आत्माराम त्रिपाठी की रिपोर्ट
बांदा: यूपी की बांदा जेल में आने के बाद पूर्वांचल का माफिया मुख्तार अंसारी हमेशा अपनी जान को खतरा बताता रहा है। इसी वजह से उसे जेल में कड़े सुरक्षा घेरे में रखा जाता है। इधर जब से सुरक्षा घेरे में अतीक अहमद और उसके भाई की हत्या हुई है तब से मुख्तार अंसारी को अपनी मौत का डर सता रहा है। अब एक बार फिर उसने न्यायालय में एक सिपाही का हवाला देते हुए बांदा जेल में अपनी जान का खतरा बताया है। जिससे जेल प्रशासन ने मुख्तार अंसारी की सुरक्षा कड़ी कर दी है।
मुख्तार अंसारी की मंगलवार को न्यायाधीश दिनेश चौरसिया की अदालत में वर्चुअल पेशी हुई थी। इस दौरान उसने सोनभद्र जिले से ट्रांसफर होकर आए एक सिपाही से अपनी जान जान को खतरा बताते हुए कोर्ट से सुरक्षा की गुहार लगाई थी। उसने यहां तक कहा था कि जेल में आए सिपाही और प्रशासन मिलकर उसकी हत्या करवा सकते हैं।
वैसे तो पहले से ही मुख्तार अंसारी को कड़े सुरक्षा घेरे में रखा जाता है। सीसीटीवी कैमरे से निरंतर उसकी निगरानी की जाती है। लेकिन कोर्ट में उसके द्वारा हत्या की आशंका व्यक्त किए जाने से जेल प्रशासन ने सुरक्षा के इंतजाम कड़े कर दिए हैं।
जेल प्रशासन ने मुख्तार की बैरक और उसके आसपास सुरक्षा का घेरा मजबूत करते हुए अतिरिक्त सुरक्षा बलों को तैनात किया है। सीसीटीवी कैमरे से भी उसकी निगरानी की जा रही है। सर्किल गेट में लगा ताला भी अधिकारियों की अनुमति के बाद ही खोला जाएगा। जेल के अंदर पुलिस चौकी को भी अलर्ट रहने के लिए कहा गया है।
बैरक के आसपास का क्षेत्र सील कर दिया गया है। इस बात की पुष्टि करते हुए जेलर योगेश कुमार ने बताया कि उच्च अधिकारियों के निर्देश मिलने के बाद मुख्तार अंसारी की सुरक्षा बढ़ाई गई है। इसी तरह जेल के बाहर बाहर तैनात पीएसी जवानों को भी सतर्क रहने के लिए कहा गया है।
बताते चलें कि मुख्तार अंसारी के बार-बार अपनी जान को खतरा बताए जाने पर शासन के निर्देश पर जेल के बाहर जगह-जगह पर पीएसी के जवान तैनात हैं। जो जेल में आने जाने वाले हर व्यक्ति पर कड़ी नजर रखते हैं। उसकी बैरक सामने तैनात जवान भी बाडी कैमरे से लैस है। इसके बाद भी उसे मौत का डर सता रहा है। पहले भी 3 जून 2022 को मुख्तार अंसारी ने पेशी के दौरान पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था न होने पर अपनी जान को खतरा बताया था।
Author: samachar
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