चुन्नीलाल प्रधान की रिपोर्ट
कानपुर(Kanpur) के शिवाली पुलिस थाना में पिछले 21 सालों से भगवान श्री कृष्ण बंद हैं। काफी कोशिशों के बाद आज तक भगवान श्री कृष्ण(Shree Krishna) की रिहाई नहीं हो पाई है। अगर सीधी बात कहें तो खुद माखनचोर भी इंसानों की तरह कोर्ट-कचहरी के कानूनी दांव-पेंच में फंसे हुए हैं। सिर्फ, हर साल जन्माष्टमी(Janmashtami) के मौके पर उन्हें जेल से बाहर निकाला जाता है और पूजा करने के बाद वापस जेल में बंद कर दिया जाता है। चलिए जानते हैं कि क्या है पूरा मामला…
21 साल पहले चोरी हुई थी मूर्ति
दरअसल, 12 मार्च 2002 में कानपुर के प्राचीन राधा-कृष्ण मंदिर से अष्टधातु की श्रीकृष्ण, बलराम और राधा की तीन बड़ी और 2 छोटी मूर्तियां चोरी हो गई थीं। इस घटना की रिपोर्ट मंदिर के सर्वराकर आलोकदत्त ने कोतवाली में दर्ज कराई थी। चोरी होने के लगभग सात दिन बाद ही पुलिस ने चार मूर्ति चोरों को गिरफ्तार कर चोरी हुई इन मूर्तियों को बरामद कर लिया था। इस मामले में चोरों को जेल भेज दिया गया था। कुछ दिन बाद ही आरोपी तो जमानत पर रिहा हो गए थे, लेकिन भगवान कृष्ण, बलराम और राधाजी को अभी तक यानी 21 साल से रिहाई नहीं मिली है।
साल में एक बार जेल से बाहर आते हैं भगवान श्रीकृष्ण
जन्माष्टमी के मौके पर इन मूर्तियों को बाहर निकाला जाता है। हर साल पुलिसकर्मी मूर्तियों को स्नान आदि कराने के साथ नए कपड़े पहनाकर पूजन करते हैं। इसके बाद कस्बे के श्रद्धालु भी शिवली कोतवाली पहुंचकर जयकारों के साथ लड्डू गोपाल के साथ बलराम और राधा रानी की इन अष्टधातु की मूर्तियों का पूजन-अर्चन करते हैं। इसके बाद इन मूर्तियों को फिर से उसी जेल में सुरक्षित विराजमान करा दिया जाता है।
लड्डू गोपाल परिवार के साथ 21 सालों से कैद में
मूर्ति चोरी करने वाले चोरों को न्यायालय ने जमानत भी दे दी थी। अब चोर बाहर घूम रहे हैं और माखनचोर जेल में फंस गए हैं।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."