दुर्गा प्रसाद शुक्ला की खास रिपोर्ट
शादी के जोड़े में सजी वो आंखों में हजारों सपने लेकर अपने पति के घर पहुंची, लेकिन दूसरे ही दिन उसके पैरों तले जमीन खिसक गई। जब उसे ये कहा गया कि अपना धर्म परिवर्तन करो। तारा से सारा बन जाओ और इस्लाम कबूल करो। देश खेल में सम्मान दिलाने वाली, देश के लिए गोल्ड जीतने वाली नेशनल प्लेयर एक ट्रैप में फंस चुकी थी और शादी के एक दिन बाद ही उसकी जिंदगी भूचाल आ गया था।
नेशनल शूटर तारा शाहदेव की दर्दनाक कहानी
नेशनल शूटर तारा शाहदेव की कहानी आपको भी रुला देगी। साल 2014 तारा की मां की मौत हो गई। वो अपनी मां की मौत से टूट गईं, लेकिन अपने खेल को जारी रखा। भरे दिल से ही सही, वो शूटिंग कैंप में वो जाती रहीं। इसी दौरान रंजित कोहली नाम के एक शख्स ने वहां उनकी मुलाकात हुई। रंजित ने तारा को सहारा दिया और फिर कुछ ही दिनों में शादी के लिए प्रपोज भी कर दिया।
लव जिहाद ने बर्बाद किया तारा का जीवन
7 जुलाई 2018 को तारा की शादी रंजीत से हुई। तारा को लगा कि अब जिंदगी शायद फिर से बेहतर हो जाए। मां की मौत का दर्द शायद कम हो जाएं, लेकिन उन्हें नहीं पता था कि अब तो उनकी जिंदगी में वो भूचाल आने वाला है जिसके बारे में कोई सोच भी नहीं सकता। 8 जुलाई यानी शादी के अगले दिन तारा को पता चला कि रंजित कोहली असल में मुस्लिम है और उसका असली नाम रकिबुल है। तारा को रकिबुल और उसकी मां ने इस्लाम कबूल करने के लिए कहा। जब तारा ने इनकार किया तो उनके साथ जोर-जबरदस्ती की गई।
नेशनल शूटर के साथ हुए अत्याचार
नेशनल प्लेयर तारा जो गोल्ड मेडल जीत चुकी हैं, उनके बुरे दिन शुरू हो चुके थे। मौलवी बुलाकर जबरदस्ती तारा को सारा बना दिया गया। उनके साथ मारपीट होने लगी। तारा अगर मुस्लिम धर्म की रीति रिवाज मानने से मना करती तो उन्हें खूब पीटा जाता, खाना बंद कर दिया जाता। छुप छुपकर घर की नौकरानी उन्हें रोटी देती थी। तारा के साथ बेड पर जोर जबरदस्ती की जाती। रकिबुल तारा के साथ रेप करता, उनकी मर्जी के बिना उनके साथ बेड शेयर करता। इतना ही नहीं तारा को ऐसी धमकियां भी दी जाने की लगी कि उनके साथ गैर मर्दों को सुलाया जाएगा।
10 साल बाद तारा को मिला इंसाफ
कई महीनों तक तारा ये सब सहती रही, लेकिन एक दिन मौका पाकर वो घर से बचकर बाहर निकली। इसके बाद तारा ने अपनी आपबीती पुलिस को बताई। इसके बाद ही नेशनल प्लेयर के साथ हुई दर्दनाक कहानी सबके सामने आई। तारा ने 2015 में झारखंड हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की, जिसमें उन्होंने अपने पति और उसके परिवार के खिलाफ जबरन धर्म परिवर्तन और प्रताड़ना के आरोप लगाए। हाईकोर्ट ने मामले की जांच सीबीआई को दी। और अब 10 साल बाद जाकर तारा शाहदेव को इंसाफ मिला है।
रंजीत बने रकीबुल को सुनाई उम्रकैद
सीबीआई कोर्ट ने रकिबुल को उम्र कैद, उसकी मां कौसर को 10 साल की सजा और साजिश रचने के आरोपी हाईकोर्ट के तत्कालीन रजिस्ट्रार मुश्ताक अहमद को 15 साल कैद की सजा सुनाई गई है। मुस्ताक अहमद वो शख्स था जिसने रकीबुल को रंजित बनाकर तारा से मिलवाया था। तारा के लिए अपनी जिंदगी के उस काले अध्याय को भूलना आसान नहीं है, लेकिन कोर्ट के इंसाफ के लिए बाद उन्हें थोड़ी तसल्ली जरूर है।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."