आत्माराम त्रिपाठी की रिपोर्ट
लखनऊ। परिषदीय विद्यालयों की 69000 शिक्षक भर्ती के एक अंक विवाद से प्रभावित अभ्यर्थियों द्वारा सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार नियुक्ति के लिए शुक्रवार के दिन भी धरना प्रर्दशन जारी रहा।
धरने के 11वें दिन प्रदेशभर से आए सैकड़ों अभ्यर्थियों को तेज धूप का सामना करते हुए अपनी मांग को शासन तक पहुंचाने के लिए धरना प्रदर्शन जारी रहा।
मामला यह है कि 10 माह पहले 09 नवंबर 2022 के दिन सुप्रीम कोर्ट में सरकार की अपील को खारिज करते हुए 25 अगस्त 2021 इलाहाबाद हाईकोर्ट की डबल बेंच के आदेश को बरकरार रखते हुए शैक्षिक परिभाषा प्रश्न पर एक अंक देकर मेरिट के अनुसार विभाग में नियुक्त करने का आदेश पारित किया।
परीक्षा नियामक प्राधिकारी प्रयागराज के सचिव अनिल भूषण चतुर्वेदी के द्वारा 11 जनवरी 2023 से 19 जनवरी 2023 तक ऑनलाइन प्रत्यावेदन प्राप्त किए गए, फिर 2 मार्च 2023 को 1 अंक के पात्र 2249 अभ्यर्थियों की लिस्ट बेसिक शिक्षा परिषद में प्रेषित की गई। 6 माह से बेसिक शिक्षा परिषद कार्यालय में लंबित है जिन्हें शैक्षिक परिभाषा वाले प्रश्न पर एक अंक मिलकर मेरिट के अनुसार नियुक्ति मिलनी है।
सप्ताह भर से ऊपर समय से अभ्यर्थियों द्वारा धरना प्रदर्शन किया जा रहा है लेकिन शासन ने अभी तक इस प्रकरण पर कोई भी लिखित कार्यवाही नहीं की है कुछ दिन पहले अभ्यर्थियों की मुलाकात महानिदेशक स्कूलशिक्षा विजय किरण आनंद एवं बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव प्रताप सिंह बघेल से हुई थी नियुक्ति का आश्वासन ही अधिकारियों द्वारा दिया गया था। जिससे प्रदेशभर से आए अभ्यर्थियों की उम्मीद टूट चुकी है।
आदेश के 10 माह बीत जाने के बाद एक सप्ताह के ऊपर समय से सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार नियुक्ति के लिए धरना प्रदर्शन कर रहे दुर्गेश शुक्ला, रोहित शुक्ला, राम मिश्रा, प्रसून दीक्षित आदि ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश को आए 10 माह बीत चुके हैं और वर्तमान में 2249 अभ्यार्थियों की मेरिट कटऑफ बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव प्रताप सिंह बघेल के द्वारा निर्धारित नहीं की गई है और ना ही कोई लिखित आदेश जारी किया गया है। मांग यह है कि परिषद हमारे प्रकरण पर लिखित कार्यवाही कर बेसिक स्कूलों में शिक्षक पद पर नियुक्ति दें।
Author: samachar
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