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November 22, 2024 1:51 pm

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युवाओं को खुद प्रयास करके उद्यमिता का मार्ग प्रशस्त करने की दी सलाह

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इरफान अली लारी की रिपोर्ट

देवरिया। हमारी मानसिकता में बेरोजगारी है, इस मानसिकता को हम स्वयं ही बदल सकते हैं। सरकार के पास नौकरी सीमित है, देश के 37 करोड़ युवाओं को खुद प्रयास करके उद्यमिता का मार्ग अपनाना होगा और आगे बढ़ना होगा। यह कहना है स्वदेशी जागरण मंच के राष्ट्रीय सह-संगठक सतीश कुमार का। वे बृहस्पतिवार को जागृति उद्यम केंद्र – पूर्वांचल के बरगद समाभार में आयोजित गोरक्ष प्रान्त युवा स्वावलंबी सम्मेलन में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे।

कार्यक्रम में जागृति के संस्थापक शशांक मणि ने कार्यक्रम में उपस्थित युवाओं से कहा कि उद्यमिता के माध्यम से ही बेरोजगारी की समस्या खत्म हो सकती है। सरकार अपना काम कर रही है लेकिन आप भी अपना कर्तव्य निभाते हुए उद्यमिता करें और राष्ट्र निर्माण में अपना योगदान अवश्य ही दें।

शशांक मणि को मिला है 10 जिलों का प्रभार, देवरिया से हुई शुरूआत

मुख्य अतिथि सतीश कुमार ने कहा कि देवरिया में शशांक मणि जैसे लोग आपके बीच उपस्थित है, आपकी सहायता के लिए यह हमेशा तत्पर रहेंगे। स्वावलंबी भारत अभियान द्वारा शशांक मणि को उद्यमिता के प्रचार के लिए पूर्वांचल के 10 जिलों का दायित्व दिया गया है। उन्होंने देवरिया, कुशीनगर और गोरखपुर में काम शुरू भी कर दिया है।

 

उद्यमियों ने बताई सफलता की कहानियां 

कार्यक्रम में स्थानीय उद्यमी रमेश चंद पांडे, राजकुमार चौरसिया, जितेंद्र शुक्ला ने सम्मिलित होकर अपने उद्यम के सफल संचालन की कहानी बताई। उन्होंने उद्यम की शुरूआत से लेकर इसमें आने वाली चुनौतियों के संबंध में चर्चा की।

रोजगार पाने वाले नहीं रोजगार देने वाले बनें – नवल किशोर

कार्यक्रम में गोरक्ष प्रान्त के सेवा भारती प्रमुख नवल किशोर ने कहा कि हमें हमारी मानसिकता बदलते हुए इसे रोजगार देने वाली बनानी है, रोजगार पाने वाली नहीं। हमारे पास कई उदाहरण है जिन्होंने स्वरोजगार का मार्ग अपना कर कई लोगों को रोजगार दिया।

बरगद ध्यान से हुई शुरूआत और राष्ट्रगान से समापन

कार्यक्रम की शुरूआत बरगद ध्यान के माध्यम से हुई, कार्यक्रम में आए सभी लोगों ने बरपार स्थित लगभग 300 साल पुराने बरगद की ओर मुख करके बरगद ध्यान की क्रिया की। तत्पश्चात दीप प्रज्जवलन कर कार्यक्रम की शुरूआत हुई, कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ।

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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