नौशाद अली की रिपोर्ट
गोंडा, इन दिनों जनपद गोंडा में विश्व विद्यालय की मांग को लेकर क्रान्ति की ज्वाला धधक रही है। दर असल जनपद के दौरे पर आये उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने भाषण के दौरान गोंडा में विश्व विद्यालय बनवाने की घोषणा की थी, जिसके लिए डोमाकल्पी में भूमि भी चिन्हित की गयी थी, इसके साथ ही मुजेहना ब्लॉक के सूर्यबली सिंह बनकटी में भूमि चिन्हित हुयी थी।
लेकिन बलरामपुर जिले में एक जनसभा के दौरान सीएम योगी ने बलरामपुर में विवि निर्माण की घोषणा कर दी।
उसके बाद से गोंडा में छात्र आंदोलन से लेकर राजनैतिक आंदोलन चलाया जाने लगा लेकिन सरकार का फैसला कायम रहा इसी बीच बलरामपुर में विश्वविद्यालय निर्माण के लिए भूमि अधिग्रहण करने के लिए शासन द्वारा धनराशि जारी कर दी गयी, उसके बाद जिले में चल रहे आंदोलनों जैसे जलती आग में घी डाल दिया गया। पिछले दस दिनों से गोंडा के गांधी पार्क में धरना दे रहे अवध केसरी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीरज सिंह की अगुवाई में शनिवार को जिलाधिकारी को ज्ञापन देने के लिए पदयात्रा निकाली गयी। जिसमे चार जिलों का मुख्यालय गोंडा मांगे विश्वविद्यालय के नारो के साथ पदयात्रा जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचा जहां कई संघठनो के लोग इसमे शामिल हुए, कार्यालय में जिलाधिकारी नेहा शर्मा की गैरहाजिरी में एसडीएम ने ज्ञापन देने की बात कही लेकिन आंदोलनकारी डीएम को ज्ञापन देने की जिद पकड़ कर वहीं धरने पर बैठ गए उसके प्रशानिक अधिकारियों से उनकी तीखी नींक झोंक भी हुयी लेकिन गोंडा में विश्वविद्यालय की मांग कर रहे लोग पीछे नही हटे। कार्यालय का घेराव करके बैठे लोगो को समझाने पहुंचे सीओ विनय कुमार सिंह से तीखी बहस के बाद भी लोग डटे रहे। इसी दौरान छात्र संघ भी अपनी मांग को लेकर कार्यालय परिसर पहुचा और राज्यपाल को सम्बोधित ज्ञापन सिटी मजिस्ट्रेट को सौंपा, जिसमे यह चेतावनी भी दी गयी की यदि सप्ताह के भीतर मांगे पूरी नही हुईं तो आंदोलन भीषण किया जाएगा।
इसी दरम्यान कांग्रेस के जिलाध्यक्ष प्रमोद पाण्डेय भी अपने लोगो के साथ नए संसद भवन से हटाये गए शब्दावलियों के विरोध में ज्ञापन दे कर विश्वविद्यालय की मांग को अपना समर्थन दिया।
कुछ ही देर बाद एडिशन एसपी शिवराज प्रजापति के साथ एडीएम ने पहुंच कर ज्ञापन लिया उसके बाद लोग वहां से हटे। विश्वविद्यालय की मांग को अखिल भारतीय ब्राह्मण एकता परिषद के जिलाध्यक्ष पंडित दिनेश तिवारी अपने कार्यकर्ताओं व पदाधिकारियों के साथ समर्थन दे कर पदयात्रा में शामिल रहे।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."