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November 23, 2024 2:58 am

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कुएं में तीन बच्चों की उतराती लाशों ने इलाके में दहशत पैदा कर दी….. लोगों की रुह कांप गई लाशें देखकर

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दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट

बुलंदशहरः उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर की एक अदालत ने 3 मासूम बच्चों की हत्या करने वाले तीन आरोपियों को मौत की सजा सुनाई है। इफ्तार में न्योता न मिलने के बाद बदला लेने की नीयत से आरोपियों ने तीन बच्चों की हत्या कर दी थी। बच्चों के शव गांव के ही एक ट्यूबवेल में उतराते हुए मिले थे। ग्रामीण आज भी उस खौफनाक मंजर को भुला नहीं पाए हैं। दो नीम के पेड़ों के नीचे स्थित कुआं उन्हें मासूम बच्चों और इस दर्दनाक वारदात की याद दिलाता रहता है। दोषियों को सजा होने के बाद गांव के लोग खुश हैं। उन्होंने कहा कि इस फैसले से न्याय की जीत हुई है। दोषियों का वही हश्र होना चाहिए, जो उन्होंने निर्दोष बच्चों का किया था।

मामला बुलंदशहर के धतूरी गांव का है। चार साल पहले 24 मई 2019 को गांव से करीब 5 किमी दूर ट्यूबवेल में तीन बच्चों के फूले हुए शव उतराते मिले थे। बताया गया कि इफ्तारी में न्योता न मिलने से नाराज सलमान नाम के शख्स ने अपे दो साथियों मोहम्मद बिलाल और इमरान खान के साथ मिलकर बदला लेने की नीयत से तीन बच्चों को अगवा कर लिया। इसके बाद उनके साथ मारपीट की और बाद में उन्हें गोली मार दी। इसके बाद गांव से 5 किमी दूर ट्यूबवेल में शव फेंक दिया।

ट्यूबवेल में बच्चों के शव को सबसे पहले देखने वाले 30 साल के रिंकू शर्मा कहते हैं कि मैं वह दृश्य कभी भूल नहीं सकता। वह आज भी मुझे परेशान करता है। हत्यारों को मौत की सजा दी गई है, यह गांव के लिए संतोष की बात है। स्थानीय लोगों का मानना है कि अपराधियों के इस कृत्य से ट्यूवेल शापित हो गया है। किसी जमाने में वह गांव के लोगों को ताजा पानी देता था लेकिन इस वारदात के बाद से उसे पुनर्जीवित नहीं किया जा सका है।

55 साल के महिपाल सिंह ने बताया कि घटना के बाद प्रशासन ने ट्यूबवेल को सील कर दिया था। बाद में इसके मालिक ने जमीन विवाद का मुकदमा कोर्ट में दायर किया। यह किसी शाप से कम नहीं है कि उसके बाद से ही यह ट्यूबवेल सूखा पड़ा है। गांव के 35 वर्षीय किसान योगेंद्र शर्मा ने कहा कि इससे पहले कि आरोपी हमारे हाथ लगते, पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। अब कोर्ट के फैसले से न्याय की जीत हुई है। अपर जिला जज मनु कालिया की अदालत ने तीनों को दोषी पाया है और उन्हें मौत की सजा सुनाई है। तीनों पर 1.72 लाख का जुर्माना भी लगाया गया है। उन्होंने कहा कि तीनों को इसी तरह दंडित किया जाना चाहिए।

35 साल की राजदा बेगम का बड़ा लड़का उन तीन मृतकों में शामिल था, जिनकी हत्या की गई थी। उन्होंने कहा कि इतने सालों में मेरे ससुराल वालों ने मुझे दोषी ठहराया कि मैं उसे अपने भाई के इफ्तार में लेकर गई थी। यहां से ही वह मेरे चचेरे भाई के दो बच्चों के साथ अगवा कर लिया गया था। उन्होंने बताया कि बच्चे खेल रहे थे और उनका बेटा बिलाल भी वहां था और कुछ काम कर रहा था। अचानक से बच्चे लापता हो गए और फिर अगले दिन उनका शव ट्यूबवेल के अंदर उतराता मिला। राजदा बेगम ने कहा कि उनके हत्यारों को मौत की सजा मिलना हमारे लिए बड़ी राहत की बात है।

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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