दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट
कानपुरः यूपी के कानपुर (Kanpur)का राजकीय बालिका गृह हमेशा विवादों में रहता है। राजकीय बालिका गृह में सोमवार सुबह एक ढ़ाई महीने के बच्चे की मौत हो गई। इसके बाद दो नाबालिग लड़कियां गायब हो गईं। चर्चा है कि वे कहीं भाग गईं। इसकी भनक भी किसी को नहीं लग पाई। सोमवार शाम जब गिनती की गई, तो चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। दो नाबालिग लड़कियों के भाग जाने से बालिका गृह में हड़कंप मच गया। इस घटना की सूचना कानपुर डीएम और जिला प्रोबेशन अधिकारी को दी गई।
जिम्मेदार अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर तैनात अधीक्षक, ड्यूटी पर तैनात सिपाही, होमगार्ड और कर्मचारियों से पूछताछ की। सभी कर्मचारी एक दूसरे के सिर पर ठीकरा फोड़ते रहे।
स्वरूप थाना क्षेत्र स्थित राजकीय बालिका गृह में कानपुर देहात से 31 जुलाई और 3 अगस्त को दो नाबालिग लड़कियां किशोर न्याय बोर्ड के आदेश पर भेजी गईं थीं।
जानकारी के मुताबिक दोनो नाबालिग लड़कियों ने दोपहर का भोजन किया था। इसके बाद कर्मचारियों की ड्यूटी बदल गई थी। जब इनकी गिनती दोबारा की गई, तो दो नाबालिग लड़कियां कम निकलीं।
अधीक्षक मंजू वर्मा ने इसकी सूचना जिला प्रोबेशन अधिकारी जगदीप सिंह को दी। हैरानी की बात यह है कि बालिका गृह के किस हिस्से से दोनों नाबालिग भागी हैं, इसकी जानकारी भी नहीं जुटा पा रहे हैं।
सीसीटीवी फुटेज में भी नजर नहीं आई नाबालिग
राजकीय बालिका गृह सीसीटीवी कैमरों से लैस है। बालिका गृह के चप्पे-चप्पे पर सीसीटीवी कैमरे लगे हैं। जब सीसीटीवी फुटेज को खंगाला गया, तो दोनों नाबालिग लडकियां उसमें नजर नहीं आईं।
अधिकारी खुद हैरान हैं कि पूरे परिसर में कैमरे लगे हैं, तो नाबालिग लड़कियों के भागने की पुष्टि क्यों नहीं हो पाई? कैसे बालिका गृह से निकलीं, और कर्मचारियों और सुरक्षाकर्मियों की नजर नहीं पड़ी?
कई बच्चों की हो चुकी है मौत
राजकीय बालिका गृह में तीन महीने पहले एक छह माह के बच्चे की मौत हो गई थी। जिम्मेदार अधिकारियों ने कहा था कि रात में दूध पीकर सोया था, और सुबह उसकी मौत हो गई थी। बच्चे के परिजनों ने लापरवाही का आरोप लगाया था। परिजनों का कहना था कि बच्चा बीमार था, उसका इलाज नहीं कराया गया।
बीते सोमवार को भी एक ढ़ाई महीने के बच्चे की मौत हो गई। बच्चे की मौत कैसे हुई, अभी यह स्पष्ट नहीं है। मंगलवार को बच्चे का पोस्टमॉर्टम कराया जाएगा।
Author: samachar
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