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24 February 2025 2:05 am

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प्यार और चुनावी दांव खेलकर १४ साल पहले जिन २१ सीटों को कांग्रेस ने फतह किया क्या इस बार ‘ तिजारत-ए-मोहब्बत की होगी आशिकाना शुरुआत?

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अंजनी कुमार त्रिपाठी की रिपोर्ट 

उत्तर प्रदेश में विपक्ष के I.N.D.I.A. गठबंधन को लेकर चर्चाएं आम हैं। यूपी के प्रमुख विपक्षी दल समाजवादी पार्टी इस गठबंधन का हिस्सा हैं। उनकी सहयोगी पार्टी राष्ट्रीय लोकदल भी इसमें शामिल है। कांग्रेस भी धीरे-धीरे इस गठबंधन को मजबूत करने की कोशिश में लगी हुई है। घोसी विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस ने समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी सुधाकर सिंह को समर्थन दे दिया है। ये उपचुनाव I.N.D.I.A. गठबंधन का लिटमस टेस्ट माना जा रहा है। हालांकि इस चुनाव के परिणाम का लाेकसभा चुनाव पर ज्यादा असर नहीं पड़ने वाला लेकिन सांकेतिक तौर पर विपक्षी गठबंधन यहां जीत के साथ मनोवैज्ञानिक बढ़त लेने की कोशिश में हैं। भाजपा भी पूरा जोर लगा रही है। बहरहाल, बात लोकसभा चुनाव की करें तो I.N.D.I.A. गठबंधन से किस पार्टी को कौन सीटें मिलेंगीं? इस पर चर्चाएं सबसे ज्यादा है।

माना जा रहा है कि कांग्रेस पार्टी उन 21 लोकसभा सीटों पर सबसे ज्यादा जोर लगाएगी, जिन पर उसने 2009 के चुनाव में परचम लहराया था। लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है। 14 साल में गोमती में पानी काफी बह चुका है और यूपी में कांग्रेस की हालत इस कदर खराब है कि कई जगह उसके के पास प्रत्याशी तक के लाले हैं। कांग्रेस का अमेठी किला भी भाजपा की स्मृति ईरानी ध्वस्त कर चुकी हैं। उन 21 में से 18 सीटों पर भगवाह फहरा रहा है। अकेले रायबरेली के लिए भी चुनौती कड़ी हो रही है।

2009 के चुनाव में कांग्रेस ने जिन सीटों पर जीत दर्ज की उनमें अकबरपुर, अमेठी, रायबरेली, बहराइच, बाराबंकी, बरेली, धौरहरा, डुमरियागंज, फैजाबाद, फर्रुखाबाद, गोंडा, झांसी, कानपुर, खीरी, कुशीनगर, महाराजगंज मुरादाबाद, प्रतापगढ़, श्रावस्ती, सुल्तानपुर और उन्नाव प्रमुख थीं।

उस जीत के नायक राहुल गांधी माने गए। उनके अलावा सोनिया गांधी, राजाराम पाल, कमल किशोर, पीएल पुनिया, प्रवीन सिंह, जितिन प्रसाद, जगदंबिका पाल, निर्मल खत्री, सलमान खुर्शीद, बेनी प्रसाद वर्मा, प्रदीप कुमार जैन, श्रीप्रकाश जायसवाल, जफर अली नकवी, आरपीएन सिंह, हर्ष वर्द्धन, मोहम्मद अजहरुद्दीन, राजकुमार रत्ना सिंह, विनय कुमार विन्नू, डॉ संजय सिंह और अन्नू टंडन ने जीत का परचम लहराया।

लेकिन 2009 के बाद कांग्रेस का ग्राफ तेजी से गिरा। पार्टी में प्रयोग तमाम हुए लेकिन धीरे-धीरे इसके पुराने नेता या तो दूसरी पार्टी में चले गए या उम्र के साथ राजनीति से ही दूर हो गए। जगदंबिका पाल, जितिन प्रसाद, आरपीएन सिंह और डॉ संजय सिंह अब भाजपा में जा चुके हैं। अन्नू टंडन समाजवादी हो चुकी हैं।

2014 के बाद इन 21 में से ज्यादा सीटों पर भाजपा ने भगवा फहरा रखा है। 2019 में राहुल गांधी अमेठी हार चुके हैं। प्रवीन सिंह की बरेली संतोष गंगवार की हो चुकी है। धौरहरा रेखा वर्मा के पास है। जगदंबिका पाल अभी भी डुमरियागंज से सांसद हैं लेकिन उनकी पार्टी भाजपा है। इसी तरह श्रीप्रकाश जायसवाल की कानपुर सीट पर अब सत्यदेव पचौरी सांसद हैं।

समाजवादी पार्टी के एसटी हसन मुरादाबाद सीट कांग्रेस से छीन चुके हैं। इसी तरह से श्रावस्ती भी अब बसपा के राम शिरोमणि के खाते में है।

यूपी में लाेकसभा चुनाव (2009) – राजनीतिक दल कितनी सीटें जीतीं? मत प्रतिशत क्या रहा?

समाजवादी पार्टी 23 23.3

कांग्रेस 21 18.3

बसपा 20 27.4

भाजपा 10 17.5

राष्ट्रीय लोकदल 5 3.3

इंडिपेंडेंट 1 4.5

महत्वपूर्ण बात ये है कि 2009 में कांग्रेस ने 18.3 वोट शेयर के साथ प्रदेश में 21 सीटें जीत ली थीं और भाजपा 17.5 वोट शेयर के साथ सिर्फ 10 सीटें जीत सकी थी।

यूपी लोकसभा चुनाव 2019- राजनीतिक दल कितनी सीटें जीतीं? मत प्रतिशत क्या रहा?

भाजपा 62 50

बसपा 10 19.4

सपा 5 18.1

अपना दल 2 1.2

कांग्रेस 1 6.4

10 साल बाद 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस सिर्फ एक रायबरेली की सीट बचा सकी और पूरे प्रदेश में सिर्फ 6.4 प्रतिशत वोट शेयर पर सिमट गई। वहीं भाजपा इन 10 सालों में 62 सीटों पर काबिज हो गई और उसका 50 प्रतिशत वोट शेयर हो गया।

लोकसभा सीट लोकसभा चुनाव 2009 परिणाम (कांग्रेस) लोकसभा चुनाव 2019 परिणाम राजनीतिक दल

अकबरपुर राजाराम पाल देवेंद्र सिंह भोले भाजपा

अमेठी राहुल गांधी स्मृति ईरानी भाजपा

बहराइच कमल किशोर अक्षयबर लाल भाजपा

बाराबंकी पीएल पुनिया उपेंद्र सिंह रावत भाजपा

बरेली प्रवीन सिंह संतोष गंगवार भाजपा

धौरहरा जितिन प्रसाद रेखा वर्मा भाजपा

डुमरियागंज जगदंबिका पाल जगदंबिका पाल भाजपा

फैजाबाद निर्मल खत्री लल्लू सिंह भाजपा

फर्रुखाबाद सलमान खुर्शीद मुकेश राजपूत भाजपा

गोंडा बेनी प्रसाद वर्मा कीर्तिवर्द्धन सिंह भाजपा

झांसी प्रदीप कुमार जैन अनुराग शर्मा भाजपा

कानपुर श्रीप्रकाश जायसवाल सत्यदेव पचौरी भाजपा

खीरी जफर अली नकवी अजय कुमार भाजपा

कुशीनगर आरपीएन सिंह विजय कुमार दुबे भाजपा

महराजगंज हर्षवर्द्धन पंकज चौधरी

मुरादाबाद मो अजहरुद्दीन एसटी हसन सपा

प्रतापगढ़ राजकुमार रत्ना सिंह संगम लाल गुप्ता भाजपा

रायबरेली सोनिया गांधी सोनिया गांधी कांग्रेस

श्रावस्ती विनय कुमार राम शिरोमणि बसपा

सुल्तानपुर डॉ संजय सिंह मेनका गांधी भाजपा

उन्नाव अन्नू टंडन साक्षी महाराज भाजपा

इन सीटों की ताजा स्थिति पर नजर डालें तो कांग्रेस रायबरेली और अमेठी में ही दिखती है। बाकी जगह भाजपा को या तो सपा से या बसपा से चुनाैती मिलती है। बसपा सुप्रीमो ने ऐलान कर दिया है कि वह अकेले चुनाव लड़ेंगीं। ऐसे में सवाल ये उठता है कि कांग्रेस क्या इंडिया गठबंधन के तहत समाजवादी पार्टी से ये सीटें ले पाएगी? दूसरा अगर सीट ले भी लेती है तो क्या कांग्रेस, सपा, रालोद मिलकर बसपा की चुनौती को पीछे कर भाजपा से सीट जीत पाएंगे? बहरहाल कांग्रेस ने अजय राय को नया यूपी कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष बनाया है। पार्टी नए जोश के साथ लोकसभा चुनाव मैदान में उतरने की तैयारी कर रही है। अब देखना होगा कि अजय राय इतने कम समय में कैसे उत्तर प्रदेश में बिखर चुके कांग्रेस संगठन को दुरुस्त करते हैं और चुनाव में जोर लगाते हैं?

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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