आत्माराम त्रिपाठी की रिपोर्ट
मौका भी है, दस्तूर भी है, इसलिए गुरुवार को सहारनपुर के देवबंद पहुंच रहे हैं समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव। मौका है पूर्व विधायक माविया अली के बेटे के विवाह समारोह का। इस शादी के कार्यक्रम में समाजवादी पार्टी सहित विभिन्न दलों के नेता बड़ी संख्या में शिरकत करेंगे। अनुमान लगाया जा रहा है कि अखिलेश यादव देवबंदी उलेमा से लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर मुलाकात भी कर सकते हैं। अगर देवबंदी उलेमा से मुलाकात करते हैं या नहीं करते हैं, ये दोनों ही परिस्थितियां अखिलेश यादव के लिए दो धारी तलवार की तरह होने वाली है, क्योंकि अखिलेश यादव ने कुछ दिन पहले पीडीए का मतलब समझाया था तो उसमें ‘ए’ का मतलब अल्पसंख्यक था। वहीं, अभी हाल ही में अखिलेश यादव ने ‘ए’ का मतलब अगड़ा बताया था। ऐसे में अखिलेश यादव के लिए दोनों परिस्थियां परीक्षा की घड़ी वाली हैं।
मुस्लिम राजनीति का केंद्र माना जाता है देवबंद
इस्लामिक शिक्षण संस्थान दारूल उलूम के कारण पूरी दुनिया में मशहूर देवबंद को उत्तर प्रदेश की मुस्लिम राजनीति का केंद्र भी माना जाता है। यहां से अक्सर जारी होने वाले फतवे सुर्खियों में रहते हैं। यही नहीं देवबंदी उलेमा किस पार्टी और किस दल को समर्थन कर रहे हैं, इस बात का भी मुस्लिम मतदाताओं पर गहरा असर होता है। किसी जमाने में देवबंद से जारी होने वाली चुनावी अपील को जीत की गारंटी माना जाता था, लेकिन 2014 के बाद से यह फार्मूला काम नहीं कर रहा है। उत्तर प्रदेश की राजनीति में 2014 के बाद से लगातार भारतीय जनता पार्टी ड्राइविंग सीट पर है। 2014 के लोकसभा चुनाव में जहां भाजपा ने जबर्दस्त जीत हासिल की थी। वहीं, 2017 विधानसभा चुनाव में योगी सरकार बनी थी और 2019 में सपा–बसपा का गठबंधन होने के बावजूद भाजपा ने अच्छा प्रदर्शन किया था। 2022 विधानसभा चुनाव में मुस्लिम मतदाताओं में एक तरफ लहर होने के बावजूद समाजवादी पार्टी यूपी की सत्ता हासिल नहीं कर पाई थी।
देवबंदी उलेमा से अखिलेश यादव कर सकते हैं मुलाकात
समाजवादी पार्टी के लिए मुस्लिम मतदाता बड़ी अहमियत रखते हैं। साथ ही मुस्लिम मतदाताओं के लिए दारूल उलूम देवबंद से उठने वाली आवाज के मायने बेहद अहम है, इसीलिए अखिलेश यादव देवबंद विधानसभा क्षेत्र से विधायक रहे माविया अली के बेटे की शादी के कार्यक्रम में शामिल होने के लिए गुरुवार को सहारनपुर पहुंच रहे हैं। सियासी जानकारी का कहना है कि विवाह समारोह तो एक बहाना है। अनुमान लगाया जा रहा है कि अखिलेश यादव देवबंद दौरे के दौरान जमीयत उलमा ए हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी सहित तमाम उलेमा से मुलाकात कर सकते हैं। हालांकि, अभी ऐसा कोई कार्यक्रम जारी नहीं हुआ है। यही नहीं इस दौरे के दौरान अखिलेश यादव देवबंद से कोई ऐसा मैसेज भी देना चाहेंगे, जिसका फायदा 2024 के लोकसभा चुनाव में सपा को मिल सके।
पीडीए पर ये कहा था अखिलेश यादव ने
सोमवार को पीडीए यात्रा के दौरान अखिलेश यादव ने कहा था कि ‘ए’ फॉर अगड़ा भी है। पिछड़ा क्या ऐसा स्टेडियम बना सकता है। जिसने स्टेडियम बनाया वो अगड़ा और जो स्टेडियम में तस्वीरें खिंचा रहे हैं वो पिछड़ा हैं। पीडीए यात्रा में सब शामिल हैं। पीडीए में हम पिछड़े, दलित, अल्पसंख्यक मुसलमान भाई की बात कर रहे हैं। वहीं, अखिलेश यादव ने कहा था कि पीडीए आधी आबादी और अगड़े समाज की भी बात कर रहा है।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."