Explore

Search
Close this search box.

Search

19 January 2025 8:42 am

लेटेस्ट न्यूज़

दुश्मनी, नफरत और वो भी सिर्फ 40 दिन की बच्ची से…..जमीन पर पटक कर मार डाला…..

51 पाठकों ने अब तक पढा

दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट 

प्यारी सी छोटी सी 40 दिन बच्ची, कभी मुस्कुराती, कभी रो देती! उसकी तरफ कोई भी हाथ बढ़ता तो छोटी सी मुस्कान बिखेर देती, लेकिन उस दिन उसकी तरफ कलयुगी कंस के हाथ बढ़ चुके थे जो उसे प्यार से उठाने वाले नहीं थे बल्कि पटकने वाले थे। वो बच्ची क्या जानती थी, उसकी तरफ हाथ बढ़ रहे थे और वो अपनी ही धुन ऊपर की तरफ देखी जा रही थी। ये दो नहीं चार हाथ थे, दो ऐसे चेहरे जिन्हें अगर राक्षस कहा जाए तो गलत नहीं होगा। इन्होंने बच्ची को उठाया और फिर एक झटके में तेजी से जमीन पर पटक दिया।

40 दिन की बच्ची की हत्या… कंस आज भी जिंदा है!

किस्से कहनियों में आपने कंस का जिक्र तो जरूर सुना होगा जो अपनी ही बहन को बच्चों को कारागार के अंदर पटक-पटककर मौत देता था। बस उसी अंदाज में बिहार में भी 40 दिन की एक बच्ची की हत्या कर दी गई। अब जान लीजिए इन कलयुगी कंस के बारे में जिन्हें 40 दिन बच्ची में अपना दुश्मन दिखता था। ये खौफनाक वारदात दरभंगा की है और हत्या करने वाले पड़ोसी ही थे, जो बच्ची के घर में आए और उसे उठाकर पटक दिया। देखते ही देखते बच्ची की आंखें हमेशा के लिए बंद हो गईं।

पड़ोसियों ने जमीन पर पटक कर की बच्ची की हत्या

इस मासूम बच्ची का जन्म तो सिर्फ 40 दिन पहले हुआ था, लेकिन बच्ची के माता -पिता और उनके पड़ोसियों के बीच एक जमीन को लेकर काफी समय से विवाद चल रहा है और इसी विवाद की वजह से पड़ोस में रहने वाले पति-पत्नी नफरत में इतने अंधे हो गए कि इन्हें छोटी बच्ची से बदला लेना सबसे आसान लगा। उस दिन ये दोनों पति-पत्नी अनुज और रिटा इस बच्ची के घर आए। पिता रवि शंकर बाथरूम में थे, मां वहीं पास में ही खड़ी थी। इन दोनों पति-पत्नी गुस्से में तिलमिला रहे थे। सामने बच्ची लेटी हुई थी तो इन्हें लगा कि बच्ची मारना सबसे आसान है और उसकी मां के सामने ही उसकी हत्या कर दी।

बच्ची की हत्या कर दोनों हुए फरार!

बच्ची की हत्या करने के बाद ये बाहर चले गए। इन पति-पत्नी के साथ एक और लड़का आया हुआ था जो बाहर बाइक पर इनका इंतजार कर रहा था। बच्ची की हत्या के बाद ये उस लड़के साथ बाइक में बैठकर फरार हो गए। माता-पिता बच्ची को अस्पताल ले गए, लेकिन वो मर चुकी थी। जिसने अभी पूरी तरह से अपनी आंखें भी नहीं खोली तो समाज की इतनी बड़ी नफरत का शिकार बन गई।

samachar
Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

लेटेस्ट न्यूज़