती हैं, ये लोग छिपा लेते हैं

मैं रिक्वेस्ट करती हूं कि हम दोनों बहनों के साथ गद्दारी की गई है। पापी नीरज सिंघल माउंट आबू में मॉर्डन कंपनी में नौकरी करता है। इसने हमें भरोसा दिलाया कि जगनेर में सेंटर बनने के बाद मैं आपके साथ रहूंगा। मगर, एक साल हम दोनों बहनें इसके सामने रोते रहे पर इसने एक न सुनी। इसका साथ ग्वालियर मोती झील सेंटर वाली पूनम, इसका बाप तारचंद और इसकी बहन का ससुर गुड्‌डन जो जयपुर में रहता है, वो भी साथ थे। नीरज हमारे साथ 15 साल से रह रहा था।

इन चारों ने हमारे साथ गद्दारी की है। इस सेंटर को बनवाने में यज्ञ का कोई पैसा नहीं है। सारा पैसा हमारा लगा है। नीरज गलत अफवाह फैलता था कि सेंटर उसने बनवाया है। हमने इस पर भरोसा किया था, हमें धोखा मिला। इसके पास हमारे 25 लाख रुपए हैं। सेंटर के आश्रम के उद्घाटन के लिए इसके पास जमा करवा दिए थे। ये गरीब माताओं का पैसा था। सात लाख रुपए मेरे पापा ने प्लाट दिलवाया था उसे बेचकर दिए थे। 18 लाख रुपए गरीब माताओं का पैसा था। अब इसने पैसा देने से मना कर दिया। ये लोगों से झूठ बोलता है कि सेंटर इसने बनवाया है। सेंटर में इसका तन से सहयोग है। इसने हमारे रुपए से फ्लैट खरीद लिया है।

 

मेरे प्यारे भाई सोनवीर और एन सिंह से प्रार्थना है कि इस केस को आप दोनों बहनों की तरफ से लड़ना। आप हमारे सगे भाई से ज्यादा हो। चाहे जितना पैसा खर्च हो जाए, आप उसे बहनों की राखी का समझ लेना। इन चारों हत्यारों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाए। आसाराम बापू की तरह इन्हें भी हमेशा जेल में रखा जाए। आश्रम में कई बहनें सुसाइड कर लेती हैं, लेकिन ये लोग सब छुपा देते हैं। हमारे साथ कोई नहीं है। हम अकेले पड़ गए हैं। इसलिए ये कदम उठाना पड़ रहा है। सबूत आश्रम में रखे हैं। प्लीज हमें गलत न समझा जाए।

एकता ने लिखा-बहनों से झूठ बोलकर खिलवाड़ करता है

मैं आज सभी माता और भाइयों से जो भी मुझसे परिचित हैं, उसने माफी मांगती हूं। मैंने जो भी कदम उठाया है, वो मजबूरी में किया है। मेरी मौत के जिम्मेदार नीरज, ताराचंद, पूनम ग्वालियर और गुड्‌डन हैं। गुड्‌डन मेरा मौसा लगता है। दुनिया वालों मैं बहुत मजबूर हूं। मुझे और मेरी दीदी को बदनाम मत करना।

मैं एक साल से बहुत टेंशन में थी। अब हम लोगों से जिया नहीं जा रहा। नीरज ने जगनेर सेंटर पर रहने के लिए बोला था, तब जाकर हमने ये सेंटर बनवाया। मेरी यज्ञ वाले जगदीश भाई से रिक्वेस्ट है कि आप इसको पनाह मत देना। ये हम जैसी बहनों के साथ खिलवाड़ करता रहेगा।

भाई जी, प्लीज इसको यज्ञ के अंदर मत आने देना। बहनों से वायदे करता है और फिर झूठ बोलकर खिलवाड़ करता है। इस सेंटर को गरीब बच्चों की पढ़ाई के लिए दिया जाए। हमारे सुसाइड नोट को यज्ञ की मुन्नी दीदी और मृत्युंजय भाई के सामने रखा जाए। ये लेटर में जीवन के अंतिम पलों में लिख रही हूं।

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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