चुन्नीलाल प्रधान की रिपोर्ट
गोंडा: अगले साल यानी 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर गोण्डा जिले के एक गांव के ग्रामीणों ने एक स्वर में वोट न देने की चेतावनी दी है। दरअसल जिले की तहसील कर्नलगंज के चकरौत के जंग बहादुरपुरवा के ग्रामवासियों का कहना है कि उनके गांव की सड़क कभी बनी हो नहीं है। इसकी शिकायत उन्होंने कई बार जिला प्रशासन और पीडब्ल्यूडी से की और तमाम बार क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों से भी सड़क को बनवाने की गुहार लगाई लेकिन उनकी इस समस्या पर कोई ध्यान नहीं दिया गया और सड़क आज भी कच्ची पड़ी है।
स्थानीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र परिसर में बैठे ग्रामीणों ने एक बैनर लगाया है जिस पर लिखा है कि ‘जन जन की यही पुकार अबकी बने सड़क हमार, ‘सड़क नही बनाओगे तो वोट नही पाओगे, ‘न बिजली है, न स्वास्थ्य है, ये कैसा विकास है’। ग्रामीणों का कहना है कि अगर उनके गांव की सड़क नहीं बनी तो वह 2024 के चुनाव का बहिष्कार करेंगे।
एक तरफ सरकार जहां सड़क – बिजली – पानी और जनता की तमाम मूलभूत सुविधाओं को धरातल पर देने की बात कह रही है और बहुत सी जगहों पर सरकार ने अपने इन वादों को पूरा भी किया है तो वहीं गोण्डा में सरकार के ही जनप्रतिनिधि चाहे वह सांसद हो या विधायक हो या फिर प्रशासनिक अधिकारी ये सभी सरकार के इन वादों को पलीता लगाते नजर आ रहे हैं।
गोण्डा के कर्नलगंज विधानसभा का एक गांव चकरौत का जंग बहादुरपुरवा है जहां पिछले कई सालों से सड़क का निर्माण नही हुआ और इस सड़क के निर्माण को लेकर यंहा की जनता ने जनप्रतिनिधियों और प्रशासनिक अधिकारियों को कई बार सूचित भी किया फिर भी इनके कान में जूं तक नही रेंगी। नेताओं और अधिकारियों की इसी उदासीनता के चलते यहां के ग्रामीणों ने अपनी आवाज़ बुलंद करते हुए एक स्वर में एलान कर दिया है रोड नही तो वोट नही …. बिजली नही तो वोट नही। यहां के ग्रामीणों ने एक बैनर लगा दिया है जिसमे लिखा है कि “रोड नही तो वोट नही …. न बिजली है, न स्वास्थ्य है, ये कैसा विकास है।
सालों से विकास की राह देख रहे और विकास के लिए तरस रहे यहां के ग्रामवासी आज इस कदर आक्रोशित है की वह नेताओं और अधिकारियों के खिलाफ मुर्दाबाद के नारे भी एक आवाज़ में बुलंद कर रहे है। पूर्व ग्राम प्रधान प्रतिनिधि सुरेश दुबे ने बताया की मायावती सरकार में सड़क को मिट्टी डालकर पाट दिया गया था। अब हाल यह है कि कच्ची सड़क पर इतने बड़े बड़े गड्ढे हो चुके हैं को लोग गिर जाते है।
शादी विवाह के लिए बरातियों को पक्की सड़क से पैदल चलकर आना पड़ता है। स्कूल जाने वाले बच्चे आये दिन गिर जाते है और चोट खाते रहते हैं। बीमार लोगों को चारपाई से लादकर लाना पड़ता है। यंहा के ग्रामीण राजेश सिंह ने अपने गांव की इस बदहाली पर भी वही बात बताते हुए कहा कि अब तो बच्चों को भी स्कूल आने – जाने में काफी दिक्क़त होती है।
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को बने लगभग 14 साल हो गए हैं लेकिन यहां आजतक बिजली नही आई। डॉक्टर तैनात है वह आते हैं, रात में अगर इलाज करना हो टॉर्च की रोशनी में करना पड़ता है। नेता अधिकारी कभी आते ही नही हैं इसलिए अब हम लोगों ने ठान लिया है कि अगर रोड नही बनी, बिजली नहीं मिली तो इस बार के लोकसभा चुनाव में का बहिष्कार करते हुए ग्रामसभा की पूरी जनता किसी भी प्रत्याशी को वोट नहीं देगी। अब ऐसे में सोचा जा सकता है कि सरकार की योजनाएं धरातल पर इसीलिए नहीं पहुंच पाती है क्योंकि क्षेत्रीय नेता और उस क्षेत्र के प्रशासनिक अधिकारी उन सरकारी योजनाओं को धरातल पर लाने के लिए जरा भी संजीदा नहीं है।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."