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November 1, 2024 3:03 pm

एमबीबीएस में दाखिला के नाम पर करोड़ों की ठगी करने वाले के कारनामे आपका सिर घुमा देगा

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चुन्नीलाल प्रधान की रिपोर्ट 

लखनऊ: प्रदेश के अलग-अलग मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस में दाखिले के नाम पर अभिभावकों से करोड़ों रुपये ठगने के आरोपित गैंगस्टर व उसके जालसाज भाई को विभूतिखंड पुलिस ने बिहार पुलिस की मदद से दबोच लिया। विभूतिखंड स्थित समिट बिल्डिंग में काउंसिलिंग कार्यालय खोलकर उस पर अभिभावकों को ठगने का आरोप है। पुलिस गैंग के अन्य सदस्यों को तलाश रही है।

विभूतिखंड स्थित समिट बिल्डिंग में अलग-अलग नाम से काउंसिलिंग कार्यालय खोलकर जालसाज नीट क्वॉलिफाई करने वाले बच्चों का एडमिशन अलग-अलग मेडिकल कॉलेजों में करवाने के नाम पर उनके अभिभावकों को ठग रहे थे। विभूतिखंड थाने में आठ अभिभावकों ने जालसाजों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करवाई थी।

विभूतिखंड थाना प्रभारी इंस्पेक्टर अनिल सिंह का कहना है कि छानबीन की गई तो मास्टर माइंड बिहार के पटना स्थित शाहजहांपुर थाना क्षेत्र के नौसा हसनपुर निवासी ऋषि कुमार सिंह उर्फ अशोक कुमार है। वह गौतमबुद्ध नगर का गैंगस्टर है। विभूतिखंड पुलिस की टीम ने आरोपित अशोक कुमार को 23 अक्टूबर को बिहार पुलिस की मदद से पटना से गिरफ्तार कर लिया।

उसके बाद उसकी निशानदेही पर 24 अक्टूबर को उसके भाई शशि सिंह को लखनऊ में गोमतीनगर रेलवे स्टेशन के पास से दबोच लिया गया। विभूतिखंड थाने से जेल भेज दिया गया है।

आरोपित पर दर्ज हैं आठ मुकदमे

विभूतिखंड थाना प्रभारी का कहना है कि आरोपित अशोक सिंह के खिलाफ जालसाजी व गैंगस्टर ऐक्ट के अब तक आठ मुकदमे दर्ज हो चुके हैं। उसके खिलाफ गौतमबुद्ध नगर में दो, विभूतिखंड थाने में तीन, इंदिरानगर थाने में एक, पश्चिम बंगाल में एक और पटना के बेउर थाने में एक मुकदमा दर्ज है। वह नाम-नाम बदलकर अलग-अलग शहरों में कार्यालय खोलकर लोगों को ठगता है। गौतमबुद्ध नगर जिले की पुलिस उसके खिलाफ गैंगस्टर ऐक्ट के तहत भी कार्रवाई कर चुकी है। वहीं आरोपित शशि सिंह के खिलाफ विभूतिखंड थाने में तीन मुकदमे दर्ज हैं।

अभिभावकों से ऐसे करता था ठगी

एमबीबीएस में दाखिले के नाम पर ठगने वाले गैंग का सरगना राजीव सिंह उर्फ प्रेम प्रकाश विद्यार्थी है। उसी के निर्देशन में गैंग के सदस्य फर्जीवाड़ा कर रहे थे। इसमें झारखंड निवासी विनोद सिंह की भूमिका भी अभिभावकों से ली गई रकम को ठिकाने लगाने में सामने आ रही है।

पूछताछ में जालसाज अशोक ने पुलिस को बताया कि वह लोग कार्यालय खोलकर नीट परीक्षा पास करने वाले विद्यार्थियों का डेटा हासिल कर उनके परिवारीजनों से टेलीकॉलर के जरिए संपर्क करते थे। उन्हें प्रदेश के अलग-अलग मेडिकल कॉलेजों में एडमिशन करवाने का भरोसा दिलवाकर मोटी रकम ऐंठ लेते थे। उसके बाद कार्यालय बंद कर भाग जाते थे। एक शहर में ठगी करने के बाद दूसरे शहर में नाम बदलकर फ्रॉड करते थे।

तीनों फर्म के खाते होंगे सीज

पुलिस की अब तक की छानबीन में जालसाजों ने एस-ग्रुप कंपनी, सरस्वती अम्मल चैरिटेबल ट्रस्ट और सनाना एजुकेशनल सोसायटी के नाम से वाराणसी स्थित एक निजी बैंक में खाता खोलकर उसमें अभिभावकों से करोड़ों रुपये जमा करवाए हैं। इसके अलावा पुलिस को जालसाजों के कई अन्य खातों के बारे में भी जानकारी मिली है। खाताधारकों को भी पुलिस ने सूचीबद्ध कर लिया है। पुलिस अब संबंधित बैंकों को पत्र भेजकर खाते सीज करवाने की प्रक्रिया कर रही है। पुलिस की एक टीम ठगों की तलाश में दिल्ली भेजी जा रही है।

दो करोड़ की जमीन, 1.5 करोड़ ब्याज पर

जालसाज भाइयों ने अभिभावकों से ऐंठी गई रकम से करोड़ों की संपत्ति बना ली है। विभूतिखंड पुलिस की छानबीन में सामने आया है कि दोनों ने दिल्ली में एक बिल्डर के कारोबार में पैसा लगाया हे। इसके अलावा बिहार में करीब दो करोड़ की संपत्ति खरीदने के साथ एग्रीमेंट कर लोगों को डेढ़ करोड़ रुपये से अधिक रकम ब्याज पर दे रखा है। इसके अलावा झारखंड के एक शख्स के जमीन के कारोबार में भी पैसा लगाने की बात सामने आई है। पुलिस संभावित खातों की जांच कर रही है।

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."