दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट
कानपुर देहात। सोशल मीडिया एक फोटो वायरल हो रही थी। जिसे देखने के बाद ग्रामीणों ने नवजात बच्ची को देवी का स्वरूप मानते हुए पूजा अर्चना शुरू कर दी और देखते ही देखते दूर-दराज से लोग भी नवजात बच्ची को देवी का अवतार मानते हुए पूजा अर्चना करने आने लगे है। हालांकि, वही डॉक्टर का कहना है की बच्ची को गंभीर बीमारी थी। जिसके कारण जन्म के समय से ही बच्ची का चेहरा दूसरे बच्चों के चेहरे से अलग था।
बताते चलें कि सोशल मीडिया पर वायरल हो रही फोटो कानपुर देहात की डेरापुर तहसील के जरौली गांव की है। यहां की रहने वाली अनामिका उर्फ सन्नो को 7 माह का गर्भ था। उसे अचानक प्रसव पीड़ा हुई।परिजन महिला को सीएचसी झींझक ले गये।
जहां महिला ने यहां एक बच्ची को जन्म दिया लेकिन जब महिला के परिजनो नवजात का चेहरा को देखा तो बनावट विचित्र थी जिसको देखा तो परिजन दंग रह गए। वही सीएचसी के डॉक्टर ने तत्काल जिला अस्पताल ले जाने की सलाह दी। पर वही परिजन महिला व नवजात को लेकर अपने घर चक्के पुरवा गांव पहुंच गए।
जहां पर ग्रामीणों की भीड़ लग गई और देवी स्वरूप मानकर पूजा अर्चना करने लगे। इस दौरान ग्रामीणों ने देवी का स्वरूप मानते हुए नवजात की फोटो खींच ली और सोशल मीडिया पर वायरल कर दी गई। जिसके बाद आसपास के गांव के लोग भी नवजात के दर्शन करने के लिए पहुंचने लगे।
पूरे मामले पर झींझक सीएचसी प्रभारी दीपक गुप्ता ने बताया कि बच्ची को हाइड्रोसिफलस नाम की दिमागी बीमारी थी। इसमें दिमाग की झिल्ली में पानी भर जाता है। इसकी वजह से बच्चे का सिर सामान्य से बड़ा दिखता है। हम सभी ने बच्चों की स्थिति को नाजुक देखते हुए तत्काल जिला अस्पताल रेफर कर दिया था और पूरी जानकारी परिजनों को दे थी।लेकिन महिला के परिजन बच्ची को जिला अस्पताल न ले जाकर घर ले गए। अब मालूम ये हुआ कि बच्ची को देवी का अवतार मानकर लोग पूजा पाठ कर रहे है।
Author: samachar
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