संजय सिंह राणा की रिपोर्ट
सतना, मध्य प्रदेश। शिक्षा के मंदिर में अनुशासन और मर्यादा की लक्ष्मण रेखा लांघने वाला एक मामला मध्य प्रदेश के सतना जिले से सामने आया है, जहां सरस्वती पूजन के अवसर पर एक सरकारी शिक्षिका का फिल्मी गाने पर ठुमके लगाने का वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। इस वीडियो में शिक्षिका “मुझे नौलखा मंगवा दे रे ओ सैंया दीवाने” गाने पर डांस कर रही हैं, जबकि अन्य शिक्षक सीटियां बजाकर और तालियां पीटकर उनका उत्साह बढ़ा रहे हैं।
वीडियो वायरल होने के बाद चारों ओर आलोचना
सरस्वती पूजन, जिसे विद्या और ज्ञान की देवी मां सरस्वती की उपासना का दिन माना जाता है, उस अवसर पर सरकारी विद्यालय में फिल्मी गानों पर अशोभनीय डांस को लेकर लोग आक्रोशित हो गए हैं। वीडियो के सोशल मीडिया पर वायरल होते ही शिक्षा जगत से लेकर अभिभावकों और स्थानीय लोगों तक ने इसकी तीखी आलोचना शुरू कर दी है।
विद्यालय में अनुशासनहीनता पर उठे सवाल
यह घटना सतना शहर के कोलगवां माध्यमिक विद्यालय की बताई जा रही है, जहां शिक्षिका पूजा मिश्रा पदस्थ हैं। शिक्षकों द्वारा इस तरह के अमर्यादित और अनुशासनहीन कृत्य को लेकर लोग सवाल उठा रहे हैं कि क्या इस तरह का व्यवहार स्कूल के छात्रों को कोई सकारात्मक सीख देगा?
एक तरफ शिक्षिका मंच पर डांस में झूम-झूमकर अदाएं दिखा रही थीं, तो वहीं दर्शक दीर्घा में बैठे अन्य शिक्षक तालियों और सीटियों के साथ उनका समर्थन कर रहे थे। यह दृश्य न केवल शिक्षकों के अनुशासन और नैतिक मूल्यों पर सवाल खड़े करता है, बल्कि इस बात पर भी चिंतन करने को मजबूर करता है कि विद्यालयों में बच्चों को किस तरह का माहौल दिया जा रहा है।
जिला शिक्षा अधिकारी ने दिए कार्रवाई के निर्देश
जैसे ही यह वीडियो शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों तक पहुंचा, उन्होंने इस कृत्य को शिक्षण संस्थान की गरिमा के खिलाफ और अनुशासनहीनता करार दिया।
जिला शिक्षा अधिकारी (D.E.O) टी.पी. सिंह ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जिला परियोजना समन्वयक (D.P.C) को समुचित जांच कर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि विद्यालय अनुशासन और शिक्षा का केंद्र होता है, ऐसे कृत्य किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे।
अभिभावकों और समाज में आक्रोश
इस घटना के सामने आने के बाद अभिभावकों और समाज के विभिन्न वर्गों ने नाराजगी जताई है। लोगों का कहना है कि जहां बच्चों को शिक्षा और नैतिकता का पाठ पढ़ाया जाना चाहिए, वहां इस तरह का अशोभनीय कृत्य अनुशासनहीनता को बढ़ावा देता है।
अब क्या होगा आगे?
अब देखना यह होगा कि शिक्षिका और अन्य शिक्षकों पर शिक्षा विभाग क्या सख्त कार्रवाई करता है। क्या इस घटना के बाद अन्य विद्यालयों में अनुशासन को लेकर सख्ती बढ़ाई जाएगी या फिर यह मामला सिर्फ एक चेतावनी देकर रफा-दफा कर दिया जाएगा?
शिक्षा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि इस घटना की पूरी जांच के बाद ही आगे की कार्रवाई तय की जाएगी। लेकिन यह मामला निश्चित रूप से शिक्षा संस्थानों में अनुशासन और नैतिकता को लेकर एक गंभीर बहस छेड़ चुका है।
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Author: मुख्य व्यवसाय प्रभारी
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